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नहीं, यह वीडियो ईरान के हमलों के बाद तेल अवीव में हुए विस्फोट का नहीं है

लेखक: मोहम्मद सलमान

अक्टूबर 3 2024

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वीडियो में एक बस स्टॉप जैसी जगह पर आग की लपटें उठती और कई बसें जलती हुई दिखाई दे रही हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को ईरान के इज़राइल पर हमले से जोड़कर तेल अवीव में विस्फोट दिखाने का दावा किया जा रहा है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो जून 2022 का है और इसमें इज़राइल के उत्तरी शहर सफ़ेद के सेंट्रल बस स्टेशन पर आगजनी की घटना को दिखाया गया है.

दावा क्या है? 

ईरान द्वारा इज़राइल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद, सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इनमें से एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें एक बस स्टॉप जैसी जगह पर आग की लपटें उठती हुई दिखाई दे रही हैं. इस वीडियो को ईरान के इज़राइल पर हमले से जोड़कर तेल अवीव में बड़ा विस्फोट दिखाने का दावा किया जा रहा है.

गौरतलब है कि ईरान ने मंगलवार रात को इज़राइल की ओर क़रीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं. यह इस साल इज़राइल पर ईरान का दूसरा हमला था, इससे पहले अप्रैल में उसने करीब 300 मिसाइलें और ड्रोन दागे थे.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूज़र्स इस वीडियो को तेल अवीव की वर्तमान स्थिति के रूप में शेयर कर रहे हैं. ऐसे ही एक पोस्ट को अब तक 166,000 व्यूज़, 1500 रीपोस्ट और 7000 से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी दावे के साथ शेयर किये जा रहे अन्य पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं. कुछ पोस्ट में इसे यमन द्वारा इज़राइल पर हमले के रूप में शेयर किया गया है. यहां और यहां देखें. 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

ईरान स्थित न्यूज़ चैनल प्रेस टीवी ने अपनी रिपोर्ट में वीडियो प्रकाशित करते हुए इसे तेल अवीव में हुए हालिया विस्फोट का बताया. चैनल ने लिखा है कि अक्तूबर 3, 2024 को तेल अवीव में कामिकेज़ ड्रोन के हमले के बाद रिकॉर्ड किए गए वीडियो में शहर में आग जलती हुई दिखाई दे रही है. रिपोर्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

प्रेस टीवी की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट जिसमें वीडियो को तेल अवीव में हुए हालिया विस्फोट के रूप में प्रकाशित किया गया है. (सोर्स: प्रेस टीवी/स्क्रीनशॉट)


हालांकि, यह वीडियो मध्य पूर्व में इज़राइल और ईरान या लेबनान स्थित हिजबुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष का नहीं है, बल्कि 2022 का है, जिसमें उत्तरी इज़राइली शहर सफ़ेद के केंद्रीय बस स्टेशन पर आगजनी की घटना दिखाई गई है. 

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

वायरल वीडियो के कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें जून 2022 में हिब्रू में प्रकाशित कई इज़राइली न्यूज़ वेबसाइटों की रिपोर्ट मिली, जिसमें हूबहू वीडियो मौजूद है. इन रिपोर्ट में बताया गया था कि उत्तरी शहर सफ़ेद के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर आग लगने से लगभग 18 बसें जल गईं. रिपोर्ट्स में टोवा-ज़ंगरिह नामक एक गिरोह पर आग लगाने का संदेह जताया गया है, जो एक सुरक्षा कंपनी की आड़ में प्रायोजन शुल्क वसूलता है.

जून 11, 2022 को प्रकाशित यनेट की रिपोर्ट में बताया गया है कि आगजनी में कोई हताहत नहीं हुआ. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आगजनी का यह हमला पिछले महीने उत्तरी शहर किर्यात शमोना में हुई इसी तरह की घटना से जुड़ा है या नहीं. इस घटना से संबंधित हिब्रू भाषा में प्रकाशित अन्य रिपोर्टें यहां और यहां पढ़ी जा सकती हैं.

द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल की जून 11, 2022 की रिपोर्ट में लिखा है कि सेंट्रल बस स्टॉप पर आगजनी का हमला सुरक्षा राशि के भुगतान की आपराधिक मांग से जुड़ा हुआ है. सोलह बसें नाज़रेथ स्थित अफ़ीफ़ी परिवहन कंपनी की थीं. नष्ट हुए अन्य दो वाहन नेटिव एक्सप्रेस के थे, जो उसी समूह का हिस्सा है.

रिपोर्ट में लिखा है कि हाल के वर्षों में संगठित अपराध से जुड़ी गतिविधियों में उछाल आया है. इसका एक तत्व शक्तिशाली संरक्षण गिरोह है जो बंदूक की नोक पर पैसा उधार देते हैं और पैसे वसूलते हैं, और कभी-कभी इसका पालन न करने वालों के लिए घातक परिणाम भी होते हैं. 

यरूशलम पोस्ट की एक रिपोर्ट में सफ़ेद नगरपालिका के हवाले से कहा गया था कि यह एक आपराधिक घटना थी.

ईरान-इज़राइल टकराव 

मंगलवार को इज़राइल के ख़िलाफ़ ईरान के मिसाइल हमले और लेबनान में हिज़्बुल्लाह पर तेल अवीव की कार्रवाई ने मध्य पूर्व में सुरक्षा स्थिति को और ख़राब कर दिया है. ईरान के हमलों के बाद, इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेहरान के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई की कसम खाते हुए कहा कि “उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी”. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह तेहरान द्वारा इज़राइल पर मिसाइल हमलों के जवाब में ईरान के तेल रिग और परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की इज़राइल की कथित योजनाओं के विरोध में हैं.

निर्णय 

अब तक की हमारी जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो दो साल से अधिक पुराना है और इसका ईरान या यमन द्वारा इज़राइल पर किए गए हमलों से कोई संबंध नहीं है.

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