लेखक: मोहम्मद सलमान
अगस्त 22 2023
पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि युवक और युवती दोनों एक ही समुदाय से हैं. यह घटना 2019 की है और इसमें कोई सांप्रदायिक या ‘लव जिहाद’ एंगल नहीं था.
(ट्रिगर वार्निंग : यौन और शारीरिक हिंसा का जिक्र. पाठकों को विवेक की सलाह.)
संदर्भ
ट्विटर पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि एक मुस्लिम युवक ने शादी से इनकार करने पर हिन्दू महिला का गला काटने की कोशिश की. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया है कि महिला को मारने के लिए वह व्यक्ति उसे एक पार्क में ले गया था. वीडियो में महिला के गाल और गले पर खून बहता हुआ दिखाई दे रहा है जबकि भीड़ कथित अपराधी को पीटती हुई नज़र आ रही है.
वीडियो को सांप्रदायिक और ‘लव जिहाद’ का रंग देकर शेयर किया जा रहा है. दरअसल, ‘लव जिहाद’ दक्षिणपंथी समूहों का एक षडयंत्र सिद्धांत है जिसमें मुस्लिम पुरुष हिन्दू महिलाओं को लुभाते हैं, बहकाते हैं और उनका धर्म परिवर्तन कराने के मक़सद से उनसे शादी करते हैं.
सच्चाई
हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो को फ्रेम्स में तोड़कर उनपर रिवर्स इमेज सर्च चलाया. इससे हमें ‘NYOOZ Bihar-Jharkhand’ के यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गयी एक वीडियो रिपोर्ट मिली. 16 सितंबर 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक़, हमलावर का नाम अरविंद कुमार है. हमलावर और पीड़िता दोनों झारखण्ड के लातेहार ज़िले से हैं. यह घटना राजधानी रांची में 15 सितंबर 2019 को हुई थी.
इस वायरल क्लिप को एक अन्य स्थानीय खबरिया संस्थान ‘ताज़ा ख़बर झारखण्ड’ ने 16 सितंबर 2019 को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था. वीडियो रिपोर्ट में रांची स्थित पिथौरिया पुलिस थाना के प्रभारी विनोद राम प्रेस को बताते हैं कि हमलावर और घायल दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते थे. वीडियो के विवरण में यह भी बताया गया है कि पुलिस ने अरविंद कुमार के रूप में अभियुक्त की पहचान की है जो लातेहार ज़िले का रहने वाला है. रिपोर्ट के मुताबिक़, जब महिला ने शादी करने से इनकार कर दिया तो अरविंद ने उस पर हमला कर दिया. युवती के शोर मचाने पर स्थानीय लोगों ने मामले में हस्तक्षेप किया और उसकी जान बचायी. वीडियो में देखा जा सकता है कि स्थानीय लोग युवक की पिटाई कर रहे हैं. पुलिस ने बताया कि हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.
16 सितंबर 2019 को प्रकाशित प्रभात भारत और ईटीवी भारत (झारखण्ड) ने भी इस घटना को रिपोर्ट किया है. इन दोनों रिपोर्ट में आरोपी की तस्वीर मौजूद और उसकी पहचान अरविंद कुमार के रूप में की गयी है.
इसके अलावा 21 सितंबर 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट में क्विंट की ‘WebQoof’ टीम ने रांची ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से बात की जिन्होंने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो में जो घटना दिखाई गयी है वह ‘लव जिहाद’ से संबंधित नहीं है. उन्होंने एक प्रेस रिलीज़ उपलब्ध करायी जिसमें अभियुक्त की पहचान अरविंद कुमार के रूप में की गयी थी और इसमें यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि पीड़िता और आरोपी एक ही समुदाय के हैं. इसमें ‘लव जिहाद’ या सांप्रदायिक एंगल नहीं है. प्रेस रिलीज में यह भी बताया गया कि अरविंद ने कथित तौर पर महिला से छेड़छाड़ की थी और जब उसने विरोध किया तो उसपर हमला कर दिया.
विभिन्न संगठनों के फ़ैक्ट चेक से पता चलता है कि इस वीडियो को सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी और सांप्रदायिक दावे के साथ कई बार शेयर किया गया है.
फ़ैसला
पुलिस के मुताबिक, हमलावर और पीड़िता दोनों एक ही समुदाय से हैं. हम दावे को फ़र्ज़ी मानते हैं क्योंकि घटना में कोई ‘लव जिहाद’ या सांप्रदायिक एंगल नहीं था.