By: Mohammad Salman
अक्टूबर 18 2024
उत्तर प्रदेश के बहराइच में राम गोपाल मिश्रा की मौत ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया है. उनकी मौत के संबंध में सोशल मीडिया पर कई तरह की ग़लत सूचनाएं प्रसारित हो रही हैं. राम गोपाल की हत्या बहराइच के महाराजगंज कस्बे में दुर्गा मूर्ति विसर्जन जुलूस में दो समुदायों के बीच झड़प के दौरान हुई थी.
हिंदी न्यूज़ चैनल आजतक के कंसल्टिंग एडिटर और एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो 'ब्लैक एंड व्हाइट' पर दावा किया कि राम गोपाल मिश्रा के पैरों के नाखून खींचे गए थे, सिर पर नुकीले हथियार से हमला किया गया, आंखों के पास कई घाव और बिजली के झटके दिए गए थे.
इसी तरह, ज़ी न्यूज़ की एक वीडियो रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में "क्रूरता" के सबूत मिले हैं. दैनिक जागरण, जनसत्ता, ईटीवी भारत, ऑर्गनाइज़र सहित अन्य आउटलेट और सोशल मीडिया यूज़र्स (यहां और यहां देखें) ने भी इसी तरह के दावे किए हैं.
राम गोपाल मिश्रा की मौत पर न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित हेडलाइन्स (सोर्स: ईटीवी भारत/जागरण/जनसत्ता/ऑर्गनाइज़र/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि राम गोपाल मिश्रा की मौत का कारण 'गोली लगने से अत्यधिक रक्तस्राव' था. बहराइच के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) संजय कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बिजली के झटके, नाखून खींचने या चाकू से हमले का कोई ज़िक्र नहीं है. रिपोर्ट में बताया गया है कि मिश्रा को करीब 40 छर्रे लगे थे, जिनमें से दो छर्रे उनकी गर्दