लेखक: मोहम्मद सलमान
अप्रैल 23 2024
कांग्रेस के मेनिफेस्टो में मुसलमानों के लिए विशेष प्रावधान, क़ानून या योजनाओं का ज़िक्र नहीं है.
दावा क्या है?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कर्नाटक इकाई के एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से अप्रैल 23, 2024 को एक पोस्ट किया गया और दावा किया कांग्रेस ने मुसलमानों को ज़मीन, संपत्ति और अधिकार "उपहार" देने के लिए मेनिफेस्टो तैयार किया है.कर्नाटक बीजेपी ने पोस्ट में दावा किया है कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कई विभाजनकारी एजेंडे मौजूद हैं.
बीजेपी कर्नाटक के अकाउंट ने कांग्रेस के कथित मेनिफेस्टो के छः पॉइंट्स हाईलाइट किये हैं और लिखा:
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब लागू करने
मुसलमानों को संपत्ति वितरण
मुसलमानों को विशेष आरक्षण
पर्सनल लॉ का पालन करने की आज़ादी
मुसलमानों को सीधे जज नियुक्त किया जाएगा
सार्वजनिक और निजी संस्थाओं को मुसलमानों को नौकरी पर रखने का आदेश
पोस्ट में बीजेपी कर्नाटक ने यह भी सवाल उठाया कि ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो है या मुस्लिम लीग का मेनिफेस्टो?. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
इससे पहले अप्रैल 21, 2024 को राजस्थान के बांसवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भी कांग्रेस के मेनिफेस्टो (घोषणापत्र) पर सवाल उठाए थे और कहा था कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति को बांटकर मुसलमानों को बांटना चाहती है. पीएम मोदी के बयान के बाद ये मुद्दा चर्चा का विषय बन गया और सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे सामने आने लगे. (पीएम मोदी की टिप्पणी 29 मिनट की समयावधि से सुनी जा सकती है.)
हालांकि, हमने कांग्रेस के हिंदी और इंग्लिश मेनिफेस्टो के सभी खण्डों को शब्दशः पढ़ा और पाया कि वायरल पोस्ट में किए गए दावों जैसे बिंदुओं का कहीं भी ज़िक्र नहीं है.
सच्चाई क्या है?
कर्नाटक बीजेपी के पोस्ट में कही गई सभी बातों की जांच करने के लिए हमने कांग्रेस के मेनिफेस्टो के सभी सेक्शन को एक-एक करके पढ़ा.
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब लागू करने का दावा
कांग्रेस मेनिफेस्टो 'न्याय पत्र' में 'शिक्षा' वाला सेक्शन , जहां पार्टी ने देश में शिक्षा और शैक्षणिक संस्थानों के लिए विशिष्ट कार्य बिंदुओं का वादा किया है, के 25 बिंदुओं में से किसी में भी शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब लागू करने का दावा नहीं किया गया. हालांकि, इसमें छात्रों की ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ की रक्षा करने की बात ज़रूर कही गई है.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो से लिया गया स्क्रीनशॉट. (सोर्स: कांग्रेस)
मुसलमानों को संपत्ति वितरण
हमें मेनिफेस्टो के किसी भी सेक्शन में ऐसा कोई भी बिंदु नहीं मिला जिसमें मुसलमानों को संपत्ति या धन बांटने का वादा किया गया है. 'सामाजिक न्याय' सेक्शन में यह ज़रूर कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक-सामाजिक जनगणना करवाकर जातियों, उपजातियों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी और प्राप्त आंकड़ों के आधार पर उनकी स्थित में सुधार के लिए कदम उठाएगी.
मेनिफेस्टो में आगे लिखा है कि अल्पसंख्यकों का आर्थिक सशक्तिकरण ज़रूरी बताया है. पार्टी उनके लिए आसान लोन प्रदान करने की नीति बनाएगी. अगले बिंदु में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक रोजगार, सार्वजनिक कार्य अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के उचित अवसर मिले. लेकिन यह कहीं नहीं कहा गया कि मुसलमानों को संपत्ति बांटी जाएगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी फाइनेंसियल और इंस्टिट्यूशनल सर्वे के ज़रिये दलितों, आदिवासियों, पिछड़ा वर्ग,ग़रीब सामान्य वर्ग और अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी का पता लगाने और उसी आधार पर उनका हक़ देने की बात कह चुके हैं. हालांकि, इसमें कहीं भी मुसलमानों को बांटने का ज़िक्र नहीं है.
