लेखक: ताहिल अली
नवम्बर 5 2024
वायरल नोटिस फ़ेक है. इंटरपोल ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं किया है.
दावा क्या है?
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) द्वारा कथित तौर पर जारी की गई एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर और नाम मौजूद है. दावा किया जा रहा है कि अमित शाह को "इंटरपोल की वांटेड लिस्ट" में डाल दिया गया है.
यह दावा हाल ही में कनाडा सरकार के एक मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच सामने आया है कि अमित शाह ने कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बनाने का आदेश दिया था. भारत ने तब से आरोपों का जवाब देते हुए उन्हें "बेतुका और निराधार" बताया है.
वायरल तस्वीर में सबसे ऊपर "इंटरपोल वांटेड" लिखा है, साथ ही नाम "अमित अनिलचंद्र शाह", उम्र "60" लिखा है और दावा किया गया है कि वह "हत्या की साजिश" के लिए "कनाडा" द्वारा वांटेड हैं.
एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि भारत के गृह मंत्री *अमित शाह* को हाल ही में *इंटरपोल की वांटेड लिस्ट* में शामिल किया गया है. कनाडा के उप विदेश मंत्री द्वारा कनाडाई सिख नागरिकों के ख़िलाफ़ हत्या अभियान को अधिकृत करने का आरोप लगाने के बाद शाह मुश्किल में हैं." इस पोस्ट और अन्य पोस्ट के आर्काइव्ड वर्ज़न यहां, यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, हमें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि इंटरपोल ने अमित शाह के खिलाफ़ ऐसा कोई 'वांटेड' नोटिस जारी किया है.
सच्चाई क्या है?
हमने संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये खोजबीन की, लेकिन हमें कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली जो पुष्टि करती हो कि इंटरपोल ने अमित शाह के खिलाफ़ 'वांटेड' नोटिस जारी किया है.
हमने इंटरपोल के सभी सोशल मीडिया अकाउंट चेक किए और ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला. हमने इंटरपोल द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए रेड नोटिस के बारे में भी देखा, लेकिन अमित शाह के नाम वाली कोई रिपोर्ट या नोटिस नहीं मिला. वेबसाइट के मुताबिक़, रेड नोटिस दुनिया भर के कानून प्रवर्तन से अनुरोध है कि वे प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की क़ानूनी कार्रवाई के लंबित किसी व्यक्ति का पता लगाएं और उसे अस्थायी रूप से गिरफ़्तार करें. हमें येलो नोटिस के तहत भी अमित शाह का नाम नहीं मिला.
इसके अलावा, हमने पाया कि 2019 की एक रिपोर्ट सहित कुछ परिणामों में शाह का नाम था, लेकिन उनमें से किसी में भी उनकी गिरफ़्तारी या नोटिस जारी होने का ज़िक्र नहीं था, जो दर्शाता है कि वायरल नोटिस फ़ेक है.
हमें क्या ख़ामियां मिलीं?
हमने वायरल तस्वीर और इंटरपोल द्वारा प्रकाशित असल नोटिस के बीच कुछ अंतर देखा.
2019 के असल इंटरपोल नोटिस में व्यक्ति का अंतिम नाम बड़े अक्षरों में लिखा गया है, जबकि देश का नाम और अन्य विवरण वाक्य-केस प्रारूप में लिखे गए हैं. इसके उलट, वायरल तस्वीर में देश का नाम बड़े अक्षरों में लिखा गया है, जबकि अंतिम नाम टाइटल कैप्स में है. इसके अलावा, वायरल तस्वीर में वांटेड होने का कारण टाइटल कैप्स में लिखा है, जबकि असल इंटरपोल नोटिस में ऐसा नहीं है.
इसके अलावा, इंटरपोल द्वारा अपने फ़ेसबुक और एक्स अकाउंट (आर्काइव यहां और यहां) पर पोस्ट किए गए 2024 के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलता है कि रेड नोटिस का फॉर्मेट अब अलग है.
भारत-कनाडा विवाद
अक्तूबर 14, 2024 को, कनाडा ने कई शीर्ष भारतीय राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया, यह आरोप लगाते हुए कि वे जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में 'पर्सन ऑफ़ इंटरेस्ट' थे. जवाब में, भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया तथा इस कार्रवाई को भारतीय अधिकारियों को 'निराधार निशाना' बनाने जैसा बताया.
कनाडाई अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ इस बात के सबूत शेयर किए हैं कि निज्जर की हत्या में भारतीय सरकार के एजेंट शामिल थे. भारतीय अधिकारियों ने ऐसे आरोपों को बेतुका बताया है और इस बात से इनकार किया है कि उनके साथ कोई सबूत शेयर किया गया है.
निर्णय
भारत के गृह मंत्री अमित शाह को इंटरपोल द्वारा वांटेड दिखाने वाली वायरल तस्वीर फ़ेक है. कोई भी न्यूज़ रिपोर्ट इस दावे का समर्थन नहीं करती है कि अमित शाह को वांटेड लिस्ट में डाला गया है, और इंटरपोल की आधिकारिक वेबसाइट पर ऐसे किसी भी नोटिस का कोई रिकॉर्ड नहीं मौजूद नहीं है.