लेखक: मोहम्मद सलमान
अगस्त 24 2023
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वाराणसी से ऐसी कोई घटना दर्ज नहीं की गयी है और यूपी तक ने भी ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने से इनकार किया है.
संदर्भ
सोशल मीडिया पर एक हिंदी न्यूज़ क्लिप इस दावे से वायरल कि “एक दलित लड़की ने बलात्कार की धमकी देने और धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने पर कथित रूप से 6 मुसलमानों की हत्या कर दी.” वायरल स्क्रीनशॉट पर ‘यूपी तक’ का लोगो है जो इंडिया टुडे ग्रुप का न्यूज़ पोर्टल है.
रिपोर्ट में यहां तक दावा किया गया है कि लड़की फ़रार है और लोगों के सिर वाराणसी में बाबतपुर स्थित मंदिर के पास 13 जून को मिले थे. रिपोर्ट कहती है कि शिकायत दर्ज कराने की कोशिशों के बावजूद पुलिस ने मुस्लिम पुरुषों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि, हमने पाया कि वायरल क्लिप फ़र्ज़ी है. पुलिस और यूपी तक ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई घटना रिपोर्ट नहीं की गयी है.
सच्चाई
हमें यूपी तक की वेबसाइट पर ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली. हमने जब वायरल स्क्रीनशॉट की जांच शुरू की तो हमें इसमें कई तरह की अनियमितताएं मिलीं. रिपोर्ट में मंदिर की तस्वीर है जो असल में इलाहाबाद शहर के सलोरी मंदिर की है. इसके अलावा पुलिस अधिकारियों की तस्वीर 2021 और 2022 में इंडियन एक्सप्रेस द्वारा इस्तेमाल की जा चुकी तस्वीर है.
क्लिप के निचले हिस्से में बायीं तरफ़ मौजूद विज्ञापन पुराना है जिसे हिन्दी मीडिया संस्थान वेबदुनिया वेबसाइट से लिया गया है. वेबसाइट का लोगो भी दिखाई पड़ता है.
यूपी तक ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर स्पष्टीकरण जारी किया है, “सोशल मीडिया पर फैलायी जा रही ख़बर फ़र्ज़ी है.”
लॉजिकली फैक्ट्स से बात करते हुए गोमती ज़ोन और अपराध, यूपी के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त टी सर्वानन ने कहा, “ऐसी कोई घटना बाबतपुर में रिपोर्ट नहीं की गयी है. यह 100 फ़ीसदी फ़र्ज़ी है.”
फ़ैसला
हमें इसमें कई अनियमिततायें मिलीं जो पुष्टि करती हैं कि न्यूज़ रिपोर्ट फ़र्ज़ी है. इसके अलावा, पुलिस और यूपी तक ने भी स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई घटना रिपोर्ट नहीं की गयी है.