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नहीं, भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता नहीं मिली है

लेखक: प्रभानू दास

अक्टूबर 14 2024

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वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व जगत के कई नेताओं के साथ दिखाया गया है. सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता मिल गई है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वेबसाइट के अनुसार, अभी तक केवल पांच स्थायी सदस्य हैं - संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, चीन और रूस.

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता मिल गई है, जिसके कारण अब उसके पास वीटो की शक्ति है. वायरल पोस्ट्स में इस उपलब्धि की सराहना की जा रही है और लोग 'बधाई' जैसे संदेश शेयर कर रहे हैं. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सनातनी हिन्दू नाम के यूज़र, जो अक्सर फ़ेक न्यूज़ फ़ैलाने के लिए जाना जाता है, ने लिखा, "भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा काउंसिल में  वीटो पावर के साथ स्थाई सदस्यता मिली है. पहले केवल पांच देशों को यह दर्जा प्राप्त था. अब छ: देश हो गए  हो गये हैं। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें. 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत सहित और स्थायी सदस्यों को जोड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन बढ़ रहा है, लेकिन इसे अभी तक स्थायी सदस्य नहीं बनाया गया है.

यूएनएससी, स्थायी सदस्य और वीटो वोट

यूएनएससी संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है. यह एकमात्र ऐसा अंग है जो सदस्य देशों को बाध्यकारी प्रस्ताव जारी कर सकता है और संयुक्त राष्ट्र को नए सदस्य देशों की सिफारिश कर सकता है. अपने मैंडेट के अनुसार, यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, संघर्ष मध्यस्थता, यूएन चार्टर में बदलावों को मंजूरी देने, शांति मिशन, सैन्य कार्रवाई को अधिकृत करने और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करने के लिए प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार है.

यूएनएससी की सदस्यता में पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य शामिल हैं. पांच स्थायी सदस्यों का चयन 1945 में किया गया था और वे अब तक बने हुए हैं. ये सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, चीन और रूस हैं. 10 अस्थायी सदस्यों को महासभा में आयोजित गुप्त मतदान के ज़रिये दो साल की अवधि के लिए चुना जाता है. वर्तमान गैर-स्थायी सदस्य अल्जीरिया, इक्वाडोर, गुयाना, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक, कोरिया गणराज्य, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और स्विटजरलैंड हैं.

दोनों के बीच एक और अंतर वीटो पावर है. स्थायी सदस्य किसी भी प्रस्ताव पर वीटो लगा सकते हैं, भले ही उसे बहुमत की स्वीकृति मिली हो या नहीं. उदाहरण के लिए, भले ही 14 अन्य देश किसी प्रस्ताव के पक्ष में वोट दें, लेकिन अगर कोई स्थायी सदस्य उस पर वीटो लगाता है तो वह पारित नहीं होगा. इसका इस्तेमाल अक्सर स्थायी सदस्यों द्वारा अपने और अपने सहयोगियों के ख़िलाफ़ प्रस्तावों को रोकने के लिए किया जाता है.

क्या भारत को स्थायी सदस्य बनाया गया है?

नहीं, यूएनएससी की नवीनतम बैठकों और प्रस्तावों के अनुसार भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य नहीं बनाया गया है. यूएनएससी की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में पांच स्थायी सदस्य हैं, जिनका ज़िक्र ऊपर किया गया है. पिछली बार भारत 2021-2022 के कार्यकाल के लिए अस्थायी सदस्य था.

परिषद की सदस्यता में सुधार और भारत सहित नए स्थायी सदस्यों को जोड़ने के लिए चर्चा और समर्थन हुआ है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल हो रहा दावा ग़लत है. अभी तक भारत किसी भी क्षमता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है. 

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