होम ‘इंडिया’ गठबंधन नेताओं ने संसद के बाहर भारतीय संविधान दिखाया था, चीनी संविधान नहीं

‘इंडिया’ गठबंधन नेताओं ने संसद के बाहर भारतीय संविधान दिखाया था, चीनी संविधान नहीं

लेखक: मोहम्मद सलमान

जून 25 2024

शेयर आर्टिकल: facebook logo twitter logo linkedin logo
‘इंडिया’ गठबंधन नेताओं ने संसद के बाहर भारतीय संविधान दिखाया था, चीनी संविधान नहीं सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में 'इंडिया' गठबंधन के नेताओं के हाथ में दिख रही लाल किताब चीन के संविधान की कॉपी है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

'इंडिया' गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में भारतीय संविधान के लाल कवर वाले कोट पॉकेट वर्ज़न के साथ विरोध प्रदर्शन किया था, न कि चीनी संविधान के साथ.

दावा क्या है?

जून 24, 2024 को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ. इस दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर भारतीय संविधान की प्रतियां लहराईं और ‘संविधान बचाओ’ के नारे लगाए. विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति का भी विरोध किया.

इस विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, और राहुल गांधी सहित अन्य विपक्षी सांसद हाथों में लाल किताब लहराते और संविधान की रक्षा के नारे लगाते नज़र आ रहे हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में 'इंडिया' गठबंधन के नेताओं के हाथ में दिख रही लाल किताब चीन के संविधान की कॉपी है. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "वे चीनी लाल किताब क्यों पकड़े हुए हैं? यह भारतीय संविधान नहीं है. यह लाल रंग में नहीं है.” पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी तरह एक अन्य यूज़र ने कैप्शन दिया, "चीनी संविधान के साथ विरोध प्रदर्शन." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां देखें.

वायरल पोस्ट्स का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, वायरल दावा ग़लत है. वीडियो में 'इंडिया' गठबंधन के नेता संसद परिसर में  ईस्टर्न बुक कंपनी (ईबीसी) द्वारा प्रकाशित भारतीय संविधान के लाल-कवर वाले कोट पॉकेट वर्ज़न को लहराते हुए दिखाई दे रहे हैं, न कि चीनी संविधान, जैसा कि दावा किया गया है. 

हमने सच का पता कैसे लगाया?

हमने पाया कि यह वीडियो (आर्काइव यहां) न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने जून 24, 2024 को शेयर किया था. इस वीडियो के साथ जानकारी दी गई थी कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.

भारतीय संविधान का लाल-कवर पॉकेट वर्ज़न

हमारी जांच में सामने आया कि भारतीय संविधान के लाल-कवर कोट पॉकेट वर्ज़न को ईस्टर्न बुक कंपनी (ईबीसी) द्वारा प्रकाशित किया गया था. इसे गोपाल शंकरनारायणन ने लिखा था. यह किताब ईबीसी वेबस्टोर, एक ऑनलाइन लॉ बुकस्टोर और अमेज़ॅन ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. यह ईबीसी वर्ज़न उस प्रति से मेल खाती है जो वायरल वीडियो में'इंडिया' गठबंधन नेताओं के हाथों में नज़र आती है.

लाल-कवर कॉपी के साथ अन्य नेता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को इसी किताब की एक प्रति के साथ देखा चुका है.

अक्तूबर 23, 2023 को ऑनलाइन कॉलेजियल रिसर्च डेटाबेस एससीसी ऑनलाइन (आर्काइव यहां) (ईबीसी द्वारा प्रकाशित) ने अमित शाह को एक कॉपी प्राप्त करते हुए एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, "ईबीसी निदेशक, श्री सुमेन मलिक और श्री सुमीत मलिक भारत के गृह मंत्री श्री अमित शाह को कोट पॉकेट संविधान की एक कॉपी भेंट करते हुए."

इसी तरह, जुलाई 26, 2017 को प्रकाशित द स्टेट्समैन की एक रिपोर्ट में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को संविधान की ऐसी ही एक कॉपी भेंट करते हुए एक तस्वीर प्रकाशित की गई थी.

जुलाई 15, 2021 को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (आर्काइव यहां) ने एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें रामनाथ कोविंद को मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई छगनभाई पटेल से एक प्रति प्राप्त करते हुए दिखाया गया.

संविधान की लाल-कवर कॉपी और राहुल गांधी 

प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पीटीआई) की एक रिपोर्ट में ईस्टर्न बुक कंपनी के हवाले से कहा गया है कि कांग्रेस नेता राहुल राहुल गांधी द्वारा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई मौकों पर इस पॉकेट वर्ज़न को दिखाया था, जिसके बाद लोगों ने संविधान के कोट पॉकेट संस्करण में अधिक रुचि दिखानी शुरू कर दी है. 

रिपोर्ट में बताया गया है कि क़रीब 20 सेंटीमीटर लंबाई और नौ सेंटीमीटर चौड़ाई वाली संविधान की चमड़े की जिल्द वाली कॉपी को इसके प्रकाशकों ने पहली बार 2009 मेंपब्लिश किया था. 

ईस्टर्न बुक कंपनी के निदेशकों में से एक सुमित मलिक ने पीटीआई को बताया कि कोर्ट पॉकेट वर्ज़न छापने का विचार सुप्रीम कोर्ट के वकील गोपाल शंकरनारायणन का था, जिन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें ऐसा वर्ज़न प्रकाशित करना चाहिए जो वकीलों की कोर्ट पॉकेट में आसानी से फिट हो जाए.

रिपोर्ट में मलिक के हवाले से कहा गया है, "पहला वर्ज़न 2009 में लॉन्च किया गया था और अब तक इस किताब के लगभग 16 वर्ज़न प्रकाशित हो चुके हैं. और पिछले कुछ सालों में, इन कॉपीज़ को कई वकीलों और जजों ने खरीदा है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम नाथ कोविंद को भी दिया है, जब वे भारत के राष्ट्रपति बने."

यह पहली बार नहीं है जब संविधान के इस लाल कवर वाले पॉकेट वर्जन को चीन के संविधान के तौर पर पेश किया गया हो. दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी अक्सर अपनी रैलियों में संविधान की इस कॉपी को दिखाते थे. तब बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि राहुल गांधी अपने साथ भारत के संविधान की नहीं बल्कि चीन के संविधान की कॉपी रखते हैं. हमने इस दावे का फ़ैक्ट चेक किया था. यहां पढ़ें.

निर्णय 

हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता भारत के संविधान का लाल कवर वाला कोट पॉकेट वर्ज़न लहराते नज़र आये थे, न कि चीन का संविधान.

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

0 ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.