लेखक: मोहम्मद सलमान
जून 13 2024
यह वीडियो कनाडा के वैंकूवर का है, जहां खालिस्तानी समर्थकों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर भारतीय कांसुलेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था.
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पगड़ी पहने लोग भारतीय तिरंगे और संविधान के पोस्टर जलाते नज़र आ रहे हैं. वीडियो में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या को दर्शाने वाली एक झांकी भी दिखाई गई है. सोशल मीडिया यूज़र्स इस वीडियो को पंजाब का बताकर शेयर कर रहे हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मनोज श्रीवास्तव, जो अक्सर ग़लत सूचना फ़ैलाने के लिए जाना जाता है, ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, "पंजाब में खालिस्तानियो द्वारा. संविधान की प्रतियां जलाई जा रही हैं तिरंगा जलाया जा रहा है. लेकिन भीम आर्मी भीम सेना वालों का खून नहीं खौल रहा." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों के दसत शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि,यह वीडियो पंजाब का नहीं, बल्कि कनाडा के वैंकूवर शहर का है, जहां खालिस्तान समर्थकों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या को दर्शाती एक झांकी दिखाई गई और भारतीय संविधान का पोस्टर और भारतीय ध्वज जलाया गया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो पर दिख रहे 'मीडिया बेज़िरगन' (Media Bezirgan) लोगो से हिंट लेते हुए, हमने इसे यूट्यूब पर सर्च किया तो उसी चैनल पर जून 7, 2024 को अपलोड किया गया वीडियो (आर्काइव यहां) का लंबा वर्ज़न मिला. क़रीब 1:16 मिनट लंबे वीडियो में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गोली मारने और उनके सिख अंगरक्षकों का पुतला जलाने का दृश्य 7 सेकंड पर, भारतीय ध्वज को जलाने का दृश्य 10 सेकंड पर और भारतीय संविधान के पोस्टर को जलाने का दृश्य 42 सेकंड पर देखा जा सकता है.
वीडियो के साथ जानकारी दी गई है कि खालिस्तानी अलगाववादी कनाडा के वैंकूवर में भारत के कांसुलेट के सामने इंदिरा गांधी और उनकी हत्या करने वाले उनके सिख अंगरक्षकों के पुतले लेकर एकत्र हुए. इस दौरान भारतीय झंडे, भारत के संविधान और एक रूसी झंडे का अपमान किया गया और उसे जला दिया गया. इसके अलावा, "मोदी की राजनीति को मार डालो" और एयर इंडिया बम विस्फोटों के स्वयंभू मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार की तस्वीर वाले लिखे हुए बोर्ड देखे गए.
हमने पाया कि वीडियो में सेंटर सिंक्लेयर सेंटर (Centre Sinclair Centre) नामक इमारत नज़र आ रही है, जिसके सामने प्रदर्शनकारी सामने एकत्र हुए थे. इसके बाद, हमने सिंक्लैर सेंटर को जियो-लोकेट किया तो पाया कि यह वैंकूवर में भारतीय कांसुलेट के ठीक सामने है. वायरल वीडियो में दिख रही विरोध प्रदर्शन की जगह गूगल मैप्स के स्ट्रीट व्यू से सटीक मैच होती है. इससे स्पष्ट होता है कि वीडियो कनाडा के वैंकूवर शहर का है.
मीडिया बेज़िरगन के यूट्यूब वीडियो और गूगल मैप्स के दृश्यों कि तुलना. (सोर्स: मीडिया बेज़िरगन, गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)
इस प्रदर्शन के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स सर्च करने पर हमें जून 7, 2024 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ़ इंडिया और दैनिक भास्कर की रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें वायरल वीडियो वाले दृश्य भी मौजूद हैं. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जून 6, 2024 को कनाडा के वैंकूवर समेत अलग-अलग शहरों में ऑपरेशन ब्लू स्टार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुए. वैंकूवर में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने ब्लू स्टार की 40वीं बरसी पर भारतीय कांसुलेट के सामने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. एसएफजे एक अमेरिकी आधारित अलगाववादी समूह है जो खालिस्तान के गठन का समर्थन करता है. भारत सरकार ने 2019 में इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था.
जून 9, 2024 को प्रकाशित एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने वैंकूवर में अपने कांसुलेट के सामने हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाने वाली झांकी का मामला उठाया है और देश के विदेश मंत्रालय ग्लोबल अफेयर्स कनाडा के समक्ष औपचारिक कूटनीतिक शिकायत दर्ज करा दी है.
कनाडा में ट्रूडो सरकार के सार्वजनिक सुरक्षा, लोकतांत्रिक संस्थाओं और अंतर-सरकारी मामलों के मंत्री डोमिनिक ए लेब्लांक ने इस मामले पर एक्स पोस्ट (आर्काइव यहां) के ज़रिये कहा कि इस हफ़्ते वैंकूवर में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं. उन्होंने कहा कि कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना कभी भी स्वीकार्य नहीं है.
ऑपरेशन ब्लू स्टार क्या था?
आपरेशन ब्लू स्टार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय द्वारा 3 से 8 जून 1984 को अमृतसर (पंजाब, भारत) स्थित हरिमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) परिसर को ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था. इस दौरान स्वर्ण मंदिर और अकाल तख़्त साहिब को काफी नुकसान पहुंचा था.
इसके बाद, अक्तूबर 31, 1984 को तत्कालीन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दो अंगरक्षकों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी. ऐसा कथित तौर पर उस साल जून में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सिखों के अपमान और स्वर्ण मंदिर के अपमान का बदला लेने के लिए किया गया था.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि इंदिरा गांधी की हत्या और भारतीय संविधान व ध्वज के अपमान को दिखाने वाला वीडियो पंजाब का नहीं, बल्कि कनाडा के वैंकूवर का है.