लेखक: मोहम्मद सलमान
सितम्बर 19 2023
वीडियो के साथ यह दावा कि पानीपत के सनौली में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हनुमान ध्वज ले जा रहे युवक पर हमला किया और ध्वज छीनकर फेंक दिया, ग़लत है.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि हरियाणा में पानीपत के सनौली में एक हिन्दू धार्मिक यात्रा शांतिपूर्ण तरीक़े से गुज़र रही थी. तभी अचानक से विशेष समुदाय के लोगों ने हनुमान जी का ध्वज ले जा रहे हिन्दू युवकों पर हमला कर दिया और ध्वज को ज़मीन पर फेंक दिया.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक धार्मिक यात्रा के दौरान एक युवक हनुमान चित्रित ध्वज के साथ यात्रा में घुसते हुए दिखाई देता है. वहीं एक दुकान पर पीली टीशर्ट पहने हुए एक व्यक्ति उसे रोकता है. इसी बीच, एक अन्य व्यक्ति वहां पहुंचता है और उस युवक के हाथ से छीन लेता है. इस वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक यूज़र्स बड़ी संख्या में सांप्रदायिक रंग देकर शेयर कर रहे हैं. (आर्काइव यहां और यहां देखें)
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है, क्योंकि हनुमान ध्वज लेने वाला व्यक्ति सरपंच संजय त्यागी हिन्दू समुदाय से ही है.
सच्चाई क्या है?
वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर हमने पाया कि पीली टीशर्ट पहने जिस व्यक्ति ने ध्वज ले जा रहे युवक को रोका था उसने कमेटी का बैज लगा रखा है. आमतौर पर, इस तरह का बैज धार्मिक जुलूसों के आयोजक या आयोजन कमेटी के सदस्य पहनते हैं.
वीडियो में व्यक्ति के सीने पर कमेटी बैज देखा जा सकता है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
इसके अलावा, हमें फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो का लंबा वर्ज़न मिला. 8 सितंबर, 2023 को पोस्ट किये गए इस वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया है, “गांव सनौली खुर्द मे बजरंग दल के झंडे का गांव के सरपंच द्वारा अपमान किया गया.” इस वीडियो में यात्रा में शामिल कई अन्य लोग भी अपने सीने पर वही बैज लगाए नज़र आ रहे हैं.
यात्रा में मौजूद लोगों के सीने पर लगा कमेटी बैज (सोर्स: फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
इसके बाद, हमने संबंधित कीवर्ड्स की मदद से घटना से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स चेक किया तो हमें 10 सितंबर, 2023 को प्रकाशित अमर उजाला की रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पानीपत के गांव सनौली खुर्द में जन्माष्टमी पर्व पर गांव के युवाओं द्वारा झांकी निकाली जा रही थी. यह झांकी जब गांव में विशेष समुदाय के क्षेत्र में पहुंची तो वहां पर बजरंग दल के कुछ सदस्य धार्मिक झंडा लेकर आ गए और धार्मिक नारे लगाने शुरू कर दिए. इस पर गांव के सरपंच संजय त्यागी ने झगडे़ के अंदेशे के चलते बजरंग दल के युवकों से झंडा ले लिया.
इसके बाद सरपंच और बजरंग दल के सदस्यों के बीच कहासुनी हो गई और बजरंग दल के कई सदस्यों ने सामूहिक रूप से सरपंच संजय त्यागी के ख़िलाफ़ सनौली खुर्द थाना में शिकायत दे दी. देर शाम को मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया.
वहीं, 12 सितंबर की अमर उजाला की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सरपंच संजय त्यागी ने खुर्द थाने में ही ग्राम पंचायत की तरफ़ से शिकायत दी. बजरंग दल के सदस्यों का आरोप है कि सरपंच ने झंडा छीना था, जबकि सरपंच की ओर से कहा गया है कि उसने केवल झंडा लिया था.
इसके बाद, लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने सनौली थानाध्यक्ष सुनील कुमार से संपर्क किया जिसमें उन्होंने मामले में किसी तरह का सांप्रदायिक एंगल होने से इंकार कर दिया. उन्होंने बताया, “यह झगड़ा जन्माष्टमी के जुलूस के दौरान हुआ था. दोनों पक्षों से शिकायत आई थी लेकिन अब दोनों के बीच समझौता हो गया है. शिकायत का निस्तारण कर दिया गया है.”
“जिस व्यक्ति ने झंडा लिया था वह हिन्दू है और सरपंच भी हिन्दू है और त्यागी समाज से है” सनौली थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने इस मामले पर अधिक जानकारी के लिए सरपंच संजय त्यागी से भी संपर्क किया. उन्होंने बताया, “हम हर साल झांकियां निकालते हैं, जब झांकी मुस्लिम इलाक़े पहुंची तो अचानक पीछे से बजरंग दल के 10-15 लड़के आये और नारेबाज़ी करने लगे. मैं खुद मौक़े पर मौजूद था. मैंने उन्हें धमकाया और झंडा ले लिया. इसमें हिन्दू-मुस्लिम जैसा कोई मामला नहीं है.”
उन्होंने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को पुष्टि की, “वीडियो में, मैं और पीली टी-शर्ट पहने साबा त्यागी, जो मंदिर समिति के सेक्रेटरी हैं, ने बजरंग दल के लड़कों से झंडा लिया था.”
निर्णय
वीडियो के साथ यह दावा कि पानीपत के सनौली में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हनुमान ध्वज ले जा रहे युवक पर हमला किया और ध्वज छीनकर फेंक दिया, ग़लत है. क्योंकि, दोनों पक्ष हिन्दू समुदाय से ही हैं. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.