Home नीट पेपर लीक मामले में 'केवल मुसलमानों के गिरफ़्तार' होने का दावा भ्रामक है

नीट पेपर लीक मामले में 'केवल मुसलमानों के गिरफ़्तार' होने का दावा भ्रामक है

लेखक: वनिता गणेश

जुलाई 4 2024

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नीट पेपर लीक मामले में 'केवल मुसलमानों के गिरफ़्तार' होने का दावा भ्रामक है सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि नीट पेपर लीक मामले में गिरफ़्तार किए गए सभी लोग मुस्लिम हैं. (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

भ्रामक

नीट पेपर लीक मामले में अब तक हुई 30 गिरफ़्तारियों में से केवल तीन मुस्लिम हैं, जबकि बाकी लोग अन्य धर्मों से हैं.

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि नीट (NEET) पेपर लीक मामले में केवल तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जो सभी मुस्लिम समुदाय से हैं. एक फ़ेसबुक यूज़र ने इन तीन लोगों की तस्वीरों का एक कोलाज (आर्काइव यहां) शेयर करते हुए कैप्शन दिया, "मो. जमालुद्दीन, डॉ. एहसानुल हक, इम्तियाज आलम नीट परीक्षा लीक में पकड़े गए हैं. परीक्षा जिहाद (sic)?" फ़ेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इसी तरह के दावों के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

नीट-यूजी (स्नातक के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) भारत में निजी और सरकारी संस्थानों में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. "एग्जाम जिहाद" जैसे शब्द, जो "लव जिहाद" या "ट्रेन जिहाद" के समान हैं, अति-दक्षिणपंथी समूहों और समर्थकों द्वारा भारतीय मुसलमानों पर ग़लत तरीके से घटनाओं का आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सीमांत षडयंत्र सिद्धांत हैं. लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने पहले भी इन सिद्धांतों से जुड़े इसी तरह के दावों का यहां और यहां फ़ैक्ट-चेक किया है. 

वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट। (सोर्स: फ़ेसबुक/एक्स/स्क्रीनशॉट)

यह दावा 2024 के नीट परीक्षा के पेपर के कथित लीक होने और जून 4, 2024 को घोषित परिणामों में अनियमितताओं की रिपोर्ट के तुरंत बाद सामने आया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और कई जांच एजेंसीज़  ने अब तक 30 गिरफ़्तारियां की हैं. हालांकि, यह दावा कि इस मामले में केवल एक विशेष समुदाय के लोगो को गिरफ़्तार किया गया है, ग़लत है.

सच्चाई क्या है?

हमें अपनी जांच के दौरान जुलाई 1, 2024 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें इस मामले में अब तक गिरफ़्तार किए गए लोगों के नाम सूचीबद्ध थे. रिपोर्ट में ये नाम हैं - संजीव मुखिया, बलदेव कुमार, नीतीश कुमार, अमित आनंद, मनीष प्रकाशम आशुतोष कुमार, रोशन कुमार, अवधेश कुमार, सिकंदर यादवेंदु और आठ अन्य, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, परमजीत सिंह, राजीव कुमार, एहसानुल हक, इम्तियाज आलम, मोहम्मद जमालुद्दीन, पुरुषोत्तम शर्मा, तुषार भट्ट, आरिफ वोहरा, परशुराम रॉय और विभोर आनंद उमेश्वर प्रसाद सिंह. 

हमने मामले में दर्ज एफ़आईआर की समीक्षा की और पाया कि पांच मई को पुलिस द्वारा दर्ज की गई पहली एफ़आईआर (आर्काइव यहां) में जिन लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया है, उनके नाम हैं - नीतीश, रॉकी, अखिलेश कुमार, सिकंदर यदुवेंदु, आयुष राज, संजीव सिंह, बिट्टू कुमार और अमित आनंद. 

बिहार के पटना में शांतिनगर पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज एफ़आईआर का स्क्रीनशॉट, जिसमें आरोपियों के नाम हैं. (सोर्स: scrb.bihar.gov.in)

मई 21 को झारखंड के देवगढ़ में आर्थिक अपराध इकाई ने एक और एफ़आईआर दर्ज की (आर्काइव यहां), जिसमें परमजीत सिंह, बलदेव कुमार, प्रशांत कुमार, अजीत कुमार, राजीव कुमार और पिंकू कुमार को आरोपी बनाया गया. 

आर्थिक अपराध इकाई, बिहार द्वारा दर्ज एफ़आईआर का स्क्रीनशॉट, जिसमें आरोपियों के नाम हैं. (सोर्स: scrb.bihar.gov.in)

सीबीआई ने जून 20 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के आधार पर एफ़आईआर दर्ज की, हालांकि इसमें किसी नाम का ज़िक्र नहीं किया गया, बल्कि आरोपियों को 'अज्ञात व्यक्ति' बताया गया था. 

सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का स्क्रीनशॉट (सोर्स: cbi.gov.in)

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, सीबीआई ने जून 27 को बिहार के पटना में नीट मामले में अपनी पहली गिरफ़्तारी की, जिसमें मनीष प्रकाश और आशुतोष को हिरासत में लिया गया. इससे पहले, गुजरात के गोधरा में सीबीआई ने तुषार भट्ट, पुरुषोत्तम शर्मा, विभोर आनंद, आरिफ़ वोहरा और दीक्षित पटेल को हिरासत में लिया था, जैसा कि इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया था. रिपोर्ट में बिहार के नालंदा के संजीव कुमार की पहचान कथित तौर पर पेपर लीक के मास्टरमाइंड के रूप में की गई है.

जून 29 को, इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सीबीआई ने झारखंड के हजारीबाग से जमालुद्दीन अंसारी, एहसानुल हक और इम्तियाज आलम को आईपीसी की धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया, जिसमें 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) शामिल हैं.

इससे पता चलता है कि गिरफ़्तार किए गए लोगों की लिस्ट में इस मामले में हिरासत में लिए गए 30 से अधिक लोगों और छात्रों में से तीन मुस्लिम शामिल हैं.

इस साल नीट-यूजी की परीक्षा पांच मई को हुई थी, जिसमें 23 लाख से ज़्यादा उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. हालांकि, परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे थे, जिसके कारण छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और बाद में स्थानीय पुलिस ने गिरफ़्तारियां कीं. कड़ी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं के बाद, सीबीआई ने स्थानीय अधिकारियों से जांच का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया.

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से साफ़ हो जाता है कि नीट पेपर लीक मामले में तीन मुस्लिम लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि गिरफ़्तार किए गए ज़्यादातर लोग मुख्य रूप से दूसरे धर्म से हैं.

(ट्रांसलेशन: सलमान)

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