लेखक: मोहम्मद सलमान
फ़रवरी 9 2024
यह एक आधा-अधूरा वीडियो है. पीएम मोदी ने आरक्षण के ख़िलाफ़ ये बयान नहीं दिया. दरअसल, वह जवाहरलाल नेहरू की चिट्ठी का हवाला देकर उन्हें कोट कर रहे थे.
दावा क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह संसद में आरक्षण पर टिप्पणी करते नज़र आ रहे हैं, कि उन्हें कोई भी आरक्षण पसंद नहीं है, ख़ासकर नौकरियों में. इस वीडियो के जरिए नरेंद्र मोदी को आरक्षण विरोधी बताकर उन पर निशाना साधा जा रहा है.
33 सेकंड की वायरल क्लिप में पीएम मोदी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता. और ख़ासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के ख़िलाफ़ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे…”
इस वीडियो को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सुरेन्द्र राजपूत समेत तमाम एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक यूज़र ने शेयर किया है. सुरेन्द्र राजपूत के एक्स पोस्ट (आर्काइव लिंक) को अब तक दो लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. इन वायरल पोस्ट के आर्काइव पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह आधा-अधूरा वीडियो है, जिसे मूल संदर्भ से हटाकर शेयर किया गया है. दरअसल उन्होंने यह बयान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के हवाले से दिया था, न कि अपने विचार रखे थे.
सच क्या है?
जब हमने इस वीडियो के बारे में खोजबीन की, तो पाया कि पीएम मोदी द्वारा आरक्षण पर दिए गए इस भाषण को कई मीडिया आउटलेट्स में जगह दी गई है. इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा उस समय के मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्र का ज़िक्र किया था और उसका अनुवादित वर्ज़न भी सुनाया था.
हमने संसद टीवी के यूट्यूब पर 7 फरवरी 2024 को अपलोड किया गया वीडियो देखा और पाया कि पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान राज्यसभा में भाषण दे रहे थे. अपने भाषण में वो विभिन्न मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते नज़र आये.
वीडियो में 29 मिनट की समयावधि पर पीएम मोदी आरक्षण के मुद्दे पर आते हैं और जवाहरलाल नेहरु द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी का ज़िक्र करते हुए उसका अनुवाद पढ़ते हैं. वीडियो में 31 मिनट पर पीएम मोदी कहते हैं, "..यह देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरु जी द्वारा उस समय के देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. ऑन रिकॉर्ड है. मैं अनुवाद पढ़ता हूं. ‘मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता. और ख़ासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के ख़िलाफ़ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ़ ले जाये.’ यह पंडित नेहरु द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखी हुई चिट्ठी है."
यहां स्पष्ट हो जाता है कि पीएम मोदी, जवाहरलाल नेहरु की चिट्ठी का ज़िक्र करते हुए उन्हें कोट कर रहे थे. वायरल वीडियो में जवाहरलाल नेहरु वाले को हिस्से को हटा दिया गया है, जिससे इसके मतलब बदल जाता है.
जवाहरलाल नेहरु द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी
दरअसल, जवाहरलाल नेहरू देश की प्रांतीय सरकारों के प्रमुखों को चिट्ठी लिखा करते थे — यह परंपरा उन्होंने अपनी मौत से कुछ महीने पहले तक कायम रखी थी. ये तमाम चिट्ठियां उनकी किताब 'लेटर्स फ़ॉर अ नेशन: फ्रॉम जवाहरलाल नेहरु टू हिज़ चीफ़ मिनिस्टर्स 1947-1963' में मौजूद हैं. संसद में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने नेहरु की जिस चिट्ठी का ज़िक्र किया था वो इस किताब में भी है. नेहरु ने उस समय के मुख्यमंत्रियों को यह चिट्ठी 27 जून, 1961 को लिखी थी.
जवाहरलाल नेहरु ने लिखा था, "मैंने ऊपर दक्षता और हमारी पारंपरिक लीक से बाहर निकलने का ज़िक्र किया है. इसके लिए हमें इस जाति या उस समूह को दिए जाने वाले आरक्षण और विशेषाधिकारों की पुरानी आदत से बाहर निकलना ज़रूरी है. राष्ट्रीय एकता पर विचार करने के लिए हाल ही में हमारी यहां जो बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री मौजूद थे, उसमें यह तय किया गया कि मदद आर्थिक आधार पर दी जानी चाहिए, न कि जाति के आधार पर. यह सच है कि हम अनुसूचित जातियों और जनजातियों की मदद के संबंध में कुछ नियमों और परंपराओं से बंधे हैं. वे मदद के हक़दार हैं, लेकिन फिर भी, मैं किसी भी तरह के आरक्षण को नापसंद करता हूं, खासकर सेवाओं में. मैं ऐसी किसी भी चीज़ के ख़िलाफ़ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करता हूं जो अक्षमता और दोयम दर्जे के मानकों की ओर ले जाती है. मैं चाहता हूं कि मेरा देश हर चीज में प्रथम श्रेणी का देश बने. जिस क्षण हम दोयम दर्जे को बढ़ावा देते हैं, हम हार जाते हैं.”
चिट्ठी के इसी हिस्से का ज़िक्र पीएम मोदी ने अपने भाषण में किया था.
नेहरू ने चिट्ठी में आगे कहा कि किसी भी पिछड़े समूह की मदद करने का एकमात्र वास्तविक तरीका अच्छी शिक्षा के अवसर प्रदान करना है. यह चिट्ठी यहां पढ़ी जा सकती है.
निर्णय
हमारी जांच से पुष्टि होती है कि वीडियो में पीएम मोदी आरक्षण पर अपने विचार व्यक्त नहीं कर रहे थे, बल्कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखे गए पत्र का एक अंश पढ़ रहे थे. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.