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राहुल गांधी ने नहीं कहा कि कन्हैया लाल के हत्यारों को माफ़ कर देना चाहिए

लेखक: मोहम्मद सलमान

नवम्बर 24 2023

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राहुल गांधी ने नहीं कहा कि कन्हैया लाल के हत्यारों को माफ़ कर देना चाहिए राहुल गांधी ने कहा कि कन्हैयालाल के हत्यारे भटके हुए थे और उन्हें माफ़ कर देना चाहिए. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

राहुल गांधी का 2022 का वह बयान जिसमें वह वायनाड ऑफिस में हुई हिंसा पर बोल रहे थे, उसे राजस्थान चुनाव से पहले कन्हैयालाल मामले से जोड़कर शेयर किया गया.

दावा क्या है? 

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है. चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान में सिलसिलेवार रैलियां की हैं. इस बीच राहुल गांधी का 2022 में राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड से जोड़कर एक कथित बयान सोशल मीडिया पर सामने आया है. 

दरअसल 28 जून, 2022, को राजस्थान के उदयपुर में दो मुस्लिम व्यक्तियों ने कन्हैयालाल नाम के एक दर्जी की निर्मम हत्या कर दी थी. कहा गया था कि कन्हैयालाल ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया था. नूपुर शर्मा ने पैग़म्बर मुहम्मद के बारे अपमानजनक टिप्पणी की थी.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई राईट विंग यूज़र दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी ने कहा कि कन्हैयालाल के हत्यारे भटके हुए थे और उन्हें माफ़ कर देना चाहिए. इस दावे को आगे बढ़ाते हुए एक यूज़र ने राहुल गांधी का वीडियो शेयर करते लिखा, "25 नवंबर को राजस्थान में आपका वोट कन्हैयालाल को इंसाफ़ दिलाने के लिए होना चाहिए." इन पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न देखने के लिए यहां, यहां, यहां और यहां देखें. 

वायरल पोस्ट्स में हिंसक प्रवत्ति वाले ग्राफ़िक्स हैं. इसलिए, हम उन्हें स्टोरी में शामिल नहीं कर रहे हैं. 

वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों के बारे कभी भी ऐसी टिप्पणी नहीं की. दरअसल उन्होंने बीते साल जुलाई में उनके वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों पर टिप्पणी की थी, जिसे फ़र्ज़ी तरीक़े से उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों से जोड़ दिया गया. 

सच्चाई क्या है?

हमने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कथित बयान की सच्चाई जानने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स खंगालीं लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो. 

इस दौरान इंडियन एक्सप्रेस कि एक रिपोर्ट हमारे सामने आई जिसमें बताया गया है कि कांग्रेस ने राहुल गांधी के बारे में भ्रामक ख़बर फ़ैलाने के लिए बीजेपी से माफ़ी की मांग की है. 

इस रिपोर्ट में, कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे गए एक पत्र का ज़िक्र किया गया है, जिसमें एक जुलाई को प्रसारित ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें उनके वायनाड कार्यालय पर हमले पर राहुल गांधी की टिप्पणियों को उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के साथ जोड़ा गया था.

जयराम रमेश ने जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा था कि राहुल गांधी अपने वायनाड कार्यालय पर एसएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा की गई टिप्पणी कर रहे थे, लेकिन इसे जानबूझकर और शरारती तरीके से पेश किया गया कि उन्होंने उदयपुर में कन्हैया लाल की जघन्य हत्या पर टिप्पणी की थी. 

इसके बाद, हमने राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में हुई तोड़फोड़ को लेकर उनके बयान को खोजा जो मनोरमा न्यूज़ और हमें न्यूज़18 केरला के यूट्यूब चैनल पर क्रमशः एक और दो जुलाई 2022 को अपलोड किया गया था.

मनोरमा न्यूज़ के वीडियो में 45 सेकंड की समयावधि पर एक पत्रकार ने राहुल गांधी से उनके कार्यालय के दौरे के बारे में सवाल पूछा था, जिसे तोड़ दिया गया था.

इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया था, "सबसे पहले यह मेरा कार्यालय है, लेकिन मेरा कार्यालय होने से पहले यह वायनाड के लोगों का कार्यालय है. यह वायनाड के लोगों की आवाज़ का कार्यालय है. यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण बात है जो किया गया है. देश में हर जगह आप यह विचार देखते हैं कि हिंसा से समस्याएँ उत्पन्न होंगी और हिंसा से कभी भी समस्याएँ हल नहीं होंगी. हालाँकि, जिन बच्चों ने ऐसा किया, मेरा मतलब है कि वे भी बच्चे हैं, इसलिए यह ठीक नहीं है. यह अच्छी बात नहीं है, उन्होंने गैरजिम्मेदाराना तरीके से काम किया है. मेरे मन में उनके प्रति कोई गुस्सा या दुश्मनी नहीं है."

आगे उन्होंने कहा, "वे बच्चे हैं. मुझे नहीं लगता कि वे इस तरह की चीज़ों के परिणाम को समझते होंगे. मुझे लगता है कि हमें उन्हें माफ़ कर देना चाहिए."

हमने पत्रकारों की राहुल गांधी से बातचीत के पूरे वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा. हमने पाया कि इस दौरान राहुल गांधी से उदयपुर हत्याकांड के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया.

राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय में क्या हुआ था?

इंडियन एक्सप्रेस की 26 जून, 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 जून को, सत्तारूढ़ सीपीआईएम की छात्र इकाई, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफ़आई) के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने कलपेट्टा, वायनाड में राहुल गांधी के कार्यालय तक मार्च किया था. उनकी मांग थी कि राहुल गांधी पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मामले पर हस्तक्षेप करें. एसएफ़आई कार्यकर्ता कथित तौर पर दीवार फांदकर कार्यालय परिसर में घुस गए, नारे लगाए, फर्नीचर फेंक दिया और कार्यालय के अंदर कुछ वस्तुओं को तोड़ दिया. इस घटना के बाद, केरला पुलिस ने 25 कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया था.

कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद राहुल गांधी ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 28 जून, 2022 को उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के बाद एक्स पोस्ट के ज़रिये दुःख जताया था. 

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, "उदयपुर में हुई जघन्य हत्या से मैं बेहद स्तब्ध हूं. धर्म के नाम पर बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती. इस हैवानियत से आतंक फैलाने वालों को तुरंत सख़्त सज़ा मिले. हम सभी को साथ मिलकर नफ़रत को हराना है। मेरी सभी से अपील है, कृपया शांति और भाईचारा बनाए रखें."

यह पहली बार नहीं है जब कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को भटका हुआ और उन्हें माफ़ कर देने के राहुल गांधी के फ़र्ज़ी बयान को सोशल मीडिया पर फैलाया गया है. इस हत्याकांड के हफ़्ते भर बाद ही, अपने वायनाड कार्यालय में हुई हिंसा पर टिप्पणी करते राहुल गांधी के आधे-अधूरे वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था कि उन्होंने कन्हैयालाल के हत्यारों को "बच्चा" कहा था. उस समय लॉजिकली फ़ैक्ट्स (यहां पढ़ें) समेत तमाम फ़ैक्ट-चेकर संगठनों ने इसका फ़ैक्ट-चेक किया था. 

ज़ी न्यूज़ ने भी इसपर एक वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित की थी. हालांकि, बाद में चैनल ने अपनी ग़लती के लिए माफ़ी मांग ली थी.

निर्णय 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्हैयालाल के हत्यारों को भटका हुआ और उन्हें माफ़ करने देने का बयान नहीं दिया. राहुल गांधी अपने वायनाड कार्यालय पर तोड़फोड़ करने वालों पर टिप्पणी कर रहे थे, जिसे फ़र्ज़ी तरीक़े से कन्हैया लाल के हत्यारों के संबंध में उदयपुर मामले से जोड़ दिया गया. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

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