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बीजेपी द्वारा शेयर की गई सुले और पटोले की ऑडियो क्लिप एआई जनरेटेड है

By: Anurag Baruah

नवम्बर 21 2024

बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले नवंबर 19 को ये ऑडियो क्लिप शेयर करते हुए दावा किया कि ये 'मतदान धोखाधड़ी के सबूत' हैं. (सोर्स: फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर नवंबर 19 को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर कई ऑडियो क्लिप जारी किए, जिसमें दावा किया गया कि ये क्लिप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा 2018 की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी से जुड़े बिटकॉइन का चुनावों को प्रभावित करने के लिए दुरुपयोग करने के सबूत हैं. 

क्लिप में, सुले कथित तौर पर मेहता से कहती हैं, "बॉस, आप आगे बढ़कर सभी बिटकॉइन क्यों नहीं भुना लेते? अभी कीमतें अनुकूल हैं, और चुनाव नज़दीक आने के साथ, हमें पर्याप्त धन की ज़रूरत होगी. पूछताछ के बारे में चिंता न करें; एक बार जब हम सत्ता में आ जाएंगे, तो हम उन्हें संभाल लेंगे."

हालांकि, लॉजिकली फ़ैक्ट्स के विश्लेषण में संकेत मिले हैं कि यह ऑडियो क्लिप, अन्य ऑडियो क्लिपों के साथ, फ़ेक है और संभवतः आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से बनाई गई हैं.

यह रिकॉर्डिंग पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल के आरोपों के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि सुले और पटोले ने 2018 के मामले में ग़लत तरीके से इस्तेमाल किए गए बिटकॉइन को भुनाया और इसका इस्तेमाल इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनावों और मौजूदा महाराष्ट्र चुनावों के प्रचार के लिए किया.

पाटिल ने पुणे के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और तत्कालीन डिप्टी पुलिस कमिश्नर आईपीएस भाग्यश्री नवटेके का भी नाम कथित हेराफेरी में शामिल होने के लिए लिया. उन्होंने यह भी दावा किया कि सुले ने सारथी एसोसिएट्स नामक एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी गौरव मेहता से संपर्क किया था, जिस पर उन्होंने आरोप लगाया कि वह 2018 के धोखाधड़ी मामले में एक प्रमुख गवाह था.

चारों क्लिप में मेहता और गुप्ता, सुले और मेहता, पटोले और गुप्ता के बीच कथित बातचीत सुनाई देती है (आर्काइव यहां, यहां, यहां और यहां). इन क्लिप्स को कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने शेयर किया, जिनमें से अधिकांश बीजेपी समर्थक थे, जिन्होंने चुनावों के दौरान सुले और पटोले के कथित मिसकंडक्ट की आलोचना करने के लिए इन क्लिप्स का इस्तेमाल किया. 

वायरल ऑडियो क्लिप पोस्ट करने वाले ऑनलाइन हैंडल के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर गौरव मेहता और सुप्रिया सुले की आवाज़

ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर सुले मेहता से बात कर रही हैं, जिसमें एक महिला की आवाज़ में किसी को 'गौरव' कहकर संबोधित करते हुए चार रिकॉर्डिंग हैं. महिला को आगामी चुनावों के लिए बिटकॉइन के बदले में नकदी की मांग करते हुए सुना जा सकता है. वही आवाज़ 'गौरव' को आश्वस्त करती है कि उन्हें जांच को लेकर चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है और "एक बार जब वे सत्ता में आ जाएंगे" तो इसको संभाल लिया जाएगा.

बीजेपी के आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट की गई ऑडियो क्लिप का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, लॉजिकली फ़ैक्ट्स के विश्लेषण में वॉयस क्लिप में कई खामियां पाई गईं. सबसे पहले, शब्दों के बीच असामान्य रुकावटें हैं, जो एआई के इस्तेमाल का संकेत देती हैं. दूसरा, आवाज़ रोबोट जैसी लगती है, जिसमें आम इंसानी बोलचाल की लय नहीं है. साथ ही, सुले की आवाज़ के अन्य इंटरव्यू (आर्काइव यहां और यहां) से तुलना करने पर साफ़ फ़र्क दिखता है, जिससे लगता है कि यह ऑडियो क्लिप गढ़ी गई हो सकती है.

मिसइन्फॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस की डीपफेक एनालिसिस यूनिट (डीएयू), जिसका लॉजिकली फ़ैक्ट्स भी एक हिस्सा है, ने भी डीपफेक डिटेक्शन टूल हाइव ऑडियो डिटेक्टर, हिया एआई वॉयस डिटेक्शन, ट्रू मीडिया और डीपफेक-ओ-मीटर का उपयोग करके ऑडियो क्लिप का विश्लेषण किया.

