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बांग्लादेश का पुराना वीडियो पश्चिम बंगाल का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

लेखक: मोहम्मद सलमान

अगस्त 29 2024

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पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मुसलमानों ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और 'हिंदुओं के नरसंहार' का जश्न मनाने के लिए जुलूस निकाला. वीडियो के साथ दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मुसलमानों ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और 'हिंदुओं के नरसंहार' का जश्न मनाने के लिए जुलूस निकाला. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो बांग्लादेश की राजधानी ढाका का है और 2023 से इंटरनेट पर मौजूद है. इसका कोलकाता से कोई संबंध नहीं है.

दावा क्या है? 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मुसलमानों की भीड़ एक फ्लाईओवर के नीचे से गुज़रती हुई दिखाई दे रही है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो पश्चिम बंगाल के कोलकाता का है, जहां मुसलमानों ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद 'इस्लामिक शासन' और जमात-ए-इस्लामी के फिर से उभरने और 'हिंदुओं के नरसंहार' का जश्न मनाने के लिए जुलूस निकाला है.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "यह जुलूस कल पार्क सर्कस कलकत्ता में मुस्लिमो ने निकाला है!वे बांग्लादेश में इस्लामिक शासन और जमात के पुनरुत्थान और हिंदुओं के कत्लेआम का जश्न मना रहे हैं। यह वही आपके आसपास रहने वाले मुस्लिम है जिन लोगो के साथ आप रोज उठते बैठते है काम धंधा करते है और वो लोग बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्ल का जश्न मना रहें है कल्पना कीजिए कि भविष्य में वो मौका मिलते ही आपके साथ क्या करेंगे, कितना भाईचारा निभायेंगे सोचना जरूर.." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें. यह वीडियो इसी दावे के साथ यूट्यूब पर भी शेयर किया गया है. 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल वीडियो कोलकाता या भारत के किसी भी शहर का नहीं है. दरअसल, यह बांग्लादेश के ढाका का है और 2023 से इंटरनेट पर मौजूद है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?

वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें यह जून 11, 2023 की एक फ़ेसबुक पोस्ट (आर्काइव यहां) पर मिला, जिसमें बंगाली कैप्शन में कहा गया था कि यह जमात-ए-इस्लामी की एक रैली का है. 

इस बारे में मीडिया रिपोर्ट खंगालने पर हमें जून 11, 2023 को प्रकाशित प्रोथोम एलो की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया था कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) से मौखिक पुष्टि मिलने के बाद एक दशक में पहली बार जून 2023 में ढाका में रैली की. हालांकि, पुलिस ने कई शर्तों पर पार्टी को मौखिक अनुमति दी. जमात ने भी शर्तों का पालन किया और सड़क पर रैली आयोजित नहीं की, बल्कि राजधानी में इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स बांग्लादेश (आईईबी) में एक रैली की, जिसमें बड़ी संख्या में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.

हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें कहा गया हो कि जमात-ए-इस्लामी ने बांग्लादेश की सड़कों पर कोई रैली आयोजित की थी. जमात पहले पांच जून को बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के सामने रैली करना चाहती थी. बाकायदा इसके लिए एक टीम अनुमति लेने के लिए ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस मुख्यालय गई थी. लेकिन पुलिस ने इससे इनकार कर दिया था. 

इसके अलावा वीडियो में कहीं भी कोई पोस्टर या बैनर नहीं दिख रहा है, जबकि आईईबी में आयोजित रैली में शामिल कार्यकर्ताओं के हाथों में पोस्टर और बैनर दिख रहे थे. आम तौर पर राजनीतिक दलों या संगठनों की रैलियों में पोस्टर और बैनर होना बहुत आम बात है. इससे हम इस नतीजे पर पहुंचे कि वीडियो का जमात-ए-इस्लामी की रैली से कोई संबंध नहीं है.

वीडियो कहां से है?

चूंकि वीडियो में कोई खास संकेत नहीं दिया गया है जिससे हमें गूगल मैप्स पर इसे खोजने में मदद मिले, इसलिए हमने स्ट्रीट व्यू के माध्यम से ढाका में अलग-अलग फ्लाईओवर देखे और उन्हें वीडियो में दिख रही इमारतों से मिलाना शुरू किया. इस बीच, हमें ढाका मैमनसिंह हाईवे पर वह सटीक स्थान मिल गया जहां वीडियो रिकॉर्ड किया गया था.

हम वीडियो में दिख रही हरी इमारत और चाँद के आकार की संरचना, एक बहुमंजिला इमारत, एक ट्रांसफॉर्मर और एक अन्य कांच की इमारत को गूगल स्ट्रीट व्यू पर खोजने में कामयाब रहे.



वायरल वीडियो और गूगल स्ट्रीट व्यू का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)


इससे यह स्पष्ट हो गया कि वीडियो बांग्लादेश की राजधानी ढाका का है, न कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता का. 



वायरल वीडियो और गूगल स्ट्रीट व्यू का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)


हालांकि, यह अभी भी पता नहीं चला सका था कि वीडियो किस आयोजन का है. इसके लिए, हमने संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये खोजबीन की, तो हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कई वीडियो मिले, जिनके साथ जानकारी दी गई थी कि ये ढाका के टोंगी में 2023 में हुए 'बिश्वा इज्तेमा' का है. इन वीडियोज़ को यहां (आर्काइव यहां) और यहां (आर्काइव यहां) देखें. ऐसा ही एक वीडियो (आर्काइव यहां) इसी साल फ़रवरी में भी शेयर किया गया था.

इस बारे में सर्च करने पर हमें पता चला कि दुनिया में मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समागम 'बिश्वा इज्तेमा' जनवरी 13, 2023 को बांग्लादेश के ढाका के टोंगी शहर में आयोजित किया गया था. बांग्लादेश के ढाका में बिस्वा इज्तेमा 13-15 जनवरी और 20-22 जनवरी, 2023 के बीच दो भागों में आयोजित किया गया था.

हमें 'वर्ल्ड वॉकर 360' नामक एक यूट्यूब चैनल (आर्काइव यहां) पर 2023 इज्तेमा का एक वीडियो मिला, जिसमें ढाका के स्टेशन रोड से टोंगी बाज़ार का रोड टूर दिखाया गया था. इस वीडियो में हज़ारों लोग उसी निर्माणाधीन फ़्लाईओवर के नीचे इज्तेमा स्थल की ओर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में एक हरे रंग की इमारत और एक चाँद के आकार की संरचना भी दिखाई दे रही है जो वायरल वीडियो में भी नज़र आती है.

इससे पता चलता है कि वीडियो में दिख रही भीड़ इज्तेमा की हो सकती है. हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं कर सके.

इसके अलावा, हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जो पुष्टि करती हो कि बांग्लादेश में हाल ही में हुए घटनाक्रम पर खुशी जताने के लिए मुसलमानों ने कोलकाता या भारत के किसी अन्य शहर में जुलूस निकाला हो. 

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो कोलकाता का नहीं, बल्कि बांग्लादेश के ढाका का है और यह 2023 में इंटरनेट पर मौजूद है. 

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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