लेखक: मोहम्मद सलमान
अगस्त 17 2023
तेलंगाना कलेक्ट्रेट ऑफिस का उद्घाटन हिंदू, मुस्लिम और ईसाई प्रार्थनाओं के साथ हुआ लेकिन समारोह का एक क्रॉप्ड वीडियो ग़लत संदर्भ में वायरल हुआ.
संदर्भ
ट्विटर और फ़ेसबुक पर 30 सेकेंड की एक वीडियो क्लिप इस दावे के साथ शेयर की गयी है कि मुस्लिम मौलवियों ने इस्लामिक प्रार्थना के साथ तेलंगाना के कलेक्टर ऑफिस का उद्घाटन किया. वायरल वीडियो में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और अन्य शीर्ष अधिकारी सरकारी कार्यालय में दिख रहे हैं, जबकि एक मुस्लिम धर्मगुरु आयतें पढ़ते हुए नज़र आ रहे हैं.
वीडियो को सांप्रदायिक कैप्शन के साथ शेयर किया गया, “मुल्ला के हाथों कलेक्टर ऑफिस का उद्घाटन समारोह. मैंने आपसे कहा था कि भारत का इस्लामीकरण शुरू हो चुका है. #HindusUnderAttack.” मुस्लिम मौलवियों के लिए अपमानजनक तरीके से इस्तेमाल होने वाला शब्द है मुल्ला.
वायरल वीडियो की तुलना हाल ही में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हिन्दू परंपराओं के अनुसार नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से की गयी है.
हालांकि, वायरल वीडियो के दावे के विपरीत तेलंगाना के कलेक्ट्रेट ऑफिस के उद्घाटन के दौरान हिंदू, मुस्लिम और ईसाई आस्थाओं से जुड़ी प्रार्थनाएं हुईं थीं. वायरल वीडियो को कांटछांट कर सांप्रदायिक संदेश का समर्थन करते हुए इसे शेयर किया गया है.
सच्चाई
हमने वीडियो के की-फ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करके पाया कि वायरल वीडियो के कुछ हिस्से 4 जून को तेलुगू के स्थानीय न्यूज़ चैनल टी न्यूज़ के यूट्यूब पर अपलोड किए गये थे. “सीएम केसीआर ने निर्मल कलेक्टर को सम्मानित किया.”-शीर्षक वाला वीडियो करीब 6 मिनट लंबा था और इसमें मुख्यमंत्री निर्मल के कलेक्टर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट वरुण रेड्डी को सम्मानित करते दिख रहे हैं. वीडियो में 1:35 मिनट पर दो मुस्लिम मौलाना आयतों का उच्चारण कर रहे हैं. इस प्रार्थना समारोह में दो ईसाई पादरियों को भी शामिल होते कैमरे में देखा जा सकता है.
वीडियो का फुल वर्ज़न खोजने के लिए संबंधित कीवर्ड्स के जरिए खोज की तो तेलुगू में वी6 न्यूज़ के चैनल का एक अन्य वीडियो सामने आया. यह वीडियो उसी तारीख़ को स्ट्रीम हुआ था जिसका शीर्षक था, “केसीआर लाइव : बीआरएस पार्टी ऑफिस और निर्मल जिले के कलेक्ट्रेट बिल्डिंग का उद्घाटन”. इस वीडियो में 27 मिनट 20 सेकेंड की समयावधि पर उस हिस्से को देखा जा सकता है जिसमें हिन्दू रीति-रिवाज से हवन दिखाया गया है. इस दौरान चंद्रशेखर राव और कलेक्टर को हिन्दू पुजारियों के साथ देखा जा सकता है.
इसके ठीक बाद वीडियो में 34 मिनट की समयावधि पर मुस्लिम मौलवियों और ईसाई पादरियों को उनके धार्मिक अनुष्ठान करते हुए दिखाया गया है. इस दौरान हिन्दू पुजारी, पादरी और मौलवी के साथ खड़े देखे जा सकते हैं. इससे स्पष्ट हो जाता है कि समारोह में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों की उपस्थिति थी.
इसके अलावा तेलंगाना मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक यूट्यूब अकाउंट पर भी ऐसा ही एक वीडियो अपलोड किया गया था.
वायरल वीडियो के फुल वर्ज़न से पुष्टि हो जाती है कि कलेक्टर कार्यालय के उद्घाटन में हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई धर्मों की प्रार्थना की गयी थी. हालांकि, मौलाना द्वारा कुरान की आयतों का पाठ करने वाले हिस्से को काट-छांट किया गया था और सोशल मीडिया पर शेयर किया गया जिससे यह दिखाया जा सके कि उद्घाटन में सिर्फ़ आयतें पढ़ीं गयीं.
फ़ैसला
तेलंगाना में निर्मल कलेक्ट्रेट परिसर के उद्घाटन में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई धर्मो की प्रार्थनाएं हुईं. वायरल वीडियो को कांट-छांट कर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए व्यापक रूप से शेयर किया गया. वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है.