डीपफ़ेक-ओ-मीटर ने ऑडियो क्लिप के एआई-जनरेटेड होने की उच्च संभावना का संकेत दिया, इसके पांच क्लासिफायर ने क्लिप के एआई-जनरेटेड होने की संभावना को 99.8 प्रतिशत, 100 प्रतिशत, 88.9 प्रतिशत, 77.7 प्रतिशत और 96.0 प्रतिशत पर रेट किया.

हाइव ऑडियो डिटेक्टर ने भी क्लिप के एआई-जनरेटेड होने की उच्च संभावना पाई. ट्रूमीडिया ने संकेत दिया कि क्लिप में हेरफेर के पर्याप्त सबूत हैं.

समग्र विश्लेषण में, टूल ने एआई-जनरेटेड ऑडियो डिटेक्टर के लिए 100% कॉन्फ़िडेंस स्कोर, ऑडियो प्रामाणिकता डिटेक्टर के लिए 97% कॉन्फ़िडेंस स्कोर, और वॉयस एंटी-स्पूफिंग विश्लेषण के लिए 95% कॉन्फ़िडेंस स्कोर दर्ज किया.

ऑडियो क्लिप के ट्रूमीडिया के विश्लेषण का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: ट्रूमीडिया वाया डीएयू/स्क्रीनशॉट)

हिया एआई वॉयस डिटेक्शन ने यह भी नोट किया कि ऑडियो एआई द्वारा जनरेट किया गया लगता है, साथ ही जोड़ा कि लाइव ह्यूमन मार्करों के साथ तीन प्रतिशत मिलान है.

पटोले और गुप्ता का कथित ऑडियो

इस क्लिप में, जिसके बारे में बीजेपी ने दावा किया है कि इसमें कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष नाना पटोले “पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता पर पैसे के लिए दबाव डाल रहे हैं”, एक पुरुष की आवाज़ यह कहते हुए सुनी जा सकती है, “अमिताभ, कल मैंने जो पैसे मांगे थे, उनका क्या हुआ?”

बीजेपी के आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट की गई ऑडियो क्लिप का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

मिसइन्फॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस के डीएयू द्वारा इस्तेमाल किए गए डीपफ़ेक डिटेक्शन टूल ने इस क्लिप में हेरफेर के बहुत कम सबूत पाए. डीएयू ने यह नोट किया कि यह दो कारणों से हो सकता है: एक, ऑडियो क्लिप का बेहद छोटा होना, जिसने टूल की हेरफेर का पता लगाने की क्षमता को सीमित कर दिया, और दूसरा, मराठी में सामग्री का विश्लेषण करने के लिए टूल का अपर्याप्त प्रशिक्षण

हालांकि, पुराने इंटरव्यू (आर्काइव यहां और यहां) से पटोले की असल आवाज़ के साथ ऑडियो क्लिप की तुलना करने पर काफ़ी अंतर नज़र आता है, जिससे पता चलता है कि क्लिप को गढ़ा गया हो सकता है; यहां उच्चारण भी अलग है.

गौरव मेहता और अमिताभ गुप्ता की कथित ऑडियो क्लिप

बीजेपी ने मेहता और गुप्ता के बीच बातचीत की कथित वॉयस रिकॉर्डिंग के दो सेट जारी किए हैं. एक में, एक पुरुष की आवाज़, जो मेहता की लगती है, किसी को "सर" कहकर संबोधित करते हुए यह कहते सुनाई देती है, "बिटकॉइन लेन-देन के बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है... अगर कोई जांच होती है... तो यकीन मानिए, कोई भी इसका पता हम तक नहीं लगा सकता."

बीजेपी के आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट की गई ऑडियो क्लिप का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

यहां, आवाज़ में कोई मॉड्यूलेशन नहीं है; इसके अलावा, मानवीय भाषण में वाक्यों के बीच स्वाभाविक विराम का अभाव है, जिससे आवाज़ रोबोट जैसी लगती है.

डीएयू ने ऑडियो क्लिप का विश्लेषण किया; हिया एआई वॉयस डिटेक्शन ने पाया कि यह ऑडियो एआई द्वारा जनरेट किया गया लगता है, और यह भी कहा कि इसमें लाइव ह्यूमन मार्करों के साथ 14 प्रतिशत मिलान है. ट्रूमीडिया ने संकेत दिया कि क्लिप में हेरफेर के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. इसी तरह, हाइव ऑडियो डिटेक्टर ने भी यह निष्कर्ष निकाला कि यह क्लिप एआई द्वारा बनाई गई है.

