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क्या राहुल गांधी अपनी रैलियों में 'चीनी संविधान' दिखाते हैं? असम के सीएम का दावा ग़लत है

लेखक: इशिता गोयल जे

मई 21 2024

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क्या राहुल गांधी अपनी रैलियों में 'चीनी संविधान' दिखाते हैं? असम के सीएम का दावा ग़लत है दावा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी रैलियों में चीन के संविधान की कॉपी दिखाते हैं. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी रैलियों में गोपाल शंकरनारायणन द्वारा लिखित भारत के संविधान का एक लाल-कवर कोट पॉकेट वर्ज़न पकड़े हुए नज़र आते हैं.

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लाल कवर वाली किताब पकड़े हुए एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी के हाथ में 'चीन के संविधान' की कॉपी है, जिस पर 'लाल कवर' है, जबकि 'भारतीय संविधान' पर 'नीला कवर' होता है.

यह दावा सबसे पहले बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मई 17 के एक पोस्ट में किया था (आर्काइव यहां). उन्होंने लिखा था, "भारत के संविधान की मूल प्रति का कवर नीला है. मूल चीनी संविधान का कवर लाल है. क्या राहुल चीनी संविधान लेकर चल रहे हैं? हमें वेरीफाई करने की ज़रूरत है."

हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने बयान को सही ठहराने के लिए मई 18 को एक्स पर फिर से पोस्ट किया (आर्काइव यहां) और कहा, "राहुल अपनी रैलियों में भाग लेने वाले लोगों को लाल चीनी संविधान दिखा रहे हैं. हमारे संविधान, जो नीला है, में राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत नामक एक अध्याय शामिल है. यह अध्याय हमारे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को एक पवित्र कर्तव्य बनाता है. राहुल अब इसका विरोध कर रहे हैं इसलिए मुझे यकीन है कि उनके हाथ में संविधान चीनी होगा."

सरमा की पहली पोस्ट में दो अलग-अलग तस्वीर शामिल थीं: एक लाल कवर के साथ चीनी संविधान की और दूसरी नीले कवर के साथ भारतीय संविधान की. बाद में अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस पोस्ट को आगे बढ़ाना शुरू किया. ऐसी पोस्टों के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

सच्चाई क्या है?

हमने पाया कि लाल कवर वाली किताब के साथ राहुल गांधी की तस्वीर प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) की वेबसाइट पर मई 5, 2024 से मौजूद है. इस तस्वीर कैप्शन के साथ कैप्शन दिया गया था, "कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेलंगाना के गडवाल में लोकसभा चुनाव के लिए एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया." , रविवार, मई 5, 2024 (पीटीआई फ़ोटो)."

पीटीआई फ़ोटो वेबसाइट पर राहुल गांधी की तस्वीर. (सोर्स: पीटीआई /स्क्रीनशॉट)

इसके बाद, हम गडवाल में उसी कार्यक्रम के वीडियो को देखा, जिसमें राहुल गांधी ने अपना भाषण दिया था. इस वीडियो (आर्काइव यहां) को मई 5, 2024 को राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर बतौर लाइवस्ट्रीम पोस्ट किया गया था. वीडियो में 29:17 की समयावधि पर, राहुल गांधी उसी लाल कवर वाली एक किताब दिखाते हैं, जिसके कवर पर "भारत का संविधान" स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है.

इस दौरान किताब को हाथ में लेते हुए, राहुल गांधी कहते हैं, “...अगर देश में ग़रीब लोगों को कुछ मिला, पिछड़ों को, दलितों को, आदिवासियों को कुछ मिला, तो उसका कारण ये किताब - हमारा संविधान - है. अगर आपको सरकार में रोज़गार मिलता है, अगर पब्लिक सेक्टर बना, अगर आपको आरक्षण मिला, तो सारा का सारा इस किताब के कारण मिला. इस किताब के पहले आपके लिए संविधान में कोई अधिकार नहीं थे. हिंदुस्तान में 50 परसेंट पिछड़े वर्ग के लोग हैं, 15 परसेंट दलित हैं, 8 परसेंट आदिवासी हैं, 5 परसेंट ग़रीब जनरल के लोग हैं, 15 परसेंट माइनॉरिटी के हैं. इन लोगों की रक्षा ये किताब करती है.और बीजेपी के लोग, नरेंद्र मोदी इस किताब को फाड़कर फेंकना चाहते हैं. ये किताब आंबेडकर जी और गांधी जी ने दी..." + यहां संदर्भ स्पष्ट रूप से भारत के संविधान को संदर्भित करता है.

