लेखक: मोहम्मद सलमान
अप्रैल 18 2024
पीएम मोदी ने देश के संविधान को बदलने और मनुस्मृति संविधान को लागू करने की बात नहीं की, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है.
दावा क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि ख़ुद बाबा साहब आंबेडकर भी आकर संविधान को ख़त्म नहीं कर सकते. इस वीडियो क्लिप के ज़रिये दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी 'मनुस्मृति वाला संविधान' स्थापित करने की बात कह रहे हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, ""मैं पुराने संविधान को बदलकर मनुस्मृति वाला संविधान बनाऊंगा जिसे स्वयं बाबा साहब अम्बेडकर भी आकर खत्म नहीं कर सकते है।" क्या घमंडी नरेंद्र मोदी यह कहना चाहता है?" पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां देखें.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो राजस्थान के बाड़मेर में बीजेपी की चुनावी रैली का है, जिसमें पीएम मोदी ने यह जरूर कहा था कि बाबा साहब अंबेडकर भी आकर संविधान को खत्म नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में कहीं भी मनुस्मृति का ज़िक्र नहीं किया, जैसा कि वायरल पोस्ट का दावा है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये वायरल पोस्ट्स के दावों की जांच शुरू की, तो हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इनमें पीएम मोदी के उसी बयान की चर्चा की गई है. रिपोर्ट्स में लिखा है कि राजस्थान के बाड़मेर में एक चुनावी रैली में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, '(बीजेपी) सरकार के लिए देश का संविधान ही सब कुछ है और अगर बाबा साहब आंबेडकर खुद भी आ जाएं तो भी संविधान को ख़त्म नहीं कर सकते.' यहां और यहां देखें.
हमारी जांच के दौरान हमें पीएम मोदी के भाषण के उसी वीडियो का एक लंबा वर्ज़न मिला, जिसे मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अप्रैल 12, 2024 को अपलोड किया गया था.
वीडियो में, 30 मिनट के बाद से पीएम मोदी कांग्रेस पर बाबा साहब आंबेडकर और संविधान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए नज़र आते हैं. इसके बाद, 34 मिनट 28 सेकंड की समयावधि पर पीएम मोदी कहते हैं, "जहां तक संविधान का सवाल है, आप मान के चलिए और यह मोदी के शब्द लिख के चलिए, बाबा साहेब अंबेडकर खुद आ जाएं तो भी संविधान ख़त्म नहीं कर सकते हैं. हमारा संविधान सरकार के लिए गीता है, रामायण है, महाभारत है, बाइबल है, क़ुरान है, यह सबकुछ हमारे लिए हमारा संविधान है."
इस पूरे वीडियो में पीएम मोदी ने कहीं भी संविधान में बदलाव करने या मनुस्मृति वाले संविधान को लागू करने की बात नहीं कही. यहां तक कि उन्होंने अपने पूरे भाषण में कहीं भी 'मनुस्मृति' शब्द का भी ज़िक्र नहीं किया.
पीएम मोदी का कांग्रेस पर यह हमला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि "नरेंद्र मोदी और बीजेपी का अंतिम लक्ष्य बाबासाहेब के संविधान को नष्ट करना है." दरअसल संविधान पर विवाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी सांसद अनंतकुमार हेगड़े ने बयान देते हुए कहा था कि संविधान में संशोधन के लिए पार्टी को दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत है. गौरतलब है कि पिछले दिनों लल्लू सिंह और ज्योति मिर्धा समेत बीजेपी के कई नेता मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में संविधान में बदलाव करने को लेकर बयान दे चुके हैं. आज तक और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इन नेताओं के बयान मौजूद हैं.
निर्णय
सोशल मीडिया यूज़र्स का यह दावा कि पीएम मोदी ने संविधान बदलकर मनुस्मृति वाला संविधान लागू करने का बयान दिया है, ग़लत है. उन्होंने यह जरूर कहा था कि बाबा साहब अंबेडकर भी आकर संविधान को खत्म नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में कहीं भी मनुस्मृति का ज़िक्र नहीं किया. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.