मुसलमानों को विशेष आरक्षण
कांग्रेस ने मेनिफेस्टो के 'सामाजिक न्याय' वाले सेक्शन में आर्थिक-सामाजिक जनगणना करवाने; एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति),ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और ग़रीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50 प्रतिशत का कैप हटाने का वादा किया है.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो से लिया गया स्क्रीनशॉट. (सोर्स: कांग्रेस)
इसके अलावा, आर्थिक रूप से कमज़ोर सामान्य वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू करने की बात कही गई है. यहां हमें ऐसा कोई बिंदु नहीं मिला जिसमें मुसलमानों को अलग से आरक्षण देने की बात पर लिखी हो.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो से लिया गया स्क्रीनशॉट. (सोर्स: कांग्रेस)
पर्सनल लॉ का पालन करने की आज़ादी
कांग्रेस ने 'अल्पसंख्यक' सेक्शन में कहा है कि भारत में रहने वाले सभी नागरिकों को समान रूप से अपने धर्म का पालन करने अधिकार है और पार्टी संविधान के तहत अल्पसंख्यकों को मिलने वाले मौलिक अधिकारों को बरक़रार रखेगी. इसमें सातवें बिंदु में लिखा है कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक नागरिक की तरह अल्पसंख्यकों खान-पान, पहनावे, भाषा और व्यक्तिगत क़ानून की आज़ादी हो.
अगले बिंदु में कहा गया है कि पार्टी व्यक्तिगत में सुधार को बढ़ावा देगी और यह सुधार संबंधित समुदाय की भागीदारी और सहमति से किये जाएंगे. यहां कहीं भी सीधे तौर पर मुसलमानों के पर्सनल लॉ का ज़िक्र नहीं किया गया.
मुसलमानों को सीधे न्यायाधीश नियुक्त किया जाएगा
वायरल पोस्ट का यह दावा भी ग़लत है. मेनिफेस्टो में 'न्यायपालिका' सेक्शन तहत पांचवे बिंदु में लिखा है, "अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों और महिलाओं को अधिक संख्या में उच्च न्यायालयों (हाई कोर्ट) और सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के न्यायाधीशों (जजों) के रूप में नियुक्त किया जाएगा." इसमें कहीं भी मुसलमानों को सीधे जजों के तौर पर नियुक्त करने का ज़िक्र नहीं है. हम इस दावे का पहले भी फ़ैक्ट-चेक कर चुके हैं.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो से लिया गया स्क्रीनशॉट. (सोर्स: कांग्रेस)
सार्वजनिक और निजी संस्थाओं को मुसलमानों को नौकरी पर रखने का आदेश
कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में युवाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं, जिसमें पहली पक्की नौकरी गारंटी देने और 30 लाख खाली पदों को भरने का वादा शामिल है. कांग्रेस ने सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का वादा किया है.
कांग्रेस के मेनिफेस्टो से लिया गया स्क्रीनशॉट. (सोर्स: कांग्रेस/मॉडिफाइड बाई लॉजिकली फ़ैक्ट्स)
हालांकि, कांग्रेस ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रोज़गार और शिक्षा के संबंध में विविधता की स्थित का पता लगाने और बढ़ावा देने के लिए एक विविधता आयोग स्थापित करने की बात कही है. मेनिफेस्टो में कहीं भी नहीं लिखा कि कांग्रेस सार्वजनिक और निजी संस्थाओं को मुसलमानों को नौकरी पर रखने का आदेश देगी.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह साफ़ हो गया है कि कर्नाटक बीजेपी का दावा निराधार है. कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कहीं भी मुसलमानों के लिए विशेष प्रावधान, कानून या योजनाओं का ज़िक्र नहीं है.