लेखक: मोहम्मद सलमान
नवम्बर 17 2023
यह वीडियो 2020 में नागौर की एक घटना का है, जहां पंचायत चुनाव में टिकट वितरण से नाराज़ कार्यकर्ताओं ने स्थानीय बीजेपी नेताओं को पेड़ से बांध दिया था.
दावा क्या है?
राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं. राज्य में 25 नवंबर को मतदान होगा. इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें दो लोगों को रस्सी के सहारे पेड़ से बांध दिया गया है और लोग बीजेपी के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. वीडियो में एक व्यक्ति बीजेपी का झंडा जलाते हुए भी नज़र आ रहा है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए इसे वीडियो राजस्थान के एक गांव का बताया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के लोगों में बीजेपी नेताओं के प्रति इतना गुस्सा है कि जब बीजेपी कार्यकर्ता एक गांव में वोट मांगने पहुंचे तो ग्रामीणों ने पेड़ से बांधकर उनकी पिटाई की और बीजेपी का झंडा जला दिया. इसी दावे के साथ शेयर किये गए एक एक्स पोस्ट को अब तक 25 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. इन वायरल पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स:एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो 2020 में राजस्थान के नागौर की घटना का है, जहां पंचायत समिति चुनाव में टिकट वितरण से नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पदाधिकारियों को पेड़ से बांध दिया था.
सच्चाई क्या है?
जब हमने वीडियो के स्क्रीनग्रैब्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजा, तो हमें नवंबर, 2020 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें वायरल वीडियो के दृश्य दिखाने वाली तस्वीर कवर फ़ोटो के रूप में मौजूद थी.
9 नवंबर, 2020 को प्रकाशित न्यूज़18 हिंदी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान के नागौर में पंचायती चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नेताओं को रस्सी के सहारे पेड़ से बांध दिया. यह मामला नागौर के भैरुंदा मंडल का बताया गया है, जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय मंडल अध्यक्ष राजेंद्र वैष्णव और उनके साथ पदाधिकारियों को रस्सी से बांध दिया. कार्यकर्ताओं को आरोप था कि टिकट वितरण ठीक से नहीं किया गया.
न्यूज़18 रिपोर्ट में मौजूद तस्वीर का स्क्रीनशॉट (सोर्स: न्यूज़18/स्क्रीनशॉट)
वहीं, दैनिक भास्कर की 9 नवंबर, 2020 की रिपोर्ट में बताया गया है कि नागौर ज़िले की नवगठित पंचायत समिति हरसौर में टिकट वितरण से नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हरसौर मंडल अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पेड़ से बांध दिया. कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का झंडा जलाकर पार्टी के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय सिंह किलक ने जिन कार्यकर्ताओं को टिकट का आश्वासन दिया था उनमें से किसी को टिकट नहीं मिला जिससे कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए.
इसी घटना के वीडियो को ज़ी राजस्थान ने 9 नवंबर, 2020 को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था. रिपोर्ट के मुताबिक़, भेरूंदा मंडल की नवगठित पंचायत समिति के लिए बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी के कारण मंडल अध्यक्ष को उनका विरोध झेलना पड़ा.
चूंकि, कुछ रिपोर्ट्स में राजेंद्र वैष्णव की पहचान बीजेपी भेरूंदा मंडल अध्यक्ष के तौर पर की गई है, वहीं कुछ रिपोर्ट्स में उन्हें हरसौर मंडल अध्यक्ष बताया गया है. इसकी पुष्टि के लिए हम राजेंद्र वैष्णव के फ़ेसबुक अकाउंट पर पहुंचे, जहां उन्होंने अपने बायो में ख़ुद को हरसौर का बीजेपी मंडल अध्यक्ष बताया है.
इसके बाद, हमने राजेंद्र वैष्णव से फ़ोन कॉल के ज़रिये संपर्क किया, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि वीडियो में आसमानी नीले रंग का कुर्ता और चश्मा पहने हुए रस्सी से बंधे व्यक्ति वो ही हैं.
उन्होंने लॉजिकली फ़ैक्ट्स को बताया, “मैंने यह वीडियो कई बार देखा है. यह वीडियो भेरूंदा पंचायत चुनाव 2020 का है. उस समय मैं हरसौर का बीजेपी मंडल अध्यक्ष था. कुछ कार्यकर्ता टिकट वितरण से नाराज़ थे. जब मैं कैंडिडेट के साथ फॉर्म भराने जा रहा था तो हमारे कुछ कार्यकर्तारों ने रोक लिया था, फिर यह घटना हुई. इसमें कुछ कांग्रेस के लोग भी शामिल थे.”
राजेंद्र वैष्णव ने ख़ुद की पहचान आसमानी नीले रंग के कुर्ते व्यक्ति के रूप में की. (सोर्स: एक्स, न्यूज़18/स्क्रीनशॉट)
राजेंद्र वैष्णव ने आगे बताया, “उस घटना के बाद मुझे हरसौर बीजेपी मंडल अध्यक्ष पद से कार्यमुक्त कर दिया गया था. हालांकि, अभी भी मैं बीजेपी में हूं और चुनाव प्रचार में लगा हुआ हूं.”
निर्णय
राजस्थान के नागौर में 2020 में पंचायत समिति चुनाव के दौरान टिकट वितरण से नाराज़ बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय बीजेपी पदाधिकारी को रस्सी के सहारे पेड़ से बांधने का वीडियो हालिया विधानसभा चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा कि जनता ने वोट मांगने आये बीजेपी नेताओं को रस्सी से बांध दिया. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.