लेखक: राजेश्वरी परासा
सितम्बर 17 2024
वायरल वीडियो में बांग्लादेश के बरगुना में स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रशीद मिया पर हमला दिखाया गया है. इसका भारत से कोई संबंध नहीं है.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें टी-शर्ट पहने एक युवक सफेद कुर्ता और टोपी पहने एक बुज़ुर्ग व्यक्ति पर हमला करता हुआ दिखाई दे रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि इसमें भारत में एक बुज़ुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की जा रही है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया, "भारत में बुजुर्ग व्यक्ति को पीटा गया." हालांकि, पोस्ट को डिलीट कर दिया गया था, लेकिन इसे लिखे जाने तक 168,000 से ज़्यादा बार देखा गया, 2,300 बार फिर से पोस्ट किया गया और 4,700 बार लाइक किया गया. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.
एक अन्य एक्स यूजर ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, "ये क़ायर जो भी है बहुत नींच और गिरा हुआ इंसान है एक मुस्लिम बुज़ुर्ग को कैसे पीट रहा है, उनका चश्मा तोड़ दिया, दाढ़ी टोपी दिखी नहीं की अंदर का शैतान जाग गया. #AllEyesOnIndianMuslim" इसी तरह की पोस्ट के आर्काइव्ड वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, दावा ग़लत है. वायरल वीडियो बांग्लादेश का है और भारत से इसका कोई संबंध नहीं है.
सच्चाई क्या है?
रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि वीडियो को सितंबर 8, 2024 को शेयर किया गया था, जिसमें कैप्शन में दावा किया गया था कि यह बांग्लादेश के बरगुना में "स्वतंत्रता सेनानी पर हमला" दिखाता है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.
आगे की जांच करने पर हमें सितंबर 8, 2024 को प्रकाशित ढाका पोस्ट (आर्काइव यहां) की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वही वीडियो मौजूद है. रिपोर्ट में बुज़ुर्ग व्यक्ति की पहचान पूर्व स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रशीद मिया के रूप में की गई है. उन पर हमला करने वाला व्यक्ति बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के नेता फारूक मोल्ला का बेटा शॉन मोल्ला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना सितंबर 8 को डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में हुई थी.
हमले के एक दिन बाद, रशीद ने बांग्लादेशी न्यूज़ चैनल जमुना टीवी (आर्काइव यहां) से बात की, जहां उन्होंने बताया कि डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय से गुज़रते समय, उन पर "फ़र्ज़ी स्वतंत्रता सेनानी" होने का आरोप लगाया गया, जिसके कारण विवाद और मारपीट हुई. ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट इन जानकारियों की पुष्टि करती है.
डेली स्टार की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक़, बरगुना में पीड़ित अब्दुर रशीद की शिकायत के बाद सितंबर 9, 2024 को हमलावर के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था. रिपोर्ट में यह भी ज़िक्र किया गया है कि शिकायत बरगुना सरदार पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी.
'फ़र्ज़ी स्वतंत्रता सेनानी' विवाद
बरगुना ज़िले की वेबसाइट के मुताबिक़, अब्दुर रशीद मिया बरगुना स्वतंत्रता सेनानी संघ के पूर्व कमांडर हैं और छात्र लीग के महासचिव थे. डेली शोमोयर एलो की 2022 की रिपोर्ट में उन्हें स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी मान्यता दी गई थी. रशीद पर राजनीतिक नेताओं से उनके नाम स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में जोड़ने के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया गया है.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक़, विवाद इसलिए हुआ क्योंकि रशीद ने कथित तौर पर शॉन से अपने पिता का नाम स्वतंत्रता सेनानियों की सूची में जोड़ने के लिए पैसे लिए और छात्र लीग के उपाध्यक्ष नूरुल इस्लाम मोनी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो भारत से संबंधित नहीं है, बल्कि यह बांग्लादेश के बरगुना ज़िले का है.