Home अखिलेश यादव को गेट फांदते हुए दिखाने वाला पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल

अखिलेश यादव को गेट फांदते हुए दिखाने वाला पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल

लेखक: मोहम्मद सलमान

सितम्बर 5 2024

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए गेट फांदकर भाग रहे हैं. वीडियो इस दावे से वायरल है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए गेट फांदकर भाग रहे हैं. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

असत्य

यह वीडियो अक्टूबर 2023 का है, जब अखिलेश यादव जेपी नारायण की जयंती के मौक़े पर लखनऊ के जेपीएनआईसी पहुंचे थे, जहां वे बंद गेट फांदकर अंदर घुस गए थे.

दावा क्या है? 

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह गेट कूदकर एक परिसर में प्रवेश करते नज़र आ रहे हैं, जबकि उनके पीछे मीडियाकर्मियों की भीड़ नज़र आ रही है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव सपा नेता नवाब सिंह द्वारा नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के संबंध में पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए गेट कूदकर भाग रहे हैं.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "डीएनए टेस्ट में समाजवादी पार्टी के नेता नबाब सिंह यादव द्वारा नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म कि पुष्टि होते ही विभिन्न चैनलों के रिपोर्टर्स ने अखिलेश यादव को घेर लिया तो अखिलेश यादव जबाब न दे पाने कि स्थिति में गेट से कूदकर भागने पर मजबूर हुए!" पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें. इसी वीडियो को साध्वी प्राची ने अखिलेश यादव के लिए अनादरसूचक शब्दों के साथ पोस्ट किया, जिसे अब डिलीट कर दिया गया है. हालांकि, इसका आर्काइव वर्ज़न यहां देखा जा सकता है. 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि,  यह वीडियो अक्टूबर 2023 का है, जब अखिलेश यादव जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर पुष्प अर्पित करने लखनऊ के जेपीएनआईसी पहुंचे थे, जहां वे बंद गेट फांदकर अंदर घुस गए थे. 

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

संबंधित कीवर्ड के ज़रिये सर्च करने पर हमें अक्तूबर 11, 2023 को प्रकाशित इस वीडियो से संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं, जिनमें कहा गया था कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन्हें श्रद्धांजलि देने लखनऊ स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) पहुंचे, जहां गेट पर ताला लगा हुआ था. इसके बाद वे गेट फांदकर अंदर घुस गए और जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. 

अक्तूबर 11, 2023 की एबीपी न्यूज़ की वीडियो रिपोर्ट (आर्काइव यहां) में बताया गया है कि अखिलेश यादव जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे, लेकिन जेपीएनआईसी के मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ था, जिसके चलते अखिलेश अपने तमाम समर्थकों के साथ गेट फांदकर अंदर घुस गए. 

रिपोर्ट में अखिलेश यादव को पत्रकारों से बात करते हुए भी देखा जा सकता है, जिसमें उन्होंने जेपीएनआईसी की ख़राब हालत के लिए राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की. इस दौरान कानून तोड़कर अंदर घुसने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर साल समाजवादी लोग यहां आते हैं और माला चढ़ाते हैं, तो इस बार सरकार क्या छिपा रही है कि उन्हें माला चढ़ाने से रोका जा रहा है. 

इंडियन एक्सप्रेस, पीटीआई, जनसत्ता, और न्यूज़18 समेत कई अन्य मीडिया संस्थानों ने इस घटना की रिपोर्ट की है, जिसमें वीडियो और तस्वीरें देखी जा सकती हैं.

अखिलेश यादव ने अक्टूबर 11, 2023 को एक्स (आर्काइव यहां) पर दो तस्वीरें शेयर की थीं, जिनमें से एक में वह जेपी नारायण की प्रतिमा के सामने हाथ जोड़कर खड़े हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में वह गेट फांदते नज़र आ रहे हैं.



दरअसल, अखिलेश यादव ने जेपीएनआईसी में जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का कार्यक्रम बनाया था. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) से अनुमति मांगी गई थी. लेकिन, एलडीए ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया और अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी जाने से रोकने के लिए गेट पर ताला लगा दिया था.

नवाब सिंह का मामला क्या है?

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में 11 अगस्त 2024 को सपा नेता नवाब सिंह को अपने ही कॉलेज में एक नाबालिग लड़की से कथित तौर पर दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. अगस्त 17 को नवाब सिंह का डीएनए सैंपल लिया गया था. भास्कर की रिपोर्ट में एसपी कन्नौज के हवाले से डीएनए मैच और दुष्कर्म की पुष्टि की गई है. यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. 

निर्णय 

हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो अक्टूबर 2023 का है, जब जेपी नारायण की जयंती के अवसर पर अखिलेश यादव उन्हें माल्यार्पण करने के लिए गेट फांदकर अंदर घुसे थे.

0 ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.