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नहीं, यह नासा द्वारा जारी किया गया चंद्रयान-3 का लैंडिंग वीडियो नहीं है

अगस्त 25 2023

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नहीं, यह नासा द्वारा जारी किया गया चंद्रयान-3 का लैंडिंग वीडियो नहीं है

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

अपोलो 11 चंद्रमा मिशन से संबंधित एक पुराना एनीमेशन वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया गया कि यह नासा द्वारा जारी चंद्रयान-3 लैंडिंग का वीडियो है.

संदर्भ

भारत का चंद्रयान-3 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया. 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला चंद्रयान-3 अपनी 40 दिनों के सफ़र के बाद 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर उतरा. चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद से सोशल मीडिया पर ढेरों वीडियो और तस्वीरें वायरल हैं. 

इस बीच, एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग का वीडियो जारी किया है. वीडियो में एक अंतरिक्ष मॉड्यूल को चंद्रमा के वायुमंडल पर मंडराते और चंद्रमा की सतह पर उतरते हुए दिखाया गया है. 

ज़ी न्यूज़ एंकर शोभना यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 59 सेकंड के इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया, “#Chandrayaan3Landing #NASA नासा के द्वारा जारी चन्द्रयान की लैंडिंग” इस ट्वीट को अब तक 16 हजार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. एबीपी न्यूज़ के पत्रकार ने भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया है. इसके अलावा, फ़ेसबुक पर भी कई यूज़र्स इसे शेयर कर रहे हैं.

वायरल पोस्ट का स्क्रीनग्रैब (सोर्स : X/@ShobhnaYadava, X/@Akhilesh_tiwa)

हालांकि, वायरल दावा ग़लत है. यह अपोलो 11 की लैंडिंग का सीजीआई एनीमेशन वीडियो है. 

फ़ैक्ट चेक 

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने वीडियो के साथ किये जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर उसपर रिवर्स इमेज सर्च किया. इस दौरान हमें 20 जुलाई, 2023 को 'हेज़ग्रेयार्ट' नाम के यूट्यूब चैनल पर शॉर्ट्स रूप में पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला. इसका शीर्षक था, "अपोलो 11 मून लैंडिंग." 

इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि अपोलो 11, एक अमेरिकी मिशन था जिसमें पहली बार चंद्रमा पर मनुष्यों को उतारा था. 16 जुलाई 1969 को लॉन्च किये गए इस मिशन में 3 अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं- नील आर्मस्ट्रांग, बज़ एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स. अंतरिक्ष उड़ान 24 जुलाई, 1969 को धरती पर वापस आई थी.

वायरल वीडियो और यूट्यूब शॉर्ट्स की तुलना (सोर्स: X/@ShobhnaYadava,YouTube/@Hazegrayart)

हमें 'हेज़ग्रेयार्ट' के यूट्यूब चैनल पर ही वीडियो का लंबा वर्ज़न 8 जून, 2021 को अपलोड हुआ मिला. इसका शीर्षक था "द अपोलो 11 मून लैंडिंग: ए हिस्टोरिक मोमेंट इन स्पेस एक्सप्लोरेशन." हमने पाया कि वायरल वीडियो इसी लंबे वर्ज़न का क्लिप किया हुआ हिस्सा है. इस वीडियो में हम 0:45 सेकंड की समयावधि पर चंद्रमा पर मंडराते मॉड्यूल की वायरल क्लिप देख सकते हैं, और ऑडियो भी वायरल वीडियो से मेल खाता है. इसके अलावा, 1:23 सेकंड और 2:41 सेकंड की समयावधि पर उसी वायरल हिस्से को देखा जा सकता है. 

इसी वीडियो को 8 जून, 2021 को नासा स्पेसफ़्लाइट फ़ोरम, एक निजी न्यूज़ वेबसाइट और फ़ोरम, पर शेयर किया गया था, और बताया गया था कि यह अपोलो 11 चंद्रमा लैंडिंग का ‘रियल-टाइम सिमुलेशन’ है. 

हमने हेज़ग्रेयार्ट यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला और पाया कि उन्होंने अंतरिक्ष और अंतरिक्ष यान/अंतरिक्ष उड़ानों से जुड़ी कई एनिमेटेड वीडियो बनाए हैं. हेज़ग्रेयार्ट के सीजीआई वीडियोज़ को कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी कवर किया गया है, और उन्हें ‘अंतरिक्ष तकनीक एनीमेशन विशेषज्ञ’ के रूप संबोधित किया गया है.  इससे यह स्पष्ट होता है कि यह हेज़ग्रेयार्ट द्वारा बनाया गया एक एनीमेशन वीडियो है. लॉजिकली फैक्ट्स ने इस वीडियो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हेज़ग्रेयार्ट से संपर्क किया है, और उनकी प्रतिक्रिया मिलते ही स्टोरी अपडेट कर दी जाएगी.

इसके अलावा, हमने पाया कि कुछ वायरल पोस्ट्स में वॉयसओवर के रूप में चलने वाले ऑडियो को ए. आर रहमान के गाने 'वंदे मातरम' के साथ जोड़ा गया है. ऑडियो में प्रतिष्ठित पंक्तियाँ भी शामिल हैं "ट्रैंक्विलिटी बेस हियर. ईगल हैज़ लैंडेड." ट्रैंक्विलिटी बेस चंद्रमा का वह स्थान है जहां अंतरिक्ष यात्री पहली बार चले थे जबकि ईगल अंतरिक्ष यान लूनर मॉड्यूल ईगल एलएम5 को संदर्भित करता है.

इसी बातचीत को नासा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 27 जुलाई, 2019 को अपलोड किए गए वीडियो में 2 मिनट की समयावधि पर सुना जा सकता है.

वीडियो के वॉयसओवर को 17 फरवरी, 2020 को बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किये गए वीडियो में 10.30 मिनट की समयावधि पर हम सटीक ऑडियो सुन सकते हैं. इस वीडियो का शीर्षक है - "अपोलो 11: द फाइनल 13 मिनट्स टू द मून …” इससे पुष्टि होती है कि ऑडियो अपोलो 11 मिशन का है.

इसके अलावा, वीडियो में नज़र आने वाला मॉड्यूल देखने में भारत के विक्रम लैंडर से अलग है. इसरो द्वारा जारी किये गए विक्रम लैंडर के एनिमेटेड दृश्य को देखने पर हम पाते हैं कि विक्रम लैंडर पर सुनहरे पैनल हैं, और इसका ऊपरी हिस्सा गोलाकार है, लेकिन वायरल वीडियो में मॉड्यूल ग्रे और लाल है, और ऊपरी हिस्सा एकदम सपाट है. इसरो के चंद्रयान -3 ब्रोशर और आधिकारिक साइट पर मौजूद विक्रम लैंडर की तस्वीर और वायरल वीडियो में नज़र आने वाले लैंडर में काफ़ी फर्क़ है.

वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले मॉड्यूल और विक्रम लैंडर मॉड्यूल की तुलना (सोर्स: X/@ShobhnaYadava, isro.gov.in/Chandrayaan3)

हमारी जांच में यह भी सामने आया कि कि नासा ने विक्रम लैंडर के लैंड होने का कोई वीडियो शेयर नहीं किया है. 

फ़ैसला 

अपोलो 11 चंद्रमा लैंडिंग मिशन से संबंधित एक पुराना एनीमेशन वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया गया कि यह नासा द्वारा जारी चंद्रयान-3 लैंडिंग का वीडियो है. इसलिए, हम इस दावे को ग़लत मानते हैं.

 

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