लेखक: मोहम्मद सलमान
नवम्बर 6 2023
दिल्ली 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' शुरू करने वाला पहला राज्य नहीं है, ऐसी योजनाएं मध्य प्रदेश में 2012 से और राजस्थान में 2013 से चल रही हैं.
दावा क्या है?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया है कि 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' पहली बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा शुरू की गई थी और अब तक यह योजना पूरे देश में केवल दिल्ली में ही चल रही थी.
दरअसल 4 नवंबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज समेत अन्य तीर्थ स्थानों के लिए प्रदेश सरकार रेलवे यात्रा मुफ़्त कराएगी. इसके लिए 60 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों के लिए 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' शुरू की गई है.
मनोहर लाल खट्टर के इस पोस्ट पर केजरीवाल ने जवाब देते हुए लिखा था,'"मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' पूरे देश में अभी तक केवल दिल्ली में चल रही थी. पहली बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने चलाई. इस योजना के तहत हम दिल्ली के 75,000 से ज़्यादा बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करवा चुके हैं. हमें ख़ुशी है कि बीजेपी हमारी सरकार से सीखकर काम करने की कोशिश कर रही है. खट्टर साहिब, अगर इसके कार्यान्वन में कोई तकलीफ़ आये तो पूछ लीजिएगा, हरियाणा वासियों की मदद करने में हमें बड़ी ख़ुशी होगी." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
अरविंद केजरीवाल के पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा ग़लत है क्योंकि दिल्ली में 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' की शुरुआत 2018 में हुई थी जबकि मध्य प्रदेश में ऐसी योजना 2012 में शुरू की गई थी और इसे "मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना" कहा जाता है.
सच्चाई क्या है?
सबसे पहले जब हमने दिल्ली की 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' के बारे में सर्च किया तो हमारे सामने द क्विंट हिंदी की सितंबर, 2023 की एक रिपोर्ट सामने आई. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 12 सितंबर को 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' के तहत रामेश्वरम और मदुरै की तीर्थयात्रा पर जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों के 76वें जत्थे को हरी झंडी दिखाई. केजरीवाल ने तीर्थयात्रा पर जाने वाले 780 लाभार्थियों को रेलवे टिकट सौंपे.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इस योजना के 75 बैचों में 73 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने तीर्थ स्थलों की मुफ़्त यात्रा की है. दिल्ली कैबिनेट ने 'मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना' को 9 जनवरी, 2018 को मंजूरी दी थी. कोरोना महामारी के चलते में इसमें कुछ समय के लिए रोक लगा दी गई थी. इस योजना के अंतर्गत यात्रा, भोजन और ठहरने से जुड़े सभी ख़र्च दिल्ली सरकार उठाती है.
इस संबंध में हमने दिल्ली सरकार के आधिकारिक दिशानिर्देश को खंगाला तो पाया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए -
आवेदक की आयु 60 वर्ष या उससे ज़्यादा होनी चाहिए और दिल्ली का निवासी हो.
आवेदक/पति/पत्नी को केंद्र/राज्य सरकार या स्थानीय/स्वायत्त निकायों में नौकरी नहीं कर रहा हो.
आवेदक ने पहले कभी इस योजना का लाभ न उठाया हो
आवेदक अपने साथ एक अटेंडेंट ले जा सकता है लेकिन उसकी आयु 21 वर्ष या उससे ज़्यादा हो
यात्रा के दौरान किसी भी दुर्घटना या अनहोनी के लिए सरकार या तीर्थ यात्रा विकास समिति जिम्मेदार नहीं होगी
इसके अलावा, बाक़ी शर्ते भी हैं जिनका पालन करना जरूरी बताया गया है.
हमने अपनी जांच के दौरान पाया कि 60 वर्ष या ज़्यादा आयु वाले लोगों के लिए मुफ़्त तीर्थ यात्रा वाली योजना की शुरुआत 2012 में मध्य प्रदेश में हुई थी. इस योजना का नाम ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ दिया गया था.
