लेखक: मोहम्मद सलमान
अक्टूबर 20 2023
यह तस्वीर अगस्त 2021 की है जब भोपाल में महंगाई के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह के कपड़े फट गए थे.
दावा क्या है?
मध्य प्रदेश के गुना ज़िले की राघोगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें वह फटे कुर्ते में नज़र आ रहे हैं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बयान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जयवर्धन का कुर्ता फाड़ दिया. वायरल पोस्ट में कहा गया है कि कांग्रेस में ‘कपड़ा फाड़ो’ विवाद थम नहीं रहा है.
न्यूज़18 हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक़, जब से कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट जारी की है तब से कई जगह विरोध दिख रहा है. बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए वीरेन्द्र रघुवंशी का टिकट काटे जाने से नाराज़ उनके समर्थकों ने जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का घेराव किया तो कमलनाथ ने उन लोगों से कहा कि जाकर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ो. इसके बाद, उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस बात को लेकर दिग्विजय और कमलनाथ ने हंसी-ठिठोली के बीच एकदूसरे की खिंचाई की.
कमलनाथ के इसी बयान के बाद एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर दिग्विजय सिंह के बेटे और विधायक जयवर्धन सिंह की तस्वीर वायरल हो गई. वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां, यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स, फ़ेसबुक/ स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह तस्वीर अगस्त 2021 की है जब मध्य प्रदेश के भोपाल में महंगाई के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह के कपड़े फट गए थे. इसका कमलनाथ के बयान से कोई संबंध नहीं है.
सच्चाई क्या है?
सबसे पहले हमने यह जानने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स को खंगाला कि क्या मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बयान के बाद राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा दिग्विजय सिंह या जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ने की कोई घटना हुई है? लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो. मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल है, हर छोटी-छोटी घटना मीडिया में सुर्खियां बन रही है. अगर ऐसी कोई घटना हुई होती तो मीडिया रिपोर्ट्स में इसे प्रमुखता से जगह ज़रुर मिलती.
हालांकि, इस दौरान हमें अगस्त 2021 की मीडिया रिपोर्ट्स जरूर मिलीं, जिसमें जयवर्धन सिंह की फटे कुर्ते वाली वही तस्वीर मौजूद थी, जिसे हाल का बताकर शेयर किया गया है.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि गुना के राघोगढ़ से दो बार के कांग्रेस विधायक और प्रदेश में कांग्रेस सरकार में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री रहे जयवर्धन सिंह भोपाल में महंगाई के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन की अगुवाई करते देखे गए. इस प्रदर्शन में शामिल भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर केनन का इस्तेमाल किया. इस दौरान पुलिस से हुई झड़प में जयवर्धन का कुर्ता फट गया.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में मौजूद जयवर्धन की तस्वीर का स्क्रीनशॉट (सोर्स: दैनिक भास्कर/स्क्रीनशॉट)
वहीं, 12 अगस्त, 2021 को प्रकाशित न्यूज़18 हिंदी की रिपोर्ट में बताया गया है कि भोपाल में सरकार के ख़िलाफ़ महंगाई को लेकर हुए प्रदर्शन में शामिल जयवर्धन का कुर्ता और पाजामा दोनों फट गए थे. पुलिस ने यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन की भीड़ को हटाने करने के लिए पानी की बौछार की और लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इसी बीच जयवर्धन का कुर्ता-पजामा फट गया.
वायरल पोस्ट में नज़र आने वाली दोनों तस्वीरें हमें वन इंडिया की 12 अगस्त, 2021 की रिपोर्ट में मिली, जबकि भास्कर और न्यूज़18 की रिपोर्ट में सिर्फ़ एक ही तस्वीर मौजूद है.
वनइंडिया रिपोर्ट में मौजूद तस्वीर का स्क्रीनशॉट (सोर्स: वन इंडिया/स्क्रीनशॉट)
जयवर्धन सिंह ने इसी प्रदर्शन की एक तस्वीर के साथ 11 अगस्त, 2021 को एक्स पर पोस्ट किया था, "महंगाई से बचाने, इस वतन के लिए. हर ज़ुल्म मंजूर है, इस तन के लिए." बाद में, इसी पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा था, "शाबाश जेवी. संघर्ष ही जीवन है। भाजपा शासन में महंगाई बेरोज़गारी बिजली के बड़े हुए बिल सस्ते अनाज के वितरण में धांधली के ख़िलाफ़ व किसान मज़दूर के पक्ष में मप्र युवक कॉंग्रेस के आंदोलन में जिस जोश का परिचय युवकों ने दिया उन्हें हार्दिक बधाई.”
महंगाई से बचाने, इस "वतन" के लिए।
— Jaivardhan Singh (@JVSinghINC) August 11, 2021
हर जुल्म मंजूर है, इस तन के लिए ।। pic.twitter.com/8m2riwAFbl
निर्णय
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह की फटे कपड़ों वाली तस्वीर के साथ यह दावा कि कमलनाथ के 'कपड़े फाड़ो' वाले बयान के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके कपड़े फाड़ दिए, ग़लत है. क्योंकि तस्वीर दो साल से ज़्यादा पुरानी है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.