तेलंगाना युवा कांग्रेस ने भी अप्रैल  29, 2024 को भारतीय संविधान की लाल कवर वाली प्रति पकड़े हुए गांधी की एक ऐसी ही तस्वीर (आर्काइव यहां) पोस्ट की थी.

लाल कवर वाला भारत का संविधान

हमें ईस्टर्न बुक कंपनी (ईबीसी) द्वारा प्रकाशित गोपाल शंकरनारायणन की 'भारत का संविधान (कोट पॉकेट वर्ज़न)' शीर्षक वाला एक ख़ास वर्ज़न मिला. यह किताब ईबीसी वेबस्टोर, एक ऑनलाइन लॉ बुकस्टोर और अमेज़ॅन ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. हमने पाया कि यह ईबीसी वर्ज़न उस प्रति से मेल खाती है जो राहुल गांधी ने वायरल तस्वीर में पकड़ रखी थी.

लाल कवर कॉपी के साथ अन्य नेता

यह पहली बार नहीं है जब किसी राजनेता को यह प्रति पकड़े हुए देखा गया हो. इससे पहले,  गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को इसी किताब की एक प्रति के साथ देखा चुका है.

अक्तूबर 23, 2023 को, ऑनलाइन कालीगल रिसर्च डेटाबेस एससीसी ऑनलाइन (आर्काइव लिंक) (ईबीसी द्वारा प्रकाशित) ने शाह की एक प्रति प्राप्त करते हुए एक तस्वीर पोस्ट की थी और लिखा, "ईबीसी निदेशक, श्री सुमेन मलिक, और श्री सुमीत मलिक, भारत के गृह मंत्री श्री अमित शाह को कोट पॉकेट संविधान की एक प्रति भेंट की."

इसी तरह, जुलाई 26, 2017 को प्रकाशित द स्टेट्समैन की रिपोर्ट में भी नरेंद्र मोदी की तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को संविधान की एक समान प्रति भेंट करते हुए एक तस्वीर मौजूद है.

जुलाई 15, 2021 को, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (आर्काइव लिंक) ने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें कोविंद को मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल से एक प्रति प्राप्त करते हुए दिखाया गया है.

 

भारतीय संविधान का नीला कवर वर्ज़न

जनवरी 30, 2024 की टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट, जिसका शीर्षक, "उन्होंने यह कैसे सुनिश्चित किया कि भारत का संविधान युगों-युगों तक कायम रहे," में वर्तमान में वायरल पोस्ट में 'मूल नीले रंग के कवर वाले संविधान' को दिखाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तस्वीर शामिल है.

रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के संविधान की मूल हस्तलिखित प्रतियां संसद पुस्तकालय के अंदर प्रदर्शन बक्से में रखी हैं.

संविधान विवाद

राहुल गांधी ने शुरू में सभी पार्टी उम्मीदवारों को नामांकन और जनसभा के दौरान संविधान की एक प्रति ले जाने के लिए कहा था. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर यहां तक आरोप लगाया कि वह केवल संविधान की प्रति लेकर जा रहे हैं लेकिन उसे पढ़ नहीं रहे हैं.

मई 17, 2024 को राहुल गांधी ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ एक रैली में इस मुद्दे को उठाया था. यहां राहुल गांधी  ने कथित तौर पर नागरिकों के संवैधानिक मूल्यों और अधिकारों को कमजोर करने के प्रयास के लिए मोदी की आलोचना की थी. इसके बाद सरमा ने सवाल किया कि क्या राहुल गांधी 'लाल कवर वाले चीनी संविधान' लेकर चल रहे थे.

निर्णय

वायरल तस्वीर में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी गोपाल शंकरनारायणन (ईबीसी द्वारा प्रकाशित) द्वारा लिखित भारत के संविधान का एक कोट पॉकेट वर्ज़न पकड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. इसलिए, यह दावा कि गांधीजी चीनी संविधान की प्रति लेकर चल रहे हैं, ग़लत है.

(ट्रांसलेशन: सलमान)

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