लेखक: मोहम्मद सलमान
मई 28 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह के पंज प्यारे में से एक उनके गृह राज्य गुजरात के द्वारका से थे और इस तरह मेरा आपसे खून का नाता है.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के 'पंज प्यारे' में से एक उनके चाचा थे. पंज प्यारे, जिन्हें पांच प्यारों के नाम से भी जाना जाता है, सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. यह नाम 1699 में आनंदपुर साहिब में गुरु गोबिंद सिंह द्वारा पांच सिख पुरुषों, भाई धाय सिंह, भाई धरम सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह और भाई साहिब सिंह को दिया गया था. इन पांच सदस्यों ने सिख समुदाय का गठन किया जिसे 'खालसा' कहा जाता है।
वायरल वीडियो में मोदी को नारंगी पगड़ी पहने एक रैली को संबोधित करते हुए दिखाया गया है, और एक पंजाबी वॉयसओवर में दावा किया गया है, "मोदी ने कहा कि पंज प्यारे में से एक उनके चाचा थे." इसी दावे के साथ कई यूज़र्स ने वीडियो शेयर किया है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने लिखा, “ब्रेकिंग न्यूज पंजाब में मोदी. आगामी लोकसभा चुनाव हारने के डर ने नरेंद्र मोदी के "मानसिक स्वास्थ्य" पर भारी असर डाला है. नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि गुरु गोबिंद सिंह के "पंच प्यारे" में से एक उनके चाचा थे. इन पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमने पाया कि दावा ग़लत है. असल में, नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गुरु गोबिंद सिंह जी के 'पंज प्यारे' में से एक गुजरात के द्वारका से थे और इस तरह उनका पंजाब के लोगों के साथ खून का रिश्ता है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमने पाया कि यह वीडियो मई 23, 2024 को पंजाब के पटियाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से लिया गया है. मूल भाषण नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल (आर्काइव यहां) पर 'पीएम मोदी ने पंजाब के पटियाला में एक जनसभा को संबोधित किया' शीर्षक के साथ अपलोड किया गया था.
30 मिनट लंबे वीडियो में वायरल वीडियो वाला हिस्सा 17:53 से 18:12 के बीच देखा जा सकता है. मूल वीडियो में, मोदी को कहते हुए सुना जा सकता है, "आप ये प्रधानमंत्री की बात छोड़ दीजिये. मेरा तो आपस खून का नाता है. गुरु गोबिंद जी के पहले पंज प्यारे थे, उसमें मेरा एक 'द्वारका का' पंज प्यारों में था." यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मोदी 'द्वारका का' शब्द का उच्चारण करते हैं जिससे वो "काका" (चाचा) जैसा सुनाई देता है.
हमने मोदी का पूरा भाषण ध्यान से देखा, लेकिन मोदी ने कहीं भी यह नहीं कहा कि पंज प्यारे में से कोई भी उनका चाचा था.
हमने भाषण का वह हिस्सा स्लो डाउन करके सुना, तो उन्हें 'द्वारका' शब्द का उच्चारण करते हुए 'द्वारिका' कहते हुए सुना, जिससे संभवतः भ्रम पैदा हुआ.
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने चौथे पंज प्यारे भाई मोहकम सिंह का ज़िक्र किया, जो द्वारका (वर्तमान गुजरात) के रहने वाले थे. वह 1685 में आनंदपुर साहिब पहुंचे और 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा उन्हें पंज प्यारे में से एक नामित किया गया.
निर्णय
हमारी जांच में साफ़ हो जाता है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में यह नहीं कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के पंज प्यारे में से एक उनके चाचा थे. उन्होंने असल में कहा था कि पांच में से एक पंज द्वारका, गुजरात से थे और इस तरह पंजाब के लोगों के साथ उनके खून के रिश्ते हैं. इसलिए, हमने वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.