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नहीं, दुबई के बुर्ज ख़लीफ़ा पर भगवान राम की तस्वीर नहीं प्रदर्शित की गई

लेखक: सोहम शाह

जनवरी 24 2024

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नहीं, दुबई के बुर्ज ख़लीफ़ा पर भगवान राम की तस्वीर नहीं प्रदर्शित की गई दावा किया गया कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के जश्न में दुबई में बुर्ज ख़लीफ़ा पर हिंदू देवता राम की एक तस्वीर प्रदर्शित की गई थी. (सोर्स: आज तक/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय फ़ेक

वायरल तस्वीर एडिटेड है. मूल तस्वीर 2019 से ऑनलाइन मौजूद है और इसमें भगवान राम की तस्वीर नहीं है.

दावा क्या है?

23 जनवरी, 2024 को आज तक ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें दावा किया गया कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के जश्न में दुबई में बुर्ज ख़लीफ़ा पर हिंदू देवता राम की एक तस्वीर प्रदर्शित की गई थी. हालांकि, बाद में इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया गया, लेकिन इसका आर्काइव वर्ज़न यहां देखा जा सकता है.

आज तक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: आज तक/स्क्रीनशॉट)

एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल पोस्ट में इसी तरह का दावा किया गया था कि बुर्ज ख़लीफ़ा ने इस अवसर पर भगवान राम की एक तस्वीर प्रदर्शित की थी. इन पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, वायरल तस्वीर एडिटेड है, और हमें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि 22 जनवरी को बुर्ज ख़लीफ़ा पर भगवान राम की तस्वीर प्रदर्शित की गई थी.

सच्चाई क्या है?

हमने यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये तस्वीर को खोजा, तो हमें बुर्ज ख़लीफ़ा की वही तस्वीर पिंटरेस्ट पोस्ट के रूप में मिली, लेकिन इसमें भगवन राम की तस्वीर नहीं थी. यह पोस्ट 22 अक्टूबर, 2019 को 'जूलियाज़ एल्बम' पर एक ब्लॉग एंट्री से जुड़ा है, जिसमें बुर्ज ख़लीफ़ा की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.

तस्वीर में, बुर्ज ख़लीफ़ा की विशेषताओं- जैसे क्रेनों की स्थिति और रोशनी वाली खिड़कियों की तुलना करके, हमने पुष्टि की कि तस्वीरें एकदूसरे से मेल खाती हैं.

असल तस्वीर और वायरल तस्वीर की तुलना (सोर्स: जूलिया एल्बम, एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, ब्लॉग में असल तस्वीर के सोर्स या इसे कब क्लिक किया गया था, का ज़िक्र नहीं है. चूंकि यह तस्वीर 2019 से ऑनलाइन मौजूद है, जिससे पता चलता है कि यह पुरानी है और 22 जनवरी, 2024 को क्लिक नहीं की गई.

इसके अलावा, हमें बुर्ज ख़लीफ़ा के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर ऐसी कोई तस्वीर नहीं मिली, क्योंकि यहां नियमित रूप से विभिन्न तस्वीरों से रोशन इमारत के दृश्यों को पोस्ट किया जाता है. हाल की पोस्ट्स में बुर्ज ख़लीफ़ा के आसपास कोई क्रेन नहीं दिखाई गई है, जो वायरल तस्वीर की प्रामाणिकता को और अधिक ख़ारिज कर देती है.

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने इस बारे में टिप्पणी के लिए बुर्ज ख़लीफ़ा के इंस्टाग्राम अकाउंट का प्रबंधन करने वाली कंपनी एम्मार एंटरटेनमेंट से भी संपर्क किया है. उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर स्टोरी अपडेट कर दी जाएगी.

निर्णय

वायरल तस्वीर पुरानी और एडिटेड है. इसके अलावा, बुर्ज ख़लीफ़ा ने ऐसी कोई तस्वीर प्रकाशित नहीं की है, और दुबई की इस मशहूर इमारत को राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए भगवान राम की तस्वीर से नहीं सजाया गया था. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

(ट्रांसलेशन: मोहम्मद सलमान)

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