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छात्राओं द्वारा मनचले युवक की पिटाई का पुराना वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल

नवम्बर 30 2023

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छात्राओं द्वारा मनचले युवक की पिटाई का पुराना वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल सोशल मीडिया पर इस वीडियो को "लव जिहाद" और सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

एफ़आईआर से पुष्टि होती है कि दिसंबर 2018 में उत्तर प्रदेश के बागपत में हुए इस मामले में छेड़छाड़ के आरोपी युवक का नाम कपिल चौहान है.

दावा क्या है?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो "लव जिहाद" और सांप्रदायिक रंग देकर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल यूनिफ़ॉर्म पहने कुछ लड़कियां एक लड़के को दौड़ा कर डंडे से पीटती नज़र आ रही हैं. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "वीडियो कहां से है पता नहीं, लेकिन यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि "हिंदू बेटियों" ने लव जिहादियों को सबक सिखाना शुरू कर दिया है." इस पोस्ट को अब तक 7 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी दावे के साथ वायरल अन्य पोस्ट यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं. 

वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. यह वीडियो दिसंबर 2018 का उत्तर प्रदेश के बागपत का है, जब छात्राओं ने छेड़छाड़ करने वाले कपिल चौहान नाम के एक युवक को पीटा था. 

“लव जिहाद” शब्द का इस्तेमाल राईट विंग द्वारा एक कथित साजिश सिद्धांत के तहत किया जाता है जिसमें मुस्लिम पुरुष गैर-मुस्लिम महिलाओं को प्यार या शादी के बहाने इस्लाम में धर्मांतरण करवाते हैं.

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

जब हमने वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजा तो वीडियो हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया की पूर्व संवाददाता इशिता भाटिया के 9 दिसंबर, 2018 के एक एक्स पोस्ट में मिला. इशिता ने कैप्शन में बताया था कि यूपी के बागपत में एक स्कूल की तीन लड़कियों ने स्कूल प्रशासन से शिकायत की अनसुनी करने के बाद अपनी शिक्षिका के साथ मिलकर स्कूल परिसर में एक छेड़खानी करने वाले युवक की पिटाई कर दी. इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में जवाब देते हुए बागपत पुलिस ने बताया था कि मामले में आरोपी को बड़ौत पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.

9 दिसम्बर, 2018 को प्रकाशित न्यूज़18 हिंदी की एक रिपोर्ट में वायरल वीडियो के समान दृश्य दिखाने वाली एक तस्वीर बतौर कवर फ़ोटो मौजूद है. इस रिपोर्ट में आरोपी युवक की पहचान कपिल चौहान के रूप में की गई है. 

रिपोर्ट के मुताबिक़, यह मामला बागपत के बड़का गांव स्थित धर्म सिंह सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज का है. आरोप है कि युवक अक्सर लड़कियों से छेड़छाड़ करता था. वह कॉलेज आते-जाते समय लड़कियों पर टिप्पणी करता था. एक दिन वह कॉलेज के अंदर घुस आया, जिसके बाद छात्राओं ने स्कूल का मुख्य द्वार बन्द कर लिया और उसे दौड़ा-दौड़ाकर डंडों से पीट दिया. अमर उजाला की एक रिपोर्ट में भी आरोपी युवक का नाम कपिल चौहान बताया गया है. 

वहीं, द क्विंट की वेबसाइट पर 10 दिसंबर 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट में इसी घटना का एक दूसरा वीडियो मौजूद है, जिसमें उन लडकियों में से एक को कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने उस युवक को सबक सिखाने के लिए उसकी पिटाई की ताकि वह किसी अन्य लड़कियों को परेशान करने की हिम्मत न कर सके. रिपोर्ट में एसएचओ संजीव कुमार का बयान मौजूद है, जिसमें उन्होंने आरोपी का नाम कपिल चौहान बताया है. वह आगे कहते हैं कि उसे आईपीसी की धारा 294 के तहत गिरफ़्तार किया गया है.

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने घटना के संबंध में दर्ज की गई एफ़आईआर को देखा और पाया कि बड़ौत थाने में दर्ज एफ़आईआर में आरोपी युवक का नाम कपिल और पिता का नाम राजेश दर्ज है. 

बड़ौत थाने में दर्ज एफ़आईआर कॉपी का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एन.सी.आर.बी/स्क्रीनशॉट)

निर्णय 

उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में छात्राओं से छेड़छाड़ करने वाले कपिल चौहान नाम के युवक की पिटाई का पांच साल पुराना वीडियो फ़र्ज़ी सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया गया है. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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