लेखक: मोहम्मद सलमान
अगस्त 17 2023
वायरल वीडियो में बांग्लादेश के चट्टोग्राम में सेना के काफिले को रोकते हुए प्रदर्शनकारियों को दिखाया गया है. इस घटना का पश्चिम बंगाल से कोई संबंध नहीं.
संदर्भ
सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में पुलिस के काफ़िले पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमला किया है. फ़ेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया कि मुसलमानों ने पुलिस के काफ़िले पर तब हमला किया जब एक घायल लश्कर (लश्कर-ए-तैयबा) आतंकी को ले जाया जा रहा था. वीडियो में लाठी डंडों से लैस भीड़ पुलिस को घेरे हुए दिख रही है और नारे लगा रही है. एक वाहन के पिछले हिस्से में वर्दीधारी व्यक्ति को स्ट्रेचर पर लेटे हुए देखा जा सकता है. इस वायरल वीडियो का कैप्शन था : “बंगाल में घायल लश्कर जवान को जब वाहन से ले जाया जा रहा था तो उन्हें मुसलमानों ने घेर लिया और रोक लिया. जब लश्कर के सदस्यों की तादाद बढ़ जाती है तो यही स्थिति होती है. किस ख्वाब में डूबे हुए हो हिन्दुओं? मूर्ख हिन्दुओं को देखो. तुम्हारे साथ भी ऐसा होगा.”
सच्चाई
रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि वायरल वीडियो 2021 का है और यह बांग्लादेश की एक घटना को दर्शाता है.
बांग्लादेश के एक फ़ेसबुक यूज़र ने 30 मार्च 2021 को यह वीडियो शेयर किया था जिसमें दावा किया गया था कि हिफाज़त-ए-इस्लाम (अति दक्षिणपंथी इस्लामिक संगठन) के कार्यकर्ता सैनिक वाहन पर हमला कर रहे हैं. बांग्ला में लिखे गये कैप्शन में बताया गया था, “हिरासत के दौरान हिफ़ाजत आतंकियों द्वारा देशभक्त सैन्यकर्मियों पर बर्बर हमला. बीमार सैनिक को एम्बुलेंस से सीएमएच ले जाया जा रहा था लेकिन मेडिकल रिपोर्ट दिखाने के बावजूद उन्हें ले जाने नहीं दिया गया. क्या इसे ही वे मानवता कहते हैं?” कई बांग्लादेशी यूज़रों ने 2021 में यह पोस्ट शेयर किया था.
वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो में वाहन का नंबर प्लेट बांग्ला में है. भारत में वाहन नंबर प्लेट अंग्रेजी में लिखे जाते हैं और वीडियो में जो दिखाया जा रहा है उससे इसका प्रारूप भी अलग है. भारत में वाहन नंबर प्रदेश के कोड से शुरू होता है. पश्चिम बंगाल के लिए कोड है डब्ल्यू बी. जबकि वीडियो में नज़र आने वाले वाहन के नंबर प्लेट पर किसी प्रदेश कोड का ज़िक्र नहीं है. इससे पता चलता है कि वीडियो भारत का नहीं है.
इसके अलावा, पहले वाहन के अंदर सैन्य अधिकारी बांग्लादेशी सेना के प्रतीक चिन्ह लगाए हुए दिख रहे हैं. बांग्लादेश आर्मी वेबसाइट के अनुसार, देश की सेना के बैज में एक्स आकार में दो तलवारें होती हैं जिनके बीच में कमल के आकार का प्रतीक मौजूद होता है. यह सेना के जवानों की बाहों पर दिख रहे लाल रंग के लोगो और एम्बुलेंस और काफिले के दूसरे वाहनों पर दिख रहे हरे रंग के लोगो के समान दिखाई देता है.
हमने यह भी पाया कि एम्बुलेंस में सेना के जवानों के बैज पर ‘एएमसी’ लिखा हुआ है जो बांग्लादेश आर्मी मेडिकल कॉर्प्स (एएमसी) से संबंधित है.
साल 2021 में ऐसे ही दावों के साथ यह वीडियो वायरल हुआ था. क्विंट के ‘वेबकूफ’ ने अपनी जांच में पाया था कि यह वीडियो मूल रूप से बांग्लादेश के हथज़ारी का है. ‘वेबकूफ’ ने इस घटना के लाइव वीडियो का पता लगाया था जो और भी स्पष्ट है, जहां एक चिन्ह दिखता है जिस पर लिखा है- "আল হেরা তাহফিজুল কুরআন ইসলামি একাডেমী (अलहेकरा तहफिजुल कुरान इस्लामिक अकादमी)". यही साइनबोर्ड वायरल वीडियो में भी देखा जा सकता है. अकादमी के फ़ेसबुक पेज के अनुसार, यह अकादमी हथज़ारी के फैय्याज बाज़ार में इसापुर स्थित रंगामाटी रोड पर है.
मार्च 2021 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे के समय हथज़ारी समेत चट्टोग्राम के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे. 26 मार्च 2021 को प्रकाशित बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, चट्टोग्राम और ब्राह्मणबरिया से प्रदर्शन शुरू हुआ जिसमें पांच लोग घायल हुए. रायटर ने रिपोर्ट दी थी कि मोदी के बांग्लादेश दौरे पर चट्टोग्राम इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में चार लोग मारे गये थे. स्थानीय रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि हिफ़ाजत समर्थकों ने मोदी की यात्रा के विरोध में सड़कें जाम कर दी थीं.
फ़ैसला
बांग्लादेश के एक वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया गया कि यह पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों को पुलिस वाहन पर हमला करते हुए दिखाता है. यह वायरल वीडियो मार्च 2021 का है जब पीएम मोदी के दौरे के समय बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इसलिए हम इस दावे को ग़लत मानते हैं.