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भालुओं के अयोध्या पहुंचने के दावे के साथ शेयर किया गया यह वीडियो मध्य प्रदेश का है

लेखक: मोहम्मद सलमान

जनवरी 12 2024

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भालुओं के अयोध्या पहुंचने के दावे के साथ शेयर किया गया यह वीडियो मध्य प्रदेश का है भालुओं के समूह का यह वीडियो इस दावे से वायरल है कि 'जामवंत सेना' हिन्दू देवता श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंची है. (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफ़ओ) गौरव चौधरी ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स से पुष्टि की कि वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले के बनसुकली गांव का है.

दावा क्या है? 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भालूओं का एक समूह एक गांव में घूमता नज़र आ रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि 'जामवंत सेना' हिन्दू देवता श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंची है. सोशल मीडिया यूज़र्स इसे चमत्कार बता रहे हैं.

दरअसल 'जामवंत' रामायण का एक पात्र है, जो भालू की तरह दिखता है. हिन्दू मान्यता के अनुसार, 'जामवंत' ने रावण के ख़िलाफ़ युद्ध में राम की मदद की थी. उन्होंने ही समुद्र पार कर लंका जाने के लिए हनुमान को उनकी ताक़त का आभास कराया था.

इस वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है. फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, "जटायु के बाद जामवंत की सेना पहुंची अयोध्या जी. पहली बार भालू का झुंड देखा गया अयोध्या जी में.." इस पोस्ट को अब तक 35 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावे वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि यह वीडियो मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले के अमझोर वन क्षेत्र का है, जहां जंगली भालुओं का एक समूह वनसुकली गांव में घुस गया था. इसका अयोध्या से कोई संबंध नहीं है. 

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

हमने सबसे पहले संबंधित कीवर्ड्स के ज़रिये सर्च किया कि क्या अयोध्या में भालू दिखने की कोई घटना रिपोर्ट की गई है, लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें ऐसी घटना का ज़िक्र है.

इसके बाद, हमने वीडियो को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजा, तो हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में हूबहू दृश्य दिखाने वाला वीडियो मिला. इस रिपोर्ट के मुताबिक़, भालुओं के समूह का यह वीडियो मध्य प्रदेश शहडोल ज़िले के अमझोर वनपरिक्षेत्र के वनसुकली गांव के आसपास का है.

दैनिक भास्कर रिपोर्ट में मौजूद वीडियो (सोर्स: दैनिक भास्कर/स्क्रीनशॉट)

इस रिपोर्ट में वन विभाग के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि गुरुवार, 4 जनवरी, 2024 की सुबह वनसुकली गांव के पास भालुओं का कुनबा गांव में घुस आया था. ग्रामीणों ने शोर करके भालुओं को गांव से बाहर की ओर खदेड़ दिया.

4 जनवरी, 2024 को प्रकाशित ईटीवी भारत की रिपोर्ट में बताया गया है कि शहडोल ज़िले के अमझोर वन परिक्षेत्र के वनसुकली गांव में ग्रामीण उस समय दहशत में आ गए जब पांच भालुओं का एक समूह गांव में घुस आया. ग्रामीणों ने हल्ला करके किसी तरह भालुओं को गांव से बाहर भगाया. गांव में जो समूह घुसा था उसमें एक मादा भालू और उसके चार बच्चे हैं. बताया जा रहा है कि पिछले दो महीने से जयसिंहनगर क्षेत्र में भालू घूम रहे हैं. 

नीचे वायरल वीडियो और ईटीवी रिपोर्ट में मौजूद तस्वीर के बीच तुलना देख सकते हैं.

वायरल वीडियो और ईटीवी रिपोर्ट के दृश्यों के बीच तुलना (सोर्स: एक्स, ईटीवी भारत/स्क्रीनशॉट) 

दरअसल मध्य प्रदेश में उमरिया का बांधवगढ़ नेशनल पार्क और सीधी ज़िले का संजय टाइगर रिज़र्व का क्षेत्र शहडोल ज़िले के साथ जुड़ा है. इस वजह से यहां अक्सर रिहायशी इलाकों में जंगली जानवर आते रहते हैं. 

इस वीडियो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने इसे उत्तरी शहडोल के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफ़ओ) गौरव चौधरी के साथ शेयर किया. 

प्रभागीय वन अधिकारी गौरव चौधरी ने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया, “यह वीडियो हमारे डिवीज़न के वनसुकली गांव का है, जहां कुछ दिन पहले भालुओं का एक दल घुसा था.” उन्होंने आगे कहा कि यह पूरा इलाका जंगल से घिरा हुआ है. यहां अक्सर जंगली जानवर आते रहते हैं. इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. भालू जंगल से आये थे और फिर वहीं लौट गये.

हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो अयोध्या का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले का है. हाल ही में गिद्धों के एक समूह का वीडियो भी सामने आया था जिसे अयोध्या का बताकर शेयर किया गया था. लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया था. यहां पढ़ें. 

निर्णय 

सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ यह दावा कि इसमें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या पहुंचे भालुओं को दिखाया गया है, ग़लत है. असल में यह वीडियो मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले के अमझोर वन क्षेत्र का है. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.