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हिंसक भीड़ का पुराना वीडियो हरियाणा में हालिया हिंसा से जोड़कर वायरल

लेखक: मोहम्मद सलमान

अगस्त 17 2023

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हिंसक भीड़ का पुराना वीडियो हरियाणा में हालिया हिंसा से जोड़कर वायरल

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो कम से कम 6 सालों से इन्टरनेट पर मौजूद है और कथित तौर पर बांग्लादेश में हुई एक घटना को दर्शाता है.

(ट्रिगर वार्निंग: इस स्टोरी में परेशान करने वाले दृश्यों का वर्णन और हमले का उल्लेख है. पाठक को विवेक की सलाह दी जाती है)

संदर्भ

बीते दिनों हरियाणा में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद से सोशल मीडिया पर ढेरों वीडियो वायरल हो रहे हैं. इस बीच एक वीडियो, जिसमें लोगों की भीड़ दिनदहाड़े एक व्यक्ति पर हमला करती नज़र आ रही है, उसे हरियाणा हिंसा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में दो लोग एक व्यक्ति को बेंत से पीट रहे हैं, वहीं तीसरा उसे पत्थर से मारने की कोशिश कर रहा है.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक ट्वीट में दावा किया गया कि यह घटना मेवात में हुई, जहां 31 जुलाई को हिंदुत्व संगठनों के जुलूस के बाद हिंसा शुरू हुई और जल्द ही हरियाणा के अन्य हिस्सों में फैल गई. मूल रूप से हिंदी में लिखी गई पोस्ट में कहा गया है, ''मेवात पर नहीं जागे तो एक दिन तुम्हारा भी अंत ऐसा ही होने वाला है.'' इस ट्वीट को दस लाख से अधिक बार देखा गया और 15,000 से अधिक लाइक मिले. कई अन्य यूज़र्स ने वीडियो को #Mewat, #MewatTerrorAttack जैसे हैशटैग के साथ शेयर किया है. हमें कुछ सोशल मीडिया पोस्ट भी मिले जिनमें दावा किया गया कि यह वीडियो कश्मीर की एक हालिया घटना को दर्शाता है.

हालांकि, ये वीडियो पुराना है और कथित तौर पर बांग्लादेश में हुई एक घटना को दिखाता है.

(Source - X/igopalgoswami)

फ़ैक्ट चेक 

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा तो हमें उसी वीडियो के साथ कई सोशल मीडिया पोस्ट मिले. इन पोस्ट्स में घटना की जगह अलग-अलग जगहों बताई गयी है. हालांकि, सबसे पुराना पोस्ट जो हमें मिला वह 2017 का था, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इस वीडियो का संबंध किसी भी हालिया घटना से नहीं है.

हमें 15 अप्रैल, 2017 को प्रकाशित द वायर की एक रिपोर्ट मिली, जिसका शीर्षक था, "फ़ेक न्यूज़: नफ़रत फैलाने वालों ने बांग्लादेश के वीडियो को बिहार में हिंदू विरोधी हिंसा के रूप में प्रसारित किया" रिपोर्ट में अप्रैल 2017 के एक फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट मौजूद था. वीडियो को शेयर करते हुए, फ़ेसबुक पोस्ट में फ़र्ज़ी दावा किया गया कि बिहार में मुसलमानों ने एक हिंदू व्यक्ति पर हमला किया. द वायर की रिपोर्ट में अब डिलीट हो चुके यूट्यूब वीडियो का हवाला दिया गया है और बताया गया है कि यह वीडियो वास्तव में बांग्लादेश के कोमिला का था. इसमें बताया गया कि वीडियो में दो लोगों पर एक राजनीतिक नेता की हत्या का आरोप लगने के बाद उन पर हमला करते हुए दिखाया गया है.

इससे हिंट लेते हुए, हमने कोमिला, बांग्लादेश से 2017 की उस घटना की रिपोर्ट देखी. बांग्ला न्यूज़ वेबसाइट BD24 की 3 अप्रैल, 2017 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दो लोग, अबू सईद (24) और मुहम्मद अली (35), जिन पर यूनियन परिषद के अध्यक्ष मोनिर हुसैन सरकार की हत्या का आरोप था, पर बांग्लादेश में भीड़ द्वारा हमला किया गया था. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अबू सईद की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई और मुहम्मद अली गंभीर रूप से घायल हो गए और ढाका के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. रिपोर्ट में यह भी ज़िक्र किया गया है कि हमला 2 अप्रैल, 2017 को कोमिला ज़िले के गौरीपुर बाबाज़ार में हुआ था.

इस संबंध में अधिक जानकारी की तलाश करते समय, हमें 7 जुलाई, 2017 के कुछ फ़ेसबुक पोस्ट मिले, जिनमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट मौजूद था. ये पोस्ट, ज्यादातर बांग्ला भाषा में थे. गौर करने वाली बात है कि हिंदू दक्षिणपंथी समूह भारत में सांप्रदायिकता फैलाने के लिए बांग्लादेश में अबू सईद और मोहम्मद अली पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के वीडियो का इस्तेमाल कर रहे थे.

फ़ेसबुक पोस्ट July 2017

जून 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में, टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी वायरल वीडियो के साथ शेयर किए गए दावे को ख़ारिज कर दिया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो बांग्लादेश का है.

इस वीडियो के साथ किये गए दावे को कई फ़ैक्ट-चेकिंग वेबसाइट द्वारा कई मौकों पर ख़ारिज किया गया है.

फ़ैसला

एक वीडियो जो कम से कम 6 सालों से ऑनलाइन प्रसारित हो रहा है, इस दावे के साथ वायरल है कि यह हरियाणा में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा की एक घटना दिखाता है. कई रिपोर्टों के अनुसार, यह वीडियो 2017 में बांग्लादेश में हुई एक घटना का है. इसलिए, हम दावे को फ़र्ज़ी मानते हैं.

(एडिटर नोट: हमने दृश्यों की हिंसक प्रकृति के कारण मूल वीडियो में लिंक जोड़ने से परहेज़ किया है)

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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