लेखक: उम्मे कुलसुम
फ़रवरी 15 2024
यह वीडियो मुंबई के घाटकोपर का है, जहां इस्लामिक उपदेशक मुफ़्ती सलमान अज़हरी की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.
दावा क्या है?
उत्तराखंड के हल्द्वानी में प्रशासन द्वारा एक मस्जिद और एक मदरसा को गिराने के बाद, इलाक़े में हिंसा भड़क उठी थी. इस बीच, पुलिसकर्मियों द्वारा लोगों को खदेड़ने और लाठीचार्ज करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग इधर-उधर भागते नज़र आ रहे हैं. कई सोशल मीडिया यूज़र्स इस वीडियो को हल्द्वानी से जोड़कर शेयर कर रहे, जहां तोड़फोड़ के बाद हुई हिंसक झड़प में कम से कम पांच लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो को कैप्शन के साथ शेयर किया, "बीजेपी के द्वारा बनाए गए नए भारत के हल्द्वानी, उत्तराखंड में मुसलमानों पर लाठियां बरसाते हुए संवैधानिक पुलिसकर्मी" पोस्ट को अब तक 4,000 से ज़्यादा रीपोस्ट और इसे 200,000 बार देखा जा चुका है. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें और ऐसे ही दावे वाले अन्य पोस्ट यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो उत्तराखंड के हल्द्वानी का नहीं, बल्कि मुंबई के घाटकोपर इलाक़े का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने पाया कि वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले पार्क किए गए वाहनों में से एक में "MH 03" अक्षरों से शुरू होने वाले रजिस्टरेशन नंबर के साथ एक नंबर प्लेट दिखाई दे रही है. महाराष्ट्र के परिवहन विभाग की वेबसाइट के अनुसार, कोड "एमएच 03" मुंबई पूर्व का है.
वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट जिसमें पार्क की गई गाड़ी का नंबर दिखाया गया है. (सोर्स:एक्स/स्क्रीनशॉट)
इससे हिंट लेकर, हमने संबंधित कीवर्ड के साथ खोजबीन की, तो हमें एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें 6 फ़रवरी को वही वीडियो शेयर किया गया था. इस पोस्ट के साथ मराठी भाषा में लिखे कैप्शन में बताया गया कि वीडियो पूर्वी मुंबई के घाटकोपर की एक घटना का है.
मिरर नाउ की एक वीडियो रिपोर्ट, जिसे 5 फ़रवरी को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था, में वायरल वीडियो में देखे गए बैकग्राउंड से मिलते-जुलते दृश्य देखे जा सकते हैं. वायरल वीडियो में दिख रहे बैंगनी, पीले और नारंगी रंग के डिज़ाइन वाले साइडवाक पैनल को यूट्यूब वीडियो में 0:29 टाइमस्टैम्प के आसपास देखा जा सकता है.
मिरर नाउ रिपोर्ट के दृश्यों और वायरल वीडियो की तुलना. (सोर्स: यूट्यूब/मिरर नाउ)
मिरर नाउ की वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक़, मुंबई में रहने वाले इस्लामिक उपदेशक मुफ़्ती सलमान अज़हरी के समर्थकों ने गुजरात पुलिस द्वारा कथित तौर पर नफ़रत भरा भाषण देने के आरोप में गिरफ़्तार किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन किया था. गुजरात पुलिस ने मुंबई पुलिस से मदद मांगी थी और मुफ़्ती सलमान को घाटकोपर पुलिस स्टेशन में रखा गया था.
कई अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी इस घटना पर रिपोर्ट की थी. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि मुफ़्ती सलमान अज़हरी को 4 फ़रवरी को गिरफ़्तार किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक़, अज़हरी की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर उनके सैकड़ों समर्थक मुंबई में घाटकोपर पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गए, पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए हल्के लाठीचार्ज का सहारा लिया.
घाटकोपर पुलिस स्टेशन का आखिरी गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू 2021 का है और तब से अपडेट नहीं किया गया है. हालांकि, घाटकोपर पुलिस डीजल पंप को चिह्नित करने वाला साइनबोर्ड, जैसा कि वायरल क्लिप में नज़र आता है, अभी भी देखा जा सकता है.
यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि हल्द्वानी में हिंसा 8 फ़रवरी को भड़की थी, और वायरल वीडियो 6 फ़रवरी से इंटरनेट पर मौजूद है.
निर्णय
वीडियो में मुंबई के घाटकोपर में पुलिस को इस्लामिक उपदेशक मुफ़्ती सलमान अज़हरी की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करते हुए दिखाया गया है. इसका हल्द्वानी में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
(ट्रांसलेशन: सलमान)