लेखक: सोहम शाह
सितम्बर 25 2024
यह वीडियो 2020 का है जब कृषि कानूनों के चलते हरियाणा के अंबाला में नायब सिंह सैनी समेत कई बीजेपी नेताओं को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था.
दावा क्या है?
अक्टूबर 5, 2024 को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से जोड़कर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नायब सिंह सैनी समेत कई बीजेपी नेता ट्रैक्टर पर बैठे नज़र आ रहे हैं. वहीं, सैकड़ों लोग काले झंडे लेकर उनका रास्ता रोककर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हरियाणा के मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के आक्रोश और भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का भारी विरोध #FarmersProtest #HaryanaElections" इस पोस्ट को अब तक 52,000 व्यूज़, 1200 रीपोस्ट और 3300 से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसी दावों के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वीडियो पुराना है और 2024 विधानसभा चुनाव से संबंधित नहीं है.
सच्चाई क्या है?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के ख़िलाफ़ काले झंडे दिखाने की ख़बरें आई हैं, लेकिन हमें उनमें से किसी भी रिपोर्ट में इस खास वीडियो का ज़िक्र नहीं मिला.
कीवर्ड सर्च करने पर दैनिक जागरण का एक आर्टिकल मिला, जिसे आखिरी बार अक्तूबर 15, 2020 को अपडेट किया गया था, जिसका शीर्षक था "भाजपा की ट्रैक्टर यात्रा को भाकियू ने दिखाया काला झंडा, विरोध के दौरान यात्रा में शामिल किसान की मौत"
भारत में किसानों के प्रतिनिधि संगठन भारतीय किसान यूनियन ने 2020 में पारित विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिन्हें बाद में केंद्र सरकार ने निरस्त कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि रैली का नेतृत्व अंबाला के सांसद रतन लाल कटारिया, तत्कालीन कुरुक्षेत्र के सांसद और वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अंबाला बीजेपी प्रमुख राजेश बटौरा के साथ किया था. यह नारायणगढ़ से शहजादपुर के बीच संपन्न हुई थी.
हमें अक्तूबर 12, 2020 को यूट्यूब पर अपलोड की गई द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट (आर्काइव यहां) भी मिली, जिसमें उसी ट्रैक्टर रैली और विरोध प्रदर्शन को दिखाया गया था. "किसानों ने अंबाला में बीजेपी की रैली को रोका, काले झंडे दिखाए" शीर्षक वाले वीडियो में बताया गया है कि तीन बीजेपी नेताओं को नारायणगढ़ में तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि बीजेपी ने नारायणगढ़ में सैनी धर्मशाला से 150 ट्रैक्टरों के साथ रैली शुरू की थी. कुछ किलोमीटर दूर, बीकेयू (चढूनी) के ज़िला प्रमुख मलकीत सिंह के नेतृत्व में किसानों ने मिलन पैलेस के पास रास्ता रोक दिया. बीजेपी नेताओं के साथ चर्चा के बाद, किसानों ने एक घंटे बाद एक शर्त पर रास्ता खाली कर दिया: ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगे होने चाहिए.
हमने द ट्रिब्यून के वीडियो के फ्रेम की तुलना वायरल वीडियो से की और पाया कि दोनों वीडियो में ट्रैक्टरों पर बैठे पांच व्यक्ति एक जैसे कपड़े, चेहरे पर मास्क और पगड़ी पहने हुए थे, जो दर्शाता है कि दोनों वीडियो एक ही रैली का है.
हमें अक्तूबर 16, 2020 को टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक था "अंबाला: बीजेपी की रैली रोकने वाले 300 किसानों पर सड़क जाम करने और दंगा करने का मामला दर्ज " इस रिपोर्ट में उसी ट्रैक्टर की तस्वीर थी, जिस पर वही लोग बैठे थे, जिससे यह पुष्टि होती है कि यह घटना 2020 में हुई थी.
बता दें कि उस समय बीजेपी नेता मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री थे.
2024 विधानसभा चुनाव के लिए, बीजेपी और कांग्रेस 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए मुख्य दावेदार हैं, साथ ही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) भी इस दौड़ में हैं. सैनी बीजेपी का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि हुड्डा कांग्रेस के अभियान की अगुवाई कर रहे हैं. अक्तूबर 5 को मतदान होगा और परिणाम अक्तूबर 8, 2024 को घोषित किए जाएंगे.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि वायरल हो रहा वीडियो 2020 का है और इसका आगामी हरियाणा चुनाव से कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा, विरोध केवल नायब सैनी के ख़िलाफ़ ही नहीं बल्कि कई बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ भी था.