होम नहीं, बेरोज़गारी पर बोलते बीजेपी नेता दिनेश लाल यादव का ये वीडियो डीपफ़ेक नहीं है

नहीं, बेरोज़गारी पर बोलते बीजेपी नेता दिनेश लाल यादव का ये वीडियो डीपफ़ेक नहीं है

लेखक: सोहम शाह

अप्रैल 19 2024

शेयर आर्टिकल: facebook logo twitter logo linkedin logo
नहीं, बेरोज़गारी पर बोलते बीजेपी नेता दिनेश लाल यादव का ये वीडियो डीपफ़ेक नहीं है बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि बेरोजगारी पर आज़मगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव का दिया गया बयान डीपफ़ेक है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो इंटरव्यू 13 अप्रैल को एक स्थानीय पत्रकार संतोष कुशवाहा द्वारा शूट किया गया था, और यह डीपफ़ेक नहीं है.

दावा क्या है?

अप्रैल 15, 2024 को, इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद दिनेश लाल यादव का एक वीडियो शेयर किया. वीडियो में वह एक पत्रकार को इंटरव्यू दे रहे हैं जिसमें वह कहते हैं कि जनसंख्या वृद्धि के कारण भारत में बेरोज़गारी बढ़ रही है.

उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मोदीजी ने तो रोक दिया है, बताओ मुझे एक भी बच्चा है मोदी जी का? बताओ कोई, एक भी बच्चा है योगीजी का?योगी जी और मोदी जी तो बेरोज़गारी रोक दिए हैं कि नहीं भाई हम नहीं बढ़ाएंगे. तो बढ़ा कौन रहा ये बेरोज़गारी. जो बच्चा पे बच्चा पैदा किये जा रहा और सरकार कह रही है रुक जाओ तो मान भी नहीं रहा है…" 

इस वीडियो के वायरल होते ही, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और बीजेपी नेता तजिंदर सिंह बग्गा ने एक्स पोस्ट के ज़रिये दावा किया कि वीडियो एक डीपफ़ेक था और इसे "लोगों को गुमराह करने, अशांति पैदा करने और समाज में विभाजन पैदा करने" के लिए शेयर किया जा रहा था.

दिनेश लाल ने खुद एक्स पर यह दावा किया कि वीडियो फ़ेक है, उन्होंने कहा कि होठों का हिलना आवाज से मेल नहीं खाता है और इस तरह के 'फ़ेक वीडियो' को बढ़ावा देना कांग्रेस के लोगों के लिए एक 'प्रवृत्ति' बन गया है. सभी नेताओं ने क्लिप शेयर करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की.

मालवीय और दिनेश लाल यादव की पोस्ट में दावा किया गया है कि वीडियो फ़ेक है. (स्रोत: एक्स/स्क्रीनशॉट)

न्यूज़ चैनल इंडिया टीवी ने भी इस क्लिप को प्रसारित किया और वीडियो को 'डीपफ़ेक' बताया.

हालांकि, हमने पाया कि वायरल वीडियो डीपफ़ेक नहीं है, और मूल वीडियो में दिनेश यादव को ठीक यही टिप्पणी करते हुए दिखाया गया है. हालांकि, यह ज़रूर है कि वायरल वीडियो मूल क्लिप के दो हिस्सों को एक साथ जोड़कर बनाया गया है, हालांकि इससे यादव की टिप्पणियों के संदर्भ या अर्थ में कोई बदलाव नहीं आता है.

हमने सच्चाई कैसे जानी?

हमने पाया कि पूरा इंटरव्यू अप्रैल 13, 2024 को पत्रकार संतोष कुशवाह द्वारा संचालित यूट्यूब चैनल 'सोल अप हिंदी' पर पोस्ट किया गया था. वीडियो का टाइटल है “बेरोजगारी के सवाल पर भड़के सांसद निरहुआ कहा योगी मोदी जी की तरह मत करो पैदा बच्चे.” वायरल वीडियो वाला हिस्सा इस वीडियो के बिल्कुल आख़िरी में, 11:00 मिनट के आसपास पाई जा सकती है.

एक्स पर शेयर की जा रही क्लिप 58 सेकंड लंबी है, जबकि पूरा इंटरव्यू 11 मिनट से ज़्यादा लंबा है. इसमें स्पष्ट रूप से दिखाया गया है कि पत्रकार एक फ्लाईओवर के नीचे सड़क से रिपोर्टिंग कर रहा है. वह दिनेश लाल यादव के वाहन के पास जाता है और नेता का इंटरव्यू लेता है जबकि नेता कार की अगली सीट पर बैठे हुए हैं. हालांकि फ़ुटेज में कई बिंदुओं पर यादव का चेहरा फ़ोकस से अंदर और बाहर जाता है, लेकिन हमें वीडियो में हेरफेर किए जाने का कोई संकेत नहीं मिला.

इसके अलावा, हमने देखा कि वायरल वीडियो वाला हिस्सा इस यूट्यूब वीडियो के क़रीब 11 मिनट बाद दिखाई दिया. यादव को बेरोज़गारी-बच्चों वाली टिप्पणी करते हुए स्पष्ट रूप से देखा और सुना जा सकता है. इसके अलावा, उनके होठों की हरकत ऑडियो से बिल्कुल मेल खाती है.

हालांकि, यह ध्यान दिया जा सकता है कि एक्स पर वायरल हुए वीडियो को लंबे वीडियो के दो अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने के लिए एडिट किया गया है. पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी के बच्चे न होने के बारे में यादव की टिप्पणी उनकी बाकी टिप्पणियों के बाद आई थी, लेकिन वायरल क्लिप में उन्हें शुरुआत में रखा गया है. हालांकि, दिनेश लाल यादव ने वीडियो में जो भी कहा उसमें हेरफेर नहीं किया गया या उनकी टिप्पणियों को ग़लत तरीके से पेश नहीं करता. 

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने पत्रकार संतोष कुशवाहा से भी संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि उन्होंने इंटरव्यू रिकॉर्ड किया था. उन्होंने मूल वीडियो भी हमारे साथ शेयर किया. हमने इस वीडियो के मेटाडेटा की जांच की और पाया कि इसे दोपहर 3.38 बजे रिकॉर्ड किया गया था. अप्रैल 13, 2024 को उसी दिन इसे यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था.

वीडियो के मेटाडेटा का स्क्रीनशॉट.

वीडियो के बारे में एक्सपर्ट्स और टूल्स क्या कहते हैं?

मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट एलायंस (एमसीए) डीपफेक एनालिसिस यूनिट (डीएयू), जिसका लॉजिकली फ़ैक्ट्स एक हिस्सा है, ने वीडियो को चार टूल के माध्यम से चलाया और उन सभी ने निष्कर्ष निकाला कि वीडियो एआई-जनरेटेड नहीं है.

इसके अलावा, लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने आईआईटी जोधपुर में कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर डॉ. मयंक वत्स से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि एक्स पर शेयर किया गया वीडियो एडिटेड है, लेकिन यह डीपफ़ेक नहीं है. वायरल वीडियो में वीडियो के दो अलग-अलग हिस्सों को जोड़ा गया है, लेकिन इससे यादव की टिप्पणियों का संदर्भ या अर्थ नहीं बदलता है.

निर्णय

हमने मूल फुटेज देखा जिसमें दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को टिप्पणी करते हुए दिखाया गया है. इसके अलावा, वीडियो में हेरफेर के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं और एक एक्सपर्ट ने पुष्टि की है कि वीडियो एडिटेड है, लेकिन डीपफ़ेक नहीं है.

(ट्रांसलेशन: सलमान)

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

0 ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.