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मणिपुर में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ लगे 'गो बैक' के नारे? नहीं, यह असम का पुराना वीडियो है

लेखक: सोहम शाह

जुलाई 11 2024

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मणिपुर में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ लगे 'गो बैक' के नारे? नहीं, यह असम का पुराना वीडियो है दावा है कि मणिपुर में ‘राहुल गांधी गो बैक’ के नारों के साथ राहुल गांधी को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो जनवरी 2024 का और असम के नागांव ज़िले का है. इसका राहुल गांधी की मणिपुर की हालिया यात्रा से कोई संबंध नहीं है.

दावा क्या है?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह भीड़ से घिरे हुए हैं और लोगों का एक समूह "राहुल गांधी वापस जाओ" और "राहुल गांधी हाय हाय" के नारे लगाता हुआ नज़र आ रहा है. दावा है कि यह घटना लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष की मणिपुर की हालिया यात्रा के दौरान हुई.

वीडियो में, प्रदर्शनकारियों ने अंग्रेजी और असमिया में नारे लिखे पोस्टर पकड़े हुए हैं, जिनमें "रकीबुल हुसैन वापस जाओ" और "रकीबुल हटाओ, समागुरी बसाओ" शामिल हैं.रकीबुल हुसैन धुबरी से कांग्रेस सांसद हैं, जो पहले समागुरी से विधानसभा के सदस्य थे. 

इसके अलावा, वीडियो में "अन्नय यात्रा (अन्याय मार्च)" और "राहुल गांधी वापस जाओ" लिखे पोस्टर भी देखे जा सकते हैं और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई राहुल गांधी के साथ दिखाई दे रहे हैं, जबकि अधिकारी उन्हें प्रदर्शनकारी भीड़ से दूर ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ऋचा राजपूत, जो ग़लत और भ्रामक ख़बरें फैलाने के लिए जानी जाती है, ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "..राहुल गांधी मणिपुर के लोगों से मिलने के लिए दौरे पर थे, लेकिन मणिपुरी लोगों ने 'राहुल गांधी वापस जाओ' के नारे लगाए..अपने खिलाफ विरोध को देखते हुए राहुल गांधी ने खटाखट छोड़ दिया." इस पोस्ट को अब तक 68,000 से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट

हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल हो रहा वीडियो न तो हाल के दिनों का है और न ही मणिपुर का, बल्कि यह असम का पुराना वीडियो है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?

हमने देखा कि वायरल वीडियो में फ्रेम के ऊपरी दाएं कोने में न्यूज़ एजेंसी एएनआई का लोगो नज़र आ रहा है.

वीडियो के फ्रेम में एएनआई का लोगो दिखाई दे रहा है. (स्रोत: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हमें एएनआई के आधिकारिक एक्स अकाउंट (आर्काइव यहां) पर जनवरी 21, 2024 को पोस्ट किए गए वीडियो का थोड़ा लंबा वर्ज़न मिला. पोस्ट का शीर्षक था: "असम: आज शाम को नागांव के अंबागन इलाके में 'राहुल गांधी वापस जाओ' और 'अन्याय यात्रा' के पोस्टर लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया."

हमें डेक्कन हेराल्ड द्वारा प्रकाशित प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की एक न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली जिसमें इस घटना का विवरण दिया गया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक़, यह वीडियो अंबागन में एक भोजनालय के बाहर रिकॉर्ड किया गया था, जब राहुल गांधी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के लिए असम के रूपोही जा रहे थे. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उस दिन पहले राज्य कांग्रेस प्रमुख भूपेन कुमार बोरा पर हमला किया गया था, और एक अलग घटना में कांग्रेस नेता जयराम रमेश की कार पर हमला किया गया था.

वीडियो की बारीकी से जांच करने पर, हमें "पूजा गिफ्ट स्टोर" नाम की एक दुकान और उसके सामने "गुरुकुल ग्लोबल एकेडमी" लिखा हुआ एक साइन बोर्ड नज़र आया.

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

इस दुकान को गूगल मैप्स पर सर्च करने पर हमें पता चला कि यह असम के पचिम सुआलानी में स्थित है. गूगल मैप्स पर स्टोरफ्रंट के सामने "गुरुकुल ग्लोबल एकेडमी" का साइन भी दिखाई देता है. दुकान के साइनबोर्ड पर स्पष्ट रूप से इसका स्थान अंबागन, नागांव, असम बताया गया है, जिससे यह पुष्टि होती है कि घटना असम में हुई थी, न कि मणिपुर में, जैसा कि दावा किया गया है.

गूगल मैप्स पर दिख रहे स्टोर का स्क्रीनशॉट (सोर्स: गूगल मैप्स)

हमें जुलाई 8, 2024 को राहुल गांधी की मणिपुर की हालिया यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन की कोई ख़बर नहीं मिली. मणिपुर मई 2023 से जातीय संघर्ष का सामना कर रहा है. द हिंदू के मुताबिक़, मई 2023 तक 221 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 50,000 से ज़्यादा लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए थे.

निर्णय

हमारी जांच से यह साफ़ हो जाता है कि वायरल वीडियो जनवरी 2024 का है जब राहुल गांधी को असम में भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा था और इसका राहुल गांधी की हालिया मणिपुर यात्रा से कोई संबंध नहीं है.

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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