लेखक: मोहम्मद सलमान
अक्टूबर 18 2023
यह वीडियो असल में आईएसआईएस (ISIS) का 2016 का वीडियो है, जिसमें दो तुर्की सैनिकों को ज़िंदा जलाते हुए दिखाया गया है.
चेतावनी - इस कहानी में हिंसा का वर्णन है. पाठकों को सलाह है कि विवेक से काम लें.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक बेहद दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दो सैनिकों को ज़िंदा जलाते हुए दिखाया जा रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये दोनों सैनिक इज़राइल के हैं और हमास द्वारा इन्हें ज़ंजीरों में बांधकर जलाया जा रहा है. (नोट: वीडियो में हिंसक दृश्य होने के कारण हमने स्टोरी में कोई भी लिंक जोड़ने से परहेज़ किया है.)
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमारी जांच में पता चला कि यह आईएसआईएस (ISIS) द्वारा 2016 में जारी किया गया वीडियो है जिसमें दो तुर्की सैनिकों को जलते हुए दिखाया गया है. इस वीडियो का इज़राइल-हमास के बीच जारी युद्ध से कोई संबंध नहीं है.
सच्चाई क्या है?
जब हमने वीडियो देखा तो हमें इसके ऊपर दाईं ओर आईएसआईएस (ISIS) का लोगो मिला, जिससे हमें संदेह हुआ कि यह वीडियो हमास से नहीं बल्कि आईएसआईएस से संबंधित हो सकता है.
हमने आईएसआईएस और हमास के झंडो के बीच तुलना की तो पाया कि दोनों बड़ा अंतर है.
आईएसआईएस और हमास के लोगो के बीच अंतर (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
बहरहाल, हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये वीडियो को खोजा तो कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें वीडियो के दृश्यों के स्क्रीनशॉट थे. (लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने न्यूज़ रिपोर्ट्स में इस्तेमाल किए गए वीडियो के स्क्रीनशॉट को धुंधला कर दिया है)
23 दिसंबर, 2016, को प्रकाशित फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कवर फ़ोटो के रूप में वीडियो का स्क्रीनशॉट मौजूद है, जिसमें दोनों सैनिकों को ज़ंजीर में बंधे देखा जा सकता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस्लामिक स्टेट जिहादी समूह ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें पकड़े गए दो तुर्की सैनिकों को ज़िंदा जलाते हुए दिखाया गया है. इस वीडियो को जिहादी वेबसाइटों पर पोस्ट किया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो कथित तौर पर उत्तरी सीरिया में आईएस घोषित "अलेप्पो प्रांत" में शूट किया गया था. इसमें तुर्की में बोलते हुए, दोनों सैनिकों को जलाने वाले व्यक्ति ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन पर मौखिक रूप से हमला किया और तुर्की में " विनाश का बीज बोये" जाने का आह्वान किया.
2016 की मीडिया रिपोर्ट्स में वीडियो से स्निप की गई तस्वीर का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/एचटी, एफ़ई)
वहीं, हिंदुस्तान टाइम्स की 23 दिसंबर, 2016 की रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएसआईएस ने इन दोनों तुर्की के सैनिकों का अपहरण किया था. इस रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले दोनों जवानों का स्क्रीनशॉट मौजूद है.
अल अरेबिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वीडियो आईएसआईएस द्वारा 16 तुर्की सैनिकों की हत्या के एक दिन बाद जारी किया गया, जो सीरिया में घुसपैठ में अंकारा की अब तक की सबसे बड़ी क्षति थी. वे सीरियाई शहर अल-बाब के आसपास हुए सिलसिलेवार हमलों में मारे गए थे, जिनमें तीन आत्मघाती कार बम विस्फोट भी शामिल थे.
अल जज़ीरा और रॉयटर्स ने भी 23 दिसंबर 2016 को दो तुर्की सैनिकों को जिंदा जलाने की घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी
निर्णय
वायरल वीडियो के साथ यह दावा है कि इसमें द्वारा इज़रायली सैनिकों को ज़ंजीरों में बांधकर ज़िंदा जलाते हुए दिखाया गया है, ग़लत है. क्योंकि यह असल में 2016 में जारी किया गया आईएसआईएस का वीडियो है, जिसमें दो तुर्की सैनिकों को जला दिया गया था. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.