लेखक: उम्मे कुलसुम
अक्टूबर 3 2023
वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है, क्योंकि वीडियो में मोदी समर्थित नारे डिजिटल रूप से जोड़े गए थे.
दावा क्या है?
राजस्थान में विधानसभा चुनाव नज़दीक है. सत्तारूढ़ और विपक्षी दल जनता तक पहुंच बनाने के लिए रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं. इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि सीएम गहलोत की रैली में लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे लगाए.
वीडियो में देखा जा सकता है कि जब भीड़ 'मोदी-मोदी' के नारे लगा रही थी तो गहलोत मंच से भीड़ का अभिवादन कर रहे थे. वीडियो क्लिप में क़रीब 15 सेकंड में, कैमरा फ्रेम मंच के लंबे शॉट पर स्विच हो जाता है जहां एक व्यक्ति को लोगों से दिवंगत कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सीएम गहलोत के लिए नारे लगाने की अपील करते देखा जा सकता है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “नेता जी बोल रहें है दो नारों के अलावा तीसरा नारा कोई नहीं लगाएगा पर #राजस्थान की जनता मानती ही नहीं.'' पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी दावे के साथ वीडियो को फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया की वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है, क्योंकि वीडियो में मोदी समर्थक नारे डिजिटल रूप से जोड़े गए थे.
सच्चाई क्या है?
लॉजिकली फैक्ट्स ने अपनी जांच में पाया कि फ़र्ज़ी कहानी फैलाने के लिए अलग-अलग खेल आयोजनों की दो वीडियो क्लिपों को एक साथ जोड़ा गया था. इसके अलावा, पीएम मोदी के समर्थन वाले नारों का ऑडियो डिजिटल रूप से वीडियो में जोड़ा गया, जहां सीएम गहलोत भीड़ का अभिवादन करते हुए नज़र आ रहे हैं.
क्या अशोक गहलोत के सामने ‘मोदी-मोदी’ नारे लगाए गए थे?
हमने पाया कि मूल वीडियो को गहलोत ने 13 सितंबर को अपने आधिकारिक एक्स और फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया था. वीडियो के साथ कैप्शन में जानकारी दी गई थी, “मंत्री श्री राजेन्द्र यादव के साथ राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के ब्लॉक स्तरीय आयोजन में शामिल होने नवां, नागौर पहुंचे” इस वीडियो में कहीं भी 'मोदी-मोदी' का नारा सुनने में नहीं आया.
सितंबर 2022 में सीएम अशोक गहलोत द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/अशोक गहलोत)
इस संबंध में हमने मीडिया रिपोर्ट्स भी खंगाली कि क्या सितंबर 2022 में राजस्थान के नवां में आयोजित ब्लॉक-स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल आयोजन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शामिल होने पर मोदी के नारे लगाए गए थे. हालांकि, हमें ऐसी किसी घटना के बारे में कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली. इसलिए, यह स्पष्ट है कि मूल वीडियो में जानबूझकर पीएम मोदी के समर्थन वाले नारों का एक ऑडियो अलग से क्लिप जोड़ा गया था.
क्या रैली में लोगों से केवल दो ही नारे लगाने को कहा गया था?
वायरल वीडियो में, दूसरी क्लिप के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजने के दौरान हमें न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक था, “वीडियो: गहलोत के कार्यक्रम से पहले सलाहकार नागर की भीड़ को धमकी, कहा- केवल 2 ही नारे लगाने और ताली बजानी है.” इस रिपोर्ट, वायरल क्लिप का स्क्रीनशॉट मौजूद है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 13 सितंबर, 2022 को राजस्थान के दादू में आयोजित एक ग्रामीण ओलंपिक खेल कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री गहलोत के एक सलाहकार ने कार्यक्रम से ठीक पहले उपस्थित लोगों से केवल राजीव गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए नारे लगाने के लिए कहा.
इससे हिंट लेकर, हमने कार्यक्रम से जुड़ी अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी चेक किया तो इस घटना को कवर करने वाले मीडिया आउटलेट्स की कई रिपोर्टें मिलीं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम में सीएम गहलोत के आगमन से पहले, बाबूलाल नागर, मुख्यमंत्री गहलोत के सलाहकार, ने जनता को धमकी दी और कहा, "केवल 2 नारे लगाएं- 'राजीव गांधी अमर रहें' और 'अशोक गहलोत जिंदाबाद.' अगर तुमने कोई और नारा लगाया तो पुलिस तुम्हें सलाखों के पीछे डाल देगी और मुकदमा दर्ज कर देगी.'' इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो की दूसरी क्लिप मौजूद है जिसका क्रेडिट न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिया गया है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया रिपोर्ट में मौजूद वीडियो क्लिप का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
न्यूज़ 18 के अनुसार, 13 सितंबर 2022 को अशोक गहलोत ने दो ग्रामीण ओलंपिक प्रतियोगिताओं में भाग लिया था, एक नवां में और दूसरा दादू में. इन दोनों कार्यक्रमों के वीडियो क्लिप को मिलाकर एक वीडियो बनाया गया है.
निर्णय
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ यह दावा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रैली में पीएम मोदी समर्थित नारे लगाए गए, ग़लत है. असल में यह वीडियो दो अलग-अलग कार्यक्रमों की क्लिप्स को मिलाकर बनाया गया है और उसमें पीएम मोदी समर्थित नारे को डिजिटल रूप से जोड़ा गया है.
- ट्रांसलेशन: मोहम्मद सलमान