लेखक: रजिनी के जी
अगस्त 23 2023
मूल वीडियो में एक डिस्क्लेमर है जिसमें कहा गया है कि यह काल्पनिक है और बुज़ुर्ग व्यक्ति ऐसी ही कई अन्य वीडियो का हिस्सा रहा है.
संदर्भ
सफ़ेद कुर्ता और पायजामा पहने एक बुज़ुर्ग व्यक्ति का वीडियो इस दावे के साथ वायरल है कि वह एक बेहोश महिला को ग़लत मंशा से छू रहा था. वीडियो में बुज़ुर्ग व्यक्ति जो कथित रूप से मौलवी है, कुछ मंत्र पढ़ रहा है और ज़मीन पर लेटी महिला पर झाड़-फूंक करता दिख रहा है. फिर वह बेहोश महिला को एक कमरे में खींचकर ले जाता है. इस बीच वीडियो बनाने वाला व्यक्ति उससे पूछता है कि वह क्या कर रहा है? जवाब में ‘मौलवी’ जवाब देता है, “मैं उसका इलाज कर रहा हूं, वह बेटा पैदा नहीं कर पा रही है.” इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए कई यूज़र्स ने शेयर किया है. इसमें मुस्लिम मौलवी की आलोचना की गयी है कि वह महिला की बेहोशी का फ़ायदा उठा रहा है.
सच्चाई
हमें रिवर्स इमेज सर्च की मदद से फ़ेसबुक पर इस वीडियो का फ़ुल वर्जन मिला. करीब 12 मिनट लंबे इस वीडियो को शेख असलम नाम के एक यूज़र ने 12 सितंबर 2022 को फेसबुक पर पोस्ट किया था जिसके कैप्शन में दावा किया गया था कि मौलाना निसंतान महिलाओं को झांसा देता था, उन्हें नशीली दवाएं देकर बेहोश करता था और उसके साथ बलात्कार करता था. देखें पूरी रिपोर्ट.
वीडियो में 11:50 मिनट की समयावधि पर हमें एक डिस्क्लेमर दिखाई पड़ता है जो हिन्दी और अंग्रेजी दोनो में था : “इस वीडियो में सबकुछ काल्पनिक है. काल्पनिक इसलिए क्योंकि वास्तविकता इस हद तक कड़वी है कि उसे बताया नहीं जा सकता. इसमें दिखायी गयी घटना वास्तव में हमारे देश समेत कई देशों में घट रही घटनाओं के मुकाबले कुछ भी नहीं है.“
हमें अपनी जांच के दौरान उसी बुजुर्ग व्यक्ति का एक और वीडियो मिला. 15 मिनट लंबे इस वीडियो में काल्पनिक कहानी है. ‘एबीसी प्रैंक’ ने 3 सितंबर 2022 को फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था. वीडियो का शीर्षक था : “प्रेमिका की शादी के बाद पागल हुआ लड़का, बुजुर्ग दादा रखते हैं उसका ध्यान”. ‘एबीसी प्रैंक’ के फेसबुक पेज का विवरण बताता है कि यह वीडियो क्रिएटर पेज है. ब्योरे में यह भी उल्लेख है, “ ’एबीसी प्रैंक’ वीडियो मनोरंजन के लिए बनाता है, वीडियो का आनंद लें.”
2022 में पत्रकार और फैक्ट चेकिंग संस्थान ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने वायरल दावे से जुड़े इस व्यक्ति का एक और वीडियो ट्वीट किया था. यह वीडियो कई वीडियो क्लिप का संकलन है. पहली क्लिप में एक युवती को अपने रिश्ते का बचाव करते हुए बुजुर्ग के साथ देखा जा सकता है. दूसरी क्लिप में एक युवक को अपने से बड़े व्यक्ति और एक महिला से लड़ते हुए दिखाया गया है. तीसरी क्लिप में बुजुर्ग एक बच्चे को पकड़े हुए हैं और कहते हैं कि पति के छोड़ देने के बाद उस बच्चे की मां से उसकी शादी हुई है. आखिरी क्लिप उसी वायरल वीडियो का हिस्सा है. हमें यूट्यूब पर संकलित वीडियो के तीसरे क्लिप का लंबा संस्करण भी मिला. जुलाई 2022 में चंदन चौधरी नामक यूजर ने इसे अपलोड किया था. अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि यह आदमी मौलवी या कोई मुस्लिम धर्मगुरू नहीं है जो निस्संतान महिला का ग़लत तरीके से ‘इलाज’ करता है बल्कि वह एक कलाकार है जो कई अन्य वीडियो में नज़र आता है.
वीडियो शेयर करते एक यूज़र ने लिखा, “खुदा का बंदा” मौलाना एक हिन्दू महिला को ड्रग्स देता है कि उसका ‘इलाज’ करे. हिन्दू कार्यकर्तां के हाथों वह पकड़ लिया गया.” हालांकि, यह वीडियो किसी वास्तविक घटना का चित्रण नहीं बल्कि एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है. लॉजिकली फैक्ट्स ने पहले भी इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो से जुड़े कई दावों को ख़ारिज किया है.
फ़ैसला
वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मुस्लिम मौलवी नहीं है जो झाड़-फूंक करते हुए महिला का ‘फ़ायदा उठा’ रहा है. मूल वीडियो में एक डिस्क्लेमर मौजूद है हिस्में बताया गया है कि यह वीडियो काल्पनिक है. वीडियो में दिखाई देने वाले बुज़ुर्ग व्यक्ति ने इसी तरह के कई अन्य स्क्रिप्टेड वीडियो में अभिनय किया है. इसलिए, हम इस दावे को ग़लत मानते हैं.