लेखक: राहुल अधिकारी
अगस्त 30 2023
वायरल दावा ग़लत है. यह वीडियो नासा के क्यूरियोसिटी मार्स रोवर द्वारा खींची गई मंगल ग्रह की 360-डिग्री तस्वीर को ज़ूम करके बनाया गया है.
दावा क्या है?
भारत के चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग हुई. 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला चंद्रयान-3 अपनी 40 दिनों के सफ़र के बाद 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर उतरा. इस बीच सोशल मीडिया पर कई असंबंधित वीडियो चंद्रयान- 3 से जोड़कर शेयर किये जा रहे हैं.
ऐसा ही एक वीडियो फ़ेसबुक पर खूब शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा से अपना पहला वीडियो भेजा है. इस 3 मिनट लंबे ब्लैक एंड वाइट वीडियो में एक चट्टानी सतह दिखाई गई है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह चंद्रमा की सतह है. एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया, “चंद्रयान 3 ने चंद्रमा से अपना पहला वीडियो भेजा. देखिये चाँद का अद्भुत नजारा.” कई अन्य यूज़र्स ने भी इसी दावे के साथ वीडियो फ़ेसबुक पर शेयर कर रहे हैं.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (Source: Facebook/Altered by Logically Facts)
हालांकि, वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. यह वीडियो नासा के क्यूरियोसिटी मार्स रोवर द्वारा खींची गई मंगल ग्रह की 360-डिग्री तस्वीर को ज़ूम करके बनाया गया था.
फ़ैक्ट चेक
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा और और पाया कि वीडियो के नीचे कुछ शब्द दिखाई दे रहे हैं. इसमें लिखा है, "यह दृश्य क्यूरियोसिटी रोवर से कैप्चर किया गया था..." वीडियो के अंत में, पाठ में लिखा था, "नासा के मार्स रोवर से नवीनतम 4K रिज़ॉल्यूशन के सबसे आकर्षक पैनोरमिक दृश्य ने 'मोंट मर्कौ' के ऊपर रहते हुए इस 360-डिग्री पैनोरमा को लिया.” हमने ऊपरी-बाएं कोने में एक लोगो भी देखा, जिस पर 'टीटी स्पेस' लिखा था, जिसमें पहला टी उल्टा लिखा हुआ था.
इससे संकेत लेते हुए, हमने पाया कि उसी वीडियो का एक लंबा वर्ज़न 8 अगस्त को यूट्यूब चैनल 'तवी टेक्निकल स्पेस' द्वारा शेयरकिया गया था. 8 मिनट लंबे इस कलरफुल वीडियो का शीर्षक था, "मार्स रोवर का पैनोरमिक कैम कैप्चर" मंगल ग्रह के जीवन का नवीनतम 360° अप्रत्याशित 4K वीडियो फुटेज." वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि वीडियो में “ऑनबोर्ड मास्ट कैमरों द्वारा ली गई मंगल ग्रह से 4k रिज़ॉल्यूशन में 360-डिग्री वास्तविक पैनोरमा तस्वीरें” दिखाई गई हैं.
हमने वायरल क्लिप की तुलना इस वीडियो से की और पाया कि पहले वाले को यूट्यूब वीडियो से हटा दिया गया है. वायरल क्लिप इस वीडियो के 0:28 टाइमस्टैम्प से शुरू होती है और 4:12 तक चलती है. चंद्रयान-3 से भेजे गए वास्तविक फुटेज के रूप में ऑनलाइन शेयर किए जाने से पहले सोर्स वीडियो से कुछ शॉट्स हटा दिए गए थे.
हमने दोनों वीडियो में एक अंडाकार आकार का गड्ढा और समान चट्टानों वालीं संरचनाएं देखीं. दोनों वीडियो में बैकग्राउंड में एक ही फ्रेम के साथ बिल्कुल एक जैसा टेक्स्ट चल रहा था. यूट्यूब चैनल ने वीडियो के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) को क्रेडिट दिया है.
