लेखक: मोहम्मद सलमान
नवम्बर 8 2023
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के 2018 के एक पुराने वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके उसे ग़लत दावे से शेयर किया गया है.
दावा क्या है?
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि वह एक सभा में लोगों को इस्लाम कबूल करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.
वीडियो में कन्हैया कुमार को कहते हुए सुना जा सकता है, “हमारा इतिहास यहां से जुड़ा हुआ है. हम सारे लोग यहां अरब से चलकर नहीं आये हैं. हम यहीं पर पले हैं बढ़े हैं और इस धर्म की जो ख़ासियत थी और जो पुराने धर्म हैं उसमें छुआछूत था उसकी वजह से लोगों ने छोड़कर इस धर्म को अपनाया है. क्योंकि यह पीस की बात करता है, बराबरी की बात करता है. मस्जिद में ऊंच-नीच नहीं होता है इस धर्म पर हमने इस धर्म को अपनाया है. इसको छोड़कर हम नहीं जायेंगे. हम ख़ुद को भी बचाएंगे और जो है कौम को बचाते हुए इस देश को भी बचाएंगे. यह हमारी बुनियादी ज़िम्मेदारी है. अल्लाह के पास बहुत ताक़त है. अल्लाह त’आला हमारी रक्षा करेंगे.”
इस वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर करते हुए यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि कन्हैया कुमार इस्लाम अपनाने का निमंत्रण दे रहे हैं. ऐसे लोगों को हिंदू बोलना और समझना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए, अब ये हिंदू नाम से दूसरे हिंदुओं को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. ऐसे ही दावे वाले पोस्ट्स के आर्काइव वर्ज़न यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो 2018 का है जब कन्हैया कुमार महाराष्ट्र के नांदेड़ में मुसलमानों को संबोधित कर रहे थे और मूल वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके शेयर किया गया है ताकि यह दिखाया जा सके कि उन्होंने इस्लाम अपना लिया है और लोगों से इस धर्म को अपनाने की अपील कर रहे हैं.
सच्चाई क्या है?
हमने संबंधित कीवर्ड्स की मदद से खोजबीन की तो हमें एक यूट्यूब चैनल ‘वन चैनल’ पर अगस्त 2018 में “कन्हैया कुमार ने नांदेड़ में मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी लोगो के सवालो के दिए जवाब” शीर्षक के साथ अपलोड किया गया वीडियो मिला.
वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक़, कन्हैया कुमार 25 अगस्त 2018 को महाराष्ट्र के नांदेड में आयोजित एक कार्यक्रम 'कन्हैया के साथ संवाद' में शामिल हुए थे. यह कार्यक्रम ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ द्वारा 'अल्पसंख्यक मुद्दे और उनके समाधान' विषय पर आयोजित किया गया था.
हमने इस वीडियो को देखा और पाया कि वीडियो में 11:50 मिनट की समयावधि पर कन्हैया कुमार कहते हैं, “देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने जामा मस्जिद की सीढ़ी से तक़रीर की और कहा कि यह मुल्क हम सबका है. किसी के कहने पर हम कहीं नहीं चले जाएंगे. इस मुल्क की मिट्टी में हमारा भी खून-पसीना है. हमारा इतिहास यहां से जुड़ा हुआ है. हम सारे के सारे लोग अरब से चलकर यहां नहीं आये हैं….इसको छोड़कर हम नहीं जाएंगे और तब इस देश के मुसलमानों ने इस देश में ही रहने का फ़ैसला लिया था.”
हमने पाया कि मूल वीडियो में वायरल वीडियो वाला हिस्सा 12:03 समयावधि पर शुरू होता है और कन्हैया कुमार देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद के 1947 में जामा मस्जिद में दिए गए भाषण का ज़िक्र कर रहे थे, न कि खुद के मुस्लिम होने की बात कबूल कर रहे थे.
इसके बाद, वायरल वीडियो में कन्हैया कुमार के “हम ख़ुद को भी बचायंगे और कौम को बचाते हुए इस देश को भी बचाएंगे..” वाले भाषण का हिस्सा मूल वीडियो में 16:00 मिनट की समयावधि पर मिलता है.
जबकि, वायरल वीडियो में “अल्लाह के पास बहुत ताक़त है. अल्लाह त’आला हमारी रक्षा करेंगे” वाला हिस्सा मूल वीडियो में 15:03 से 15:23 की समयावधि पर मिलता है, जहां कन्हैया कुमार सभा में मौजूद लोगों से उन लोगों को करार जवाब देने की बात करते हैं जो धर्म के रक्षक के रूप में आते हैं. कन्हैया कहते हैं, “कोई भी कौम का रहबर बनके आये और कहे कि हम धर्म बचाएंगे तो उनको भी आप बराबर जवाब दीजिये और कहिये कि हमारे अल्लाह के पास बहुत ताक़त है. अल्लाह त’आला हमारी रक्षा करेंगे. हम को धर्म बचाने वाला नहीं चाहिए. हमको वो चाहिए जो तालीम की बात करे, हमारे लिए रोज़गार की बात करे..”
हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि 2018 में मुस्लिमों को संबोधित करते कन्हैया कुमार के भाषण के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके संदर्भ से बाहर कर दिया गया और फ़र्ज़ी कहानी गढ़ने के लिए वीडियो क्लिप करके शेयर किया गया.
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जामा मस्जिद में दिया गया भाषण
देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने 1947 में जामा मस्जिद में मुसलमानों को संबोधित किया था। कन्हैया कुमार ने 2018 में महाराष्ट्र के नांदेड़ में मुसलमानों को संबोधित करते हुए अबुल कलाम के उसी भाषण का हवाला दिया था.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ऐसा हूबहू भाषण नहीं दिया था, जैसा कन्हैया कुमार मूल वीडियो में मौलाना आज़ाद के हवाले से कह रहे थे. वीडियो में, कन्हैया कुमार ने अपनी तरफ़ से ऐसी कोई अपील नहीं करते हैं.
यहां जानकारी के लिए हम आपको यह भी बता दें कि जब कन्हैया कुमार ने यह भाषण दिया था तब वह कांग्रेस के सदस्य नहीं थे. कन्हैया का यह वीडियो 2018 का है और वह 2021 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे.
निर्णय
वायरल वीडियो के साथ यह दावा कि कन्हैया कुमार इसमें लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए कह रहे हैं, ग़लत है क्योंकि मूल वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके संदर्भ से बाहर कर दिया गया और फ़र्ज़ी कहानी गढ़ने के लिए वीडियो क्लिप करके शेयर किया गया. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.