लेखक: रोहित गुट्टा
नवम्बर 28 2023
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने दर्ज की गई एफ़आईआर को देखा जिसमें लिखा है कि यह घटना महाराष्ट्र में हुई, जहां कुल 120 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
दावा क्या है?
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख नज़दीक है, सोशल मीडिया पर हाथापाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हिंदू मतदाताओं को 'समझदारी से वोट करने' की चेतावनी दी जा रही है. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया है कि वीडियो में कैद घटना कर्नाटक की है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने इस्लामोफोबिक कैप्शन के साथ दो मिनट का वीडियो शेयर किया: "कर्नाटक: मंदिर के सामने इकट्ठा होने के लिए मुसलमान हिंदुओं के साथ अपना प्राकृतिक व्यवहार कर रहे हैं. एक आक्रामक, क्रूर धर्म + एक अत्यधिक पक्षपातपूर्ण सरकार. तेलंगाना के हिंदू, कृपया अपना वोट समझदारी से डालें..."
गौरतलब है कि कांग्रेस ने कुछ महीने पहले ही कर्नाटक में सरकार बनाई है और अब उसकी नज़र तेलंगाना पर है, जहां वह मुख्य विपक्षी पार्टी है. तेलंगाना में 30 नवंबर को चुनाव होने वाले हैं.
वायरल वीडियो में लोगों के एक समूह को दो भगवाधारी व्यक्तियों, संभवतः हिंदू पुजारियों, को पीटते हुए और एक-दूसरे पर चिल्लाते हुए दिखाया गया है (आर्काइव वर्ज़न). उसी वीडियो का एक लंबा वर्ज़न फ़ेसबुक पर समान सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसके साथ दावा किया गया है कि तेलंगाना में कांग्रेस के शासन से अधिक अंतरधार्मिक झड़पें होंगी. ऐसी पोस्टों के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट (सोर्स: फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो कर्नाटक का नहीं है.
सच्चाई क्या है?
हमने पाया कि वीडियो में लोग कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ में नहीं, बल्कि मराठी में बात कर रहे हैं, जिससे संकेत मिलता है कि वीडियो या तो महाराष्ट्र या उत्तरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों का हो सकता है, जहां मराठी व्यापक रूप से बोली जाती है. हमने रिवर्स-इमेज सर्च के ज़रिये खोज की, तो हमें कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इसी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है.
मराठी न्यूज़ चैनल न्यूज़ 18 लोकमत की एक वीडियो रिपोर्ट में वायरल वीडियो के समान दृश्य दिखाए गए हैं. वीडियो रिपोर्ट के मराठी शीर्षक में लिखा है, "पुजारियों को किसने पीटा? कानिफनाथ मंदिर में क्या हुआ था? रिपोर्ट में घटना स्थल की पहचान महाराष्ट्र के अहिल्यानगर (पूर्व में अहमदनगर) ज़िले के राहुरी के रूप में की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक़, "राहुरी के कानिफनाथ मंदिर में पुजारियों की बेरहमी से पिटाई की घटना सामने आई है. भीड़ ने पुजारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी पिटाई की (मराठी से अनुवादित)."
TV9 हिंदी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें वायरल क्लिप के समान कई दृश्य थे, यह घटना महाराष्ट्र के अहिल्यानगर ज़िले के राहुरी तालुका के गुना गांव में हुई थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि गांव में भगवान कानिफनाथ के मंदिर में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के सदस्य आपस में भिड़ गए.
मराठी दैनिक सकाल के मुताबिक, 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या के मौके पर कानिफनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना हो रही थी. रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर प्रार्थनाओं के प्रसारण के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी. बहस दो समुदायों के सदस्यों के बीच हाथापाई में बदल गई.
14 नवंबर की हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस ज़मीन पर कानिफनाथ मंदिर है, वह दो समुदायों के बीच विवाद का मामला है. दोनों ने उस ज़मीन के मालिकाना हक़ का दावा किया है, जहां मंदिर के नज़दीक एक दरगाह भी है. विवाद को लेकर एक मामला अदालत में भी विचाराधीन है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो एफ़आईआर - एक हिंदू समुदाय की शिकायत पर आधारित और दूसरी मुस्लिम समुदाय द्वारा दायर शिकायत पर आधारित - घटना के बाद राहुरी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने घटना के संबंध में दर्ज की गई दोनों एफ़आईआर को देखा. दोनों समुदायों के कुल 120 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. झड़प के बाद पुलिस ने इलाके में तनाव को शांत कर दिया है.
बता दें कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) पार्टी गठबंधन की सरकार है. यह घटना कर्नाटक की नहीं है, जो कांग्रेस शासित राज्य है.
निर्णय
महाराष्ट्र में दो समुदायों के बीच मारपीट का वीडियो कर्नाटक का बताकर शेयर किया जा रहा है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.