लेखक: मोहम्मद सलमान
अक्टूबर 6 2023
वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ख़ुद को 'पोथाराजुलु' परंपरा के हिस्से के रूप में कोड़ा मारते हुए दिखाया गया है.
दावा क्या है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह ख़ुद पर कोड़े चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी का यह वीडियो मुहर्रम का है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) और फ़ेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया जा रहा है, “मंदिर जाने से भी काम नहीं चला तो अब मुहर्रम बनाने निकल पड़े राहुल गांधी..” वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां, यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (एक्स/स्क्रीनशॉट)
मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. इस महीने की दसवीं तरीख (680 ईसवी) को पैग़म्बर मुहम्मद के नाती हुसैन को उनके परिवार और साथियों के साथ क़र्बला के मैदान में शहीद कर दिया गया था. मुहर्रम में मुस्लिम समुदाय के लोग इमाम हुसैन की इसी शहादत को याद करते हैं. इसे आशूरा भी कहा जाता है. इस दिन मुस्लिम ख़ासकर शिया मुस्लिम इमामबाड़ों में जाकर ख़ुद को पीट-पीटकर शोक मनाते हैं और ताज़िया निकालते हैं.
हालांकि, वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. यह वीडियो 3 नवंबर, 2022 को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान तेलंगाना का है, जहां राहुल गांधी बुडागा जंगलु समुदाय की प्रथा में शामिल हुए थे और 'पोथाराजुलु' परंपरा के तहत ख़ुद को कोड़े मारे थे. यह प्रथा राज्य के प्रशंसित हिन्दू उत्सव बोनालू का हिस्सा है.
सच्चाई क्या है?
जब हमने जब संबंधित कीवर्ड के साथ वीडियो खोजना शुरू किया, तो हमें 3 नवंबर, 2022 को प्रकाशित 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में, उसी वीडियो के दृश्य को दिखाने वाली एक तस्वीर कवर इमेज के रूप में मौजूद है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ख़ुद को 'पोथाराजुलु' परंपरा के हिस्से के रूप में कोड़ा मारा, जो तेलंगाना के प्रशंसित बोनालु त्योहार का एक अभिन्न अंग है.
आगे कहा गया है कि यह बुडागा जंगलु द्वारा प्रचलित एक प्रथा है, एक समुदाय जो गांवों का दौरा करता है और आजीविका के लिए ख़ुद को कोड़े मारते हुए धन इकट्ठा करता है. राहुल गांधी ने अपनी रुचि तब व्यक्त की जब एक समूह ने अपनी परंपरा का प्रदर्शन करने के लिए उनके सामने ख़ुद को कोड़े मारे थे.
द हिन्दू की रिपोर्ट में मौजूद वीडियो का स्क्रीनशॉट (सोर्स: द हिन्दू/स्क्रीनशॉट)
हमें इस रिपोर्ट में 'द हिंदू-हैदराबाद' की एक एक्स पोस्ट भी मिला जिसमें वायरल वीडियो के समान दृश्य दिखाते हुए वीडियो का एक लंबा वर्ज़न शेयर किया गया था. इस पोस्ट के कैप्शन में बताया गया है कि तेलंगाना में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पोथाराजू की तरह ख़ुद को कोड़े से मारा, जो बोनालू उत्सव का हिस्सा है. संगारेड्डी के विधायक टी. जयप्रकाश रेड्डी ने उन्हें दिखाया कि ख़ुद को चोट पहुंचाए बिना कोड़े का इस्तेमाल कैसे किया जाता है.
दरअसल पोथाराजुलु या पोथुराजू को विभिन्न देवी-देवताओं का संरक्षक देवता माना जाता है, जिनकी विशेष रूप से गांवों में पूजा की जाती है. हैदराबाद और अन्य जुलूसों में 'बोनालू' जैसे त्योहारों पर, एक पोथुराजू ख़ुद को कोड़े मारते हुए जुलूस के साथ चलता है. इसे पूजा की देवी को एक प्रकार का प्रसाद माना जाता है.
वायरल वीडियो और द हिन्दू-हैदराबाद एक्स वीडियो के बीच तुलना. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
इकोनॉमिक टाइम्स और हिंदुस्तान टाइम्स समेत कई मीडिया आउटलेट्स की नवंबर, 2022 की रिपोर्ट में राहुल गांधी के 'पोथाराजुलु' परंपरा के हिस्से के रूप में कोड़ा मारने के बारे में ख़बर प्रकाशित की गयी थी. यह वीडियो तेलंगाना के संगारेड्डी ज़िले का है. कांग्रेस के आधिकरिक एक्स हैंडल से भी 3 नवंबर को इसका एक वीडियो शेयर किया गया था.
कांग्रेस के एक्स पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
बोनालु उत्सव
हैदराबाद ज़िले की अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक़, बोनालु एक हिंदू उत्सव है जिसमें देवी महाकाली की पूजा की जाती है. यह हैदराबाद और सिकंदराबाद समेत तेलंगाना के अन्य हिस्सों में मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्योहार है. बोनालु आमतौर पर आषाढ़ मास के दौरान मनाया जाता है जो जुलाई/अगस्त में पड़ता है. त्योहार की शुरुआत गोलकोंडा में होती है, माना जाता है कि जो महिलाएं बोनालु ले जाती हैं उनमें देवी मां की आत्मा होती है. जबकि, पोथुराजू, को देवी का भाई माना जाता है, जिसका प्रतिनिधित्व एक नग्न शरीर और सुगठित व्यक्ति द्वारा किया जाता है.
निर्णय
वायरल वीडियो के साथ यह दावा कि यह राहुल गांधी को मुहर्रम जुलूस में कोड़े मारते हुए दिखाता है, ग़लत है. क्योंकि इस वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ख़ुद को 'पोथाराजुलु' परंपरा के हिस्से के रूप में कोड़ा मारते हुए दिखाया गया है, जो तेलंगाना के प्रशंसित हिन्दू त्योहार बोनालु का एक अभिन्न अंग है.