ऑडियो क्लिप के ट्रूमीडिया के विश्लेषण का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: ट्रूमीडिया वाया डीएयू/स्क्रीनशॉट)

बीजेपी द्वारा पोस्ट की गई दूसरी क्लिप में, जिसमें चार अलग-अलग वॉयस नोट्स हैं, एक पुरुष की आवाज़, जो कथित तौर पर गुप्ता की है, गौरव नाम के किसी व्यक्ति को संबोधित करते हुए सुनी जा सकती है, उससे बिटकॉइन के बदले बड़ी मात्रा में नकदी की व्यवस्था करने के लिए कह रही है.

बीजेपी के आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट की गई ऑडियो क्लिप का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

यहां, हिंदी नामों “लक्ष्मी”, “भाग्यश्री” और “विनोद” का अजीब उच्चारण एक ऐसी विसंगति है, जो एआई के उपयोग को दर्शाता है; इसके अलावा, इसमें अस्वाभाविक विराम हैं और कुछ जगहों पर विराम की कमी भी है.

गुप्ता के इंटरव्यू और स्पीच (आर्काइव यहां और यहां) के साथ तुलना करने पर यह स्पष्ट हुआ कि वायरल ऑडियो क्लिप में सुनी जाने वाली आवाज़ उनकी असली आवाज़ से मेल नहीं खाती, और उच्चारण भी उनके सामान्य भाषण से अलग है.

डीएयू ने ऑडियो क्लिप का विश्लेषण किया; ट्रूमीडिया ने यह संकेत दिया कि क्लिप में हेरफेर के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, जबकि हिया एआई वॉयस डिटेक्शन ने भी पाया कि ऑडियो एआई द्वारा जनरेट किया गया प्रतीत होता है, साथ ही यह भी कहा कि इसमें लाइव ह्यूमन मार्करों के साथ चार प्रतिशत मिलान है. इसी तरह, हाइव ऑडियो डिटेक्टर ने भी यह निष्कर्ष निकाला कि क्लिप के एआई द्वारा जनरेट किए जाने की उच्च संभावना है.

ऑडियो क्लिप के ट्रूमीडिया के विश्लेषण का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: ट्रूमीडिया वाया डीएयू/स्क्रीनशॉट)

सुप्रिया सुले और नाना पटोले की ऑडियो क्लिप पर प्रतिक्रिया

मंगलवार को, सुले ने कहा कि उन्होंने मेहता और पाटिल के खिलाफ़ भारत के चुनाव आयोग और महाराष्ट्र के साइबर अपराध पुलिस अधीक्षक के समक्ष “बिटकॉइन के दुरुपयोग के फ़र्जी आरोपों” को लेकर आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. एक एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) में, उन्होंने शिकायत की एक प्रति संलग्न की, जिसमें कहा गया कि “उनके आरोपों में फ़र्जी विश्वसनीयता जोड़ने के लिए” उनकी आवाज़ को फ़ेक बनाया गया था. उन्होंने एफ़आईआर दर्ज करने और जांच करने की भी मांग की है.


सुले ने संवाददाताओं से कहा, "यह मेरी आवाज़ नहीं है. ये सभी वॉयस नोट्स और संदेश फ़ेक हैं." 

कांग्रेस नेता पटोले ने भी कहा कि वे अपने ख़िलाफ़ लगे आरोपों से निपटने के लिए क़ानूनी कदम उठाएंगे. उन्होंने बताया कि बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी और अन्य के ख़िलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज की गई है, जिसके बाद मानहानि का मुक़दमा दायर किया जाएगा. 

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "प्रसारित की जा रही क्लिप में जो आवाज़ सुनाई दे रही है, वह मेरी नहीं है. यहां तक कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी भी मेरी आवाज़ पहचानते हैं."

हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दावा किया है कि उन्होंने ऑडियो क्लिप में सुनाई दे रही आवाज़ों को अपनी चचेरी बहन (सुले) और एक पूर्व सहयोगी के रूप में पहचाना है, और उनका कहना है कि स्वर और आवाज़ उनसे मेल खाती है. पवार ने मीडिया से कहा, "जांच की जाएगी और सच्चाई सामने आएगी."

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कथित ऑडियो क्लिप मीडिया को जारी किए, ने यह सवाल उठाया कि क्या अन्य कांग्रेस नेता भी बिटकॉइन लेनदेन में शामिल हैं (आर्काइव यहां). उन्होंने कहा, "क्या कांग्रेस पार्टी या उसके किसी नेता ने बिटकॉइन लेनदेन में भाग लिया है या नहीं?"

इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को आरोपों के संबंध में मेहता के रायपुर स्थित परिसर की तलाशी ली.

लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने टिप्पणी के लिए बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी से संपर्क किया है. जैसे ही जवाब मिलता है, इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.

(ट्रांसलेशन : मोहम्मद सलमान)

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