मध्य प्रदेश सरकार के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के आधीन चलने वाली इस योजना की शुरुआत जून 2012 में हुई थी. इस योजना के तहत प्रदेश के वरिष्ठ नागरिको को देश के चिन्हित तीर्थ स्थल की मुफ़्त यात्रा कराई जाती है. तीर्थ यात्रीयो को विशेष रेल से यात्रा, नाश्ता, भोजन एवं शुद्ध पेयजल, ठहरने की व्यवस्था, ज़रूरत के हिसाब से बस से यात्रा व अन्य सुविधाएँ धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग, मध्यप्रदेश शासन से अनुबंधित इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (IRCTC), के द्वारा उपलब्ध करायी जाती है.
मध्य प्रदेश सरकार के धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग की वेबसाइट पर मौजूद योजना का स्क्रीनशॉट (सोर्स:धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग)
हमने पाया कि इस योजना के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी दिशानिर्देश ठीक वैसे ही हैं जो दिल्ली सरकार ने अपनी योजना में अपनाये हैं.
आवेदक की आयु 60 वर्ष या ज़्यादा हो और मध्य प्रदेश का मूल निवासी हो
आवेदक आयकरदाता यानी टैक्स पेयर न हो
65 वर्ष से अधिक आयु के एकल तीर्थ यात्री और 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग नागरिक को सहायक (केयर टेकर) ले जाने की पात्रता है
तीर्थ यात्रा के दौरान होने वाली किसी दुर्घटना अथवा कठिनाई के लिये राज्य शासन या उसका कोई अधिकारी/ कर्मचारी ज़िम्मेदार नहीं होगा
साथ ही कई अन्य शर्तें भी हैं जिनका यात्रा के दौरान लोगों को पालन करना ज़रूरी है.
न्यूज़18 की मई 2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़, मध्य प्रदेश सरकार ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के तहत प्रदेश के बुजुर्गों को हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा करवा रही है. इस योजना के अंतर्गत पहली फ्लाइट 21 मई को रवाना हुई थी, जिसमें 32 तीर्थयात्रियों को प्रयागराज में मां गंगा की आरती दिखाकर 22 मई को सोमवार की शाम भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतार दिया गया.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राज्य के अन्य ज़िलों से भी तीर्थयात्री देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए हवाई जहाज से जाएंगे.
वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना - राजस्थान
राजस्थान में इस योजना की शुरुआत 2013 में हुई थी जिसमें राज्य सरकार रेल से तीर्थयात्रियों को भेजती थी. बाद में, साल 2016 रेल और हवाई यात्रा भी शामिल की गयी. राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग के आधीन चलने वाली इस योजना में 60 वर्ष या ज़्यादा आयु वाले लोगों को जीवन में एक बार मुफ़्त तीर्थ यात्रा कराती है.
राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी का स्क्रीनशॉट (सोर्स: देवस्थान विभाग)
इस योजना के लिए दिए गए दिशानिर्देश में बताया गया है कि लाभार्थी -
राजस्थान का मूल निवासी हो और 60 वर्ष से ज़्यादा आयु का हो
आवेदक आयकरदाता यानी टैक्स पेयर न हो
आवेदक पहले इस योजना का लाभ न उठाया हो
आवेदक अपने साथ जीवन साथी या सहायक ले जा सकता है
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली मुफ्त तीर्थयात्रा का नाम अलग हो सकता है लेकिन योजना का लाभ और पात्रता बिल्कुल दिल्ली और मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं के समान ही है.
निर्णय
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह दावा कि ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ की शुरुआत सबसे पहले उनकी आम आदमी सरकार ने दिल्ली में की, ग़लत है. क्योंकि यह योजना 2012 में मध्य प्रदेश में शुरू की गई थी और इसे "मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना" के नाम से जाना जाता है.