लेखक: राजेश्वरी परासा
जनवरी 31 2024
यह वीडियो राजस्थान के सांवलिया मंदिर का है और इसे अयोध्या के राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह से कई दिन पहले रिकॉर्ड किया गया था.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद मिले दान को दिखाने का दावा किया गया है. 20 सेकंड की इस वीडियो क्लिप में लोगों को एक दान पेटी से छोटी टोकरियों में नकदी भरते हुए दिखाया गया है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "'अयोध्या धाम' के राम मंदिर में पहले ही दिन आधे दिन में दान पेटी नोटों से भर गई. आज ₹3 करोड़ 17 लाख का कलेक्शन रहा. इसे टेम्पल इकोनॉमी कहा जाता है. कितने स्कूल और अस्पताल बनाये जा सकते हैं?”
ऐसे ही दावों वाले पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो अयोध्या के राम मंदिर का नहीं, बल्कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित सांवलिया सेठ मंदिर का है.
सच्चाई क्या है?
वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजने पर हमें यूट्यूब पर शॉर्ट्स के रूप में 19 जनवरी, 2024 को अपलोड हुआ एक समान वीडियो मिला. इस वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया था: "चित्तौड़गढ़ राजस्थान का सावरिया सेठ मंदिर, सबसे अमीर मंदिर." इसके अलावा, यूट्यूब वीडियो में इंस्टाग्राम अकाउंट '@Sanwaliya_seth_1007' का वॉटरमार्क भी मौजूद है.
इंस्टाग्राम अकाउंट @Sanwaliya_seth_1007, या नितिन वैष्णव, जो अपने बायो में ख़ुद को राजस्थान के सांवलिया मंदिर के पुजारी बताते हैं, ने 16 जनवरी, 2024 को इंस्टाग्राम पर वीडियो अपलोड किया था. वीडियो के साथ एक कैप्शन भी था जिसमें 'रिकॉर्ड कलेक्शन' के बारे में बताया गया था. मंदिर को 12 करोड़ 69 लाख रुपये का दान प्राप्त हुआ. हिंदू देवता भगवान कृष्ण को समर्पित सांवलिया सेठ मंदिर, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले में स्थित है.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने सांवलिया मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि राम मंदिर के दान के रूप में शेयर किया जा रहा वीडियो असल में सांवलिया मंदिर का है. उन्होंने बताया, "वीडियो 10 जनवरी, 2024 को हमारे मंदिर में दान पेटी खोलने और दान कलेक्शन गिनने की हमारी मासिक रस्म के दौरान कैप्चर किया गया था, यह प्रथा हम हर महीने, अमावस्या से एक दिन पहले अपनाते हैं."
आगे की जांच से पता चला कि मंदिर भक्तों से महत्वपूर्ण दान प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध है. डीएनए की फ़रवरी 2021 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर में बड़े दान मिलना एक नियमित घटना है.
निर्णय
राजस्थान के सांवलिया मंदिर में दान पेटी के वीडियो को ग़लत तरीके से अयोध्या में राम मंदिर को मिले दान दिखाने के दावे से शेयर किया गया है. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
(ट्रांसलेशन: मोहम्मद सलमान)