वायरल वीडियो और यूट्यूब वीडियो के दृश्यों की तुलना (Source: Facebook/YouTube/Altered by Logically Facts)
हमने अपनी जांच के दौरान पाया कि वीडियो नासा के रोवर क्यूरियोसिटी द्वारा खींची गई मंगल ग्रह की 360-डिग्री तस्वीर के विभिन्न हिस्सों को ज़ूम करके बनाया गया था. वीडियो तस्वीर के भीतर छोटी वस्तुओं पर अल्ट्रा-ज़ूम करता है, और वीडियो क्रिएटर वीडियो के नीचे दिखाई देने वाले टेक्स्ट में कुछ सवाल उठाता है. जैसा कि ऊपर की तस्वीरों में देखा गया है, वीडियो क्रिएटर सवाल करता है कि क्या सतह पर गड्ढा कभी एक प्राचीन तालाब रहा होगा या चट्टान संरचनाओं के पीछे क्या रहस्य हैं.
क्यूरियोसिटी रोवर नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला द्वारा निर्मित एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान है, जिसका प्रबंधन कैलिफोर्निया के पासाडेना में कैलटेक द्वारा किया जाता है. हमें यह तस्वीर नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी वेबसाइट पर मिली.
तस्वीर मंगल ग्रह पर "जौ" नामक एक इम्पैक्ट क्रेटर को प्रदर्शित करती है, जिसे 25 जुलाई, 2023 को मिशन के 3,899 वें मंगल दिवस या ‘सोल’ पर रोवर के मास्टकैम का उपयोग करके कैप्चर किया गया था. तस्वीर 3 अगस्त, 2023 को प्रकाशित हुई थी. हमने यूट्यूब वीडियो की तुलना 360-डिग्री तस्वीर से की तो हमें समान गड्ढा और चट्टान की सतह दिखी. इसलिए, हमने निष्कर्ष निकाला कि यूट्यूब वीडियो तस्वीर को ज़ूम करके बनाया गया था.
यूट्यूब वीडियो और नासा की तस्वीर की तुलना (Source: YouTube/NASA/Altered by Logically Facts)
हमें दोनों दृश्यों में समान संरचनाएं नज़र आयीं, जैसे - एक बड़ी काले रंग की चट्टान जैसी वस्तु और एक छोटी भूरे रंग की संरचना. इसमें 3:37 टाइमस्टैम्प पर, यूट्यूब वीडियो में छोटी भूरी संरचना पर एक एडिटिंग लेयर दिखाई देती है, जिससे इसे हिंदू भगवान गणेश की मूर्ति का आकार दिया गया है. यूट्यूब वीडियो क्रिएटर एक एडिटिंग लेयर का उपयोग करता है जो बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई देती है और महज़ 6 सेकंड में ही ग़ायब हो जाती है. इसके साथ यह जोड़ा गया है कि "हिंदू भगवान गणेश की एक समान मूर्ति."
यूट्यूब वीडियो में नासा की तस्वीर पर एडिटिंग लेयर (Source: YouTube/NASA/Altered by Logically Facts)
इसके अलावा, हमें इसरो द्वारा शेयर किया गया ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला, जो चंद्रमा मिशन के आधिकारिक दृश्य दिखाता हो. इसरो ने अब तक केवल एक वीडियो जारी किया है जिसमें चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान को चंद्रमा पर दिखाया गया है. एक अन्य ट्वीट में, इसरो ने दो तस्वीरें भी शेयर की हैं - एक चंद्रमा पर गड्ढा प्रदर्शित कर रहा है और दूसरा रोवर का पथ दिखा रहा है.
निर्णय
यह दावा कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा से अपना पहला वीडियो भेजा है, ग़लत है. असल में, यह वीडियो नासा के क्यूरियोसिटी मार्स रोवर द्वारा खींची गई 360-डिग्री तस्वीर को ज़ूम करके बनाया गया है. तस्वीर 25 जुलाई को ली गई थी और चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग से पहले 3 अगस्त को प्रकाशित की गई थी.