लेखक: चंदन बोरगोहाईं
सितम्बर 18 2024
पुलिस और स्थानीय पत्रकारों ने पुष्टि की कि असम में झड़प एक मस्जिद समिति के दो गुटों के बीच हुई थी, और इसमें रोहिंग्याओं की कोई संलिप्तता नहीं थी.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें रोहिंग्या और भारतीय मुस्लिमों के बीच हिंसक झड़प को दिखाने का दावा किया गया है. कहा जा रहा है कि यह झड़प तब शुरू हुई जब रोहिंग्या मुस्लिमों ने कथित तौर पर भारतीय मुस्लिमों से एक मस्जिद पर कब्ज़ा कर लिया. हालांकि, दावों में इस बात का कोई ज़िक्र नहीं है कि यह घटना कहां हुई.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "रोहिंग्या मुस्लिम - भारतीय मुस्लिम - लड़ाई. रोहिंग्या मुसलमानों ने भारतीय मुसलमानों की मस्जिद पर कब्ज़ा कर लिया क्योंकि रोहिंग्या इन्हें धर्मांतरित मुसलमान मानते है." इस पोस्ट को 12,200 से ज़्यादा बार देखा गया, 695 बार रीपोस्ट किया गया और 1,100 बार लाइक किया गया है. इन पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल हो रहा वीडियो असम के धुबरी ज़िले के बिलासीपारा में एक मस्जिद की प्रबंधन समिति के दो गुटों के बीच झड़प को दिखाता है. इसमें रोहिंग्या और भारतीय मुस्लिमों के बीच कोई संघर्ष नहीं दिखाया गया है, जैसा कि दावा किया गया है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें एएनआई की एक रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट मौजूद था. रिपोर्ट के मुताबिक़, यह घटना दिसंबर 30, 2022 को हुई थी, जिसमें असम के धुबरी ज़िले में बिलासीपारा बंगालीपारा मस्जिद प्रबंधन समिति के दो गुटों के बीच झड़प हुई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. पुलिस अधीक्षक अपर्णा एन ने एएनआई से पुष्टि की कि दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं और दो व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया है. रिपोर्ट में रोहिंग्याओं का कोई ज़िक्र नहीं है और स्पष्ट किया गया है कि यह झड़प मस्जिद समिति के गुटों के बीच हुई थी.
आगे की जांच में धुबरी की घटना के बारे में अन्य रिपोर्ट सामने आईं. टाइम्स नाउ (आर्काइव यहां) की एक वीडियो रिपोर्ट, जिसमें वायरल वीडियो के दृश्य शामिल हैं, पुष्टि करती है कि झड़प में मस्जिद समिति के दो गुट शामिल थे और इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई, जिसकी पहचान हारुन राशिद के रूप में हुई.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने धुबरी के बिलासीपारा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी टी. बोरो से संपर्क किया. बोरो ने पुष्टि की कि वीडियो में "प्रबंधन समिति के नियंत्रण को लेकर आंतरिक संघर्ष" दिखाया गया है और इस मामले में रोहिंग्याओं की संलिप्तता से इनकार किया. उन्होंने कहा, "2022 में इस मामले में बिलासीपारा पुलिस स्टेशन में दो मामले दर्ज किए गए थे (केस नंबर 390/2022 और केस नंबर 391/2022)."
हमने बिलासीपारा के एक स्थानीय रिपोर्टर अमीनुर इस्लाम से भी बात की, जो घटना के दौरान वहीं मौजूद थे. इस्लाम ने बताया, "शुक्रवार की नमाज़ के बाद विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ लोगों ने मस्जिद समिति से खाते के रखरखाव के बारे में सवाल किया. स्थिति जल्दी ही हिंसा में बदल गई." उन्होंने आगे स्पष्ट किया, "इसमें कोई रोहिंग्या मुस्लिम शामिल नहीं था. झड़प केवल मस्जिद समिति के प्रबंधन को लेकर हुई थी, और इसमें शामिल सभी व्यक्ति देसी मुस्लिम समुदाय (असम के स्थानीय) से हैं."
निर्णय
असम के बिलासीपारा में एक मस्जिद समिति के दो गुटों के बीच आंतरिक झड़प को दिखाने वाला क़रीब दो साल पुराना वीडियो, रोहिंग्याओं और भारतीय मुस्लिमों के बीच संघर्ष के रूप में ग़लत दावे से शेयर किया गया है. मीडिया रिपोर्ट, स्थानीय पत्रकार और पुलिस इसकी पुष्टि करते हैं.