बांग्लादेश का वीडियो पश्चिम बंगाल में 'बकरीद पर क़ुर्बानी' के रूप में शेयर किया गया

लेखक: अंकिता कुलकर्णी
जून 21 2024

शेयर आर्टिकल: facebook logo twitter logo linkedin logo
बांग्लादेश का वीडियो पश्चिम बंगाल में 'बकरीद पर क़ुर्बानी' के रूप में शेयर किया गया

सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि वायरल वीडियो में पश्चिम बंगाल में ईद-अल-अज़हा के मौक़े पर सामूहिक क़ुर्बानी दिखाई गई है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो 2023 से इंटरनेट पर मौजूद है और इसे बांग्लादेश के ढाका में स्थित शोपनोनगर आवासीय क्षेत्र में रिकॉर्ड किया गया था.

क्लेम आईडी 1862df33

(ट्रिगर वार्निंग: इस स्टोरी में विचलित करने वाले दृश्य हैं. पाठकों को विवेक का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.)

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक रिहायशी सोसायटी के खुले स्थान में चौतरफ़ा खून खून फ़ैला हुआ दिखाई दे रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह पश्चिम बंगाल में हाल ही में मनाए गए ईद-उल-अज़हा के जश्न का है. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की गई पोस्ट में वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया है, "बंगाल में बकरीद मनाने का दृश्य. 200 से ज़्यादा गायों को काटा गया. वह भी एक रिहायशी परिसर के सामने." यह रिपोर्ट लिखे जाने तक इस पोस्ट को 4,81,900 बार देखा जा चुका है. इस पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट्स यहां और यहां देखें. 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

ईद-अल-अज़हा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, एक इस्लामी त्यौहार है जिसे भारत में जून 17, 2024 को मनाया गया था. इस मौक़े पर दुनिया भर में मुसलमान धार्मिक भावनाओं के कारण अलग-अलग तरह के जानवरों की क़ुर्बानी देते हैं. ये परंपरा इस्लाम के उद्भव से पहले से चली आ रही है.

हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं, बल्कि बांग्लादेश के ढाका शहर का एक पुराना वीडियो है. 

सच्चाई क्या है?

वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें यह जुलाई 1, 2023 को एक्स (आर्काइव यहां) पर शेयर की गई एक पोस्ट में मिला, जहां हम वही दृश्य देख सकते हैं जो वर्तमान में वायरल हो रहे वीडियो में नज़र आते हैं. इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, “भारत में हिंदू होली (रंगों का त्योहार) मना रहे हैं? नहीं, यह दृश्य ईद अल-अज़हा/बकरीद 2023 पर बांग्लादेश के ढाका में एक हाउसिंग सोसाइटी का है!” इससे पता चलता है कि वीडियो पुराना है. 

आगे जांच करने पर हमें अक्तूबर 24, 2022 को ‘अमर चोख’ चैनल पर अपलोड किया गया एक यूट्यूब वीडियो (आर्काइव यहां) मिला, जिसमें वायरल वीडियो में दिखाई देने वाली उन्हीं इमारतों का हवाई दृश्य दिखाया गया है. बंगाली भाषा में कैप्शन का मोटे तौर पर अनुवाद है: “ड्रीम नगर आवासीय परियोजना दृष्टिनंदन मीरपुर सगुफ्ता स्वप्ननगर आवासीय फ्लैट परियोजना.” हम 1:06 और 3:00 टाइमस्टैम्प पर ज़मीन पर लाल रंग की टाइलिंग वाली एक समान इमारत देख सकते हैं, जो वायरल वीडियो में 0.02 सेकंड पर दिखाई देने वाली इमारत के समान है.

वायरल वीडियो और यूट्यूब वीडियो के बीच तुलना. (सोर्स: एक्स, यूट्यूब/स्क्रीनशॉट)

इसी क्षेत्र के बारे में जानकारी देने वाला एक समान वीडियो (आर्काइव यहां) अगस्त 25, 2022 को शॉपनोनगर, मीरपुर, ढाका के आधिकारिक फ़ेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किया गया था. इसके कैप्शन में लिखा है, “मीरपुर DOHS के बगल में 1545 वर्ग फीट का फ्लैट सरकारी सुविधाएं. शगुप्ता शापनो नागोर क्षेत्र का फ्लैट (बंगाली भाषा से अनुवादित)”

इस वीडियो में 0:33 और 9:28 पर, हम वायरल वीडियो में दिख रही इमारत को देख सकते हैं.

वायरल वीडियो और फ़ेसबुक वीडियो के बीच तुलना. (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)

इसके अलावा, हमें गूगल मैप्स पर रिहायशी इलाके की कई तस्वीरें भी मिलीं और हमने गूगल अर्थ पर इमारत को जियोलोकेट भी किया, जिससे पुष्टि होती कि वीडियो भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है.

हालांकि लॉजिकली फ़ैक्ट्स स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका कि वीडियो असल में कब का है और इसे किस संदर्भ में बनाया गया था . लेकिन यह ज़रूर साफ़ हो जाता है कि वीडियो भारत के पश्चिम बंगाल में नहीं, बल्कि बांग्लादेश में रिकॉर्ड गया था.

निर्णय

बांग्लादेश के एक पुराने वीडियो को पश्चिम बंगाल में बकरीद के मौक़े पर की गई सामूहिक क़ुर्बानी के रूप में शेयर किया जा रहा है. 

इस फैक्ट चेक को पढ़ें

English , हिंदी

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

0
ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.