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नहीं, ट्रैक्टर से बंधे पीएम मोदी के पुतले का वीडियो किसानों के विरोध-प्रदर्शन का नहीं है

लेखक: मोहम्मद सलमान

फ़रवरी 22 2024

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नहीं, ट्रैक्टर से बंधे पीएम मोदी के पुतले का वीडियो किसानों के विरोध-प्रदर्शन का नहीं है वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि भारत में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान देश के प्रधानमंत्री मोदी का पुतला बनाकर ट्रैक्टर से घसीट रहे हैं. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो अमेरिका के ओरेगॉन स्थित एक रोडसाइड रेस्टोरेंट का है और इसमें अलग से ऑडियो जोड़ा गया है. इसका भारत के मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर हर दिन नए-नए दावे सामने आ रहे हैं. इसी सिलसिले में एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला ट्रैक्टर से बंधा हुआ नज़र आ रहा है. इस पुतले पर चप्पलों की माला है और ‘एजेंट ऑफ़ आरएसएस’ लिखा है. एक बोर्ड पर ‘नो फार्मर्स, नो फ़ूड’ वाले पोस्टर भी दिख रहे हैं. इसके अलावा, वीडियो में दो लोगों की बातचीत भी सुनाई दे रही है.

इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह भारत में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन का है, जहां किसान देश के प्रधानमंत्री मोदी का पुतला बनाकर ट्रैक्टर से घसीट रहे हैं. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल इन पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, यह वीडियो अमेरिका के ओरेगॉन स्थित रोडसाइड रेस्टोरेंट ‘सिज़लिंग तंदूरी हट’ का है और इसमें अलग से ऑडियो जोड़ा गया है. इस वीडियो का भारत में चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है. 

हमने सच का पता कैसे लगाया?

हमने पाया कि वीडियो में ट्रैक्टर के बगल में एक रेस्टोरेंट है, जिस पर 'सिज़लिंग तंदूरी हट' लिखा हुआ है. इससे हिंट लेते हुए हमने इसके बारे में सर्च किया तो पता चला कि यह अमेरिका के ओरेगॉन में स्थित है. हमें ट्रिपएडवाइज़र और इंस्टाग्राम पर उसी रेस्टोरेंट की तस्वीरें मिलीं, जो वायरल वीडियो में दिख रही जगह से बिल्कुल मेल खाती हैं.

इंस्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: इंस्टाग्राम/स्क्रीनशॉट)

इसके बाद, हमने इस जगह को गूगल मैप्स के ज़रिये सर्च किया तो पता चला कि यह अमेरिकी राज्य ओरेगॉन के ऑरोरा शहर में मेलिंडा लेन पर स्थित है. उसी जगह को नीचे गूगल स्ट्रीट की मदद से देखा जा सकता है. इसमें वही नीले रंग का ट्रैक्टर भी नज़र आ रहा है. 

गूगल मैप्स के दृश्य का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)

हमारी अब तक की जांच से यह साफ़ है कि वीडियो का भारत में चल रहे किसान विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है. वायरल वीडियो के दृश्यों का मिलान करने से पता चलता है कि ये वीडियो अमेरिका के ओरेगॉन स्थित एक रेस्टोरेंट का है.

वीडियो में अलग से ऑडियो जोड़ा गया है

इसके बाद, हमने वायरल वीडियो में सुनाई देने वाली बातचीत-  “इतनी ठंड में दिल्ली क्यों जा रहे हैं”, "हमारी रोटी ले ली, हमारी जमीनें भी ले लेगा मोदी, मोदी को तो मुक्के से मारेंगे जा के..." के आधार पर थोड़ी खोजबीन की. इस दौरान एक्स (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब पर दिसंबर, 2020 के ऐसे कई वीडियो मिले, जिसमें इसी बातचीत के दृश्य मौजूद हैं. दरअसल न्यूज़ चैनल एनडीटीवी का एक रिपोर्टर एक बुजुर्ग किसान से दिल्ली जाने को लेकर सवाल करता है. जिसके जवाब में वह किसान ‘हमारी रोटी ले ली…मोदी को तो..” कहता है. यह बातचीत 2o2o-21 के किसान आंदोलन के दौरान हुई थी.

दिसंबर, 2020 के एक्स पोस्ट से लिया गया स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हमने एनडीटीवी रिपोर्टर की पहचान मोहम्मद ग़ज़ाली के रूप में की. हमने उनसे कॉल के ज़रिये उनसे संपर्क किया और उनसे उसी बुज़ुर्ग किसान से उनकी बातचीत के बारे में पूछा. उन्होंने कहा, ''हां, मुझे याद है. ये 26-27 नवंबर (2020) को शूट हुआ था. उस दिन पंजाब के किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे. यह बातचीत मुझे अच्छी तरह याद है.”

इसी बातचीत का वीडियो मोहम्मद ग़ज़ाली ने 26 नवंबर 2020 को अपने एक्स अकाउंट पर शेयर किया था. इससे यह साफ़ हो गया है कि बातचीत का यह ऑडियो वायरल वीडियो में अलग से जोड़ा गया है. 

निर्णय

वायरल वीडियो के साथ सोशल मीडिया यूज़र्स का यह दावा कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों ने पीएम मोदी के पुतले को ट्रैक्टर से बांधकर घसीटा, ग़लत है. दरअसल, यह वीडियो अमेरिका के ओरेगॉन का है और इसमें सुनाई दे रही बातचीत को अलग से जोड़ा गया है. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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