लेखक: राहुल अधिकारी
फ़रवरी 23 2024
वायरल वीडियो 2021 का है और इसका मौजूदा किसानों के विरोध-प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है. यह यह पंजाब के एक धार्मिक मेले में कैप्चर किया गया था.
दावा क्या है?
पंजाब और हरियाणा में चल रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच, एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया है कि प्रदर्शनकारी किसान विरोध की आड़ में शराब बांट रहे हैं और पी रहे हैं. इस वीडियो में लोगों को शराब के कई ड्रमों से लदे एक ट्रक ट्रॉली से गिलास लिए भीड़ के बीच शराब लेते हुए दिखाया गया है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "कैमरे पर ब्लैकमेल करेंगे कि हम गरीब किसान, "अन्नदाता" हैं कैमरे के पीछे की हकीकत-"शराब दारू लंगर का आनंद #FarmerProtest2024.." इस पोस्ट को अब तक 379,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है और 6,500 से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं. यह वीडियो 2021 के किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान भी इसी दावे के साथ वायरल हुआ था. ऐसी पोस्टों के आर्काइव वर्ज़न यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो लुधियाना के धार्मिक मेले में 2021 के एक कार्यक्रम का है और मौजूदा विरोध प्रदर्शन से इसका कोई संबंध नहीं है.
हमने क्या पाया?
वीडियो के कीफ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजने पर सामने आया कि यह पुराना 13 सितंबर, 2021 को फ़ेसबुक पर "एबी व्लॉग्स" द्वारा शेयर किया गया था. हालांकि, पोस्ट में घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसके बाद, संबंधित कीवर्ड्स की मदद से खोज करने पर हमें 7 सितंबर, 2021 का एक यूट्यूब वीडियो मिला, जिसमें मिलते-जुलते दृश्य मौजूद थे. वीडियो के साथ पंजाबी में शीर्षक दिया गया था- "मेला बाबा रोडे शाह जी गांव कौनके कलां", जहां हर साल लंगर आयोजित किया जाता है, जिसमें मुफ़्त शराब बांटी जाती है. दोनों वीडियो में नीले ड्रम और पारदर्शी गिलासों का इस्तेमाल कर शराब परोसने के तरीके में समानता देखी जा सकती है.
फिर हमने बाबा रोडे शाह मेले के बारे में खोजबीन की, जिसमें पता चला कि यहां आने वाले भक्तों को 'प्रसाद' (पवित्र प्रसाद) के रूप में शराब परोसने की परंपरा है. यह वार्षिक आयोजन लुधियाना के काउंके कलां गांव में होता है.
हमें पंजाब के पत्रकार संदीप सिंह का 18 फ़रवरी, 2024 का यूट्यूब वीडियो भी मिला. इस वीडियो में, उन्होंने वायरल वीडियो का किसानों के मौजूदा विरोध प्रदर्शन से संबंध को ख़ारिज कर दिया. संदीप सिंह ने मेले के स्थान से रिपोर्टिंग करते हुए, वायरल और मेला वीडियो के बीच दृश्य मिलान की पहचान की, जिसमें एक ट्रक और फ्रेम में दिखाई देने वाली संरचनाएं शामिल थीं. उन्होंने वार्षिक मेले की कहानी को स्पष्ट करने के लिए स्थानीय लोगों का इंटरव्यू भी लिया.
पंजाब के पत्रकार संदीप सिंह के वीडियो का स्क्रीनशॉट जिसमें वायरल क्लिप की तुलना मेले के वीडियो से की गई है. (सोर्स: एक्स/इंस्टाग्राम/स्क्रीनशॉट)
पंजाब के पत्रकार संदीप सिंह के वीडियो का स्क्रीनशॉट जिसमें वायरल क्लिप की तुलना मेले के वीडियो से की गई है. (सोर्स: एक्स/इंस्टाग्राम/स्क्रीनशॉट)
पंजाब के पत्रकार संदीप सिंह के वीडियो का स्क्रीनशॉट जिसमें वायरल क्लिप की तुलना मेले के वीडियो से की गई है. (सोर्स: एक्स/इंस्टाग्राम/स्क्रीनशॉट)
हमें 7 सितंबर, 2021 की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिनमें बाबा रोडे शाह मंदिर में आयोजित धार्मिक मेले को कवर किया गया था.
स्वतंत्र पत्रकारों से पुष्टि
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने संदीप सिंह से संपर्क किया, जो किसानों के विरोध-प्रदर्शन को कवर कर रहे हैं, और उन्होंने बाबा रोडे शाह मेले से वीडियो के होने की पुष्टि की. उन्होंने कहा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से साइट का दौरा किया था और दिखाया कि वीडियो में किए गए दावे झूठे थे."
स्थानीय न्यूज़ आउटलेट 'डेली न्यूज पंजाब' के संपादक, लुधियाना स्थित पत्रकार रणजीत सिंह राणा ने भी 2021 में बाबा रोडे शाह मेले पर रिपोर्ट की थी. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि यह घटना काउंके कलां गांव की है. उन्होंने कहा, "यहां शराब परोसना प्रसाद माना जाता है. दरअसल, हर दिन प्रसाद के तौर पर शराब का इस्तेमाल किया जाता है."
फ़ेसबुक पर पंजाबी कीवर्ड के साथ खोज करने पर हमें स्थानीय मीडिया आउटलेट जन शक्ति न्यूज़ पंजाब का एक वीडियो मिला, जिसमें सितंबर 2021 में दावे का फ़ैक्ट-चेक किया था और स्पष्ट किया था कि इसमें प्रदर्शनकारी किसानों को नहीं बल्कि काउंके कलां में बाबा रोडे शाह मेले को दिखाया गया है.
निर्णय
किसानों के मौजूदा विरोध प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा वीडियो असल में लुधियाना में 2021 के एक धार्मिक मेले का है, जहां पारंपरिक रूप से शराब को 'प्रसाद' के रूप में बांटा जाता है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.
(ट्रांसलेशन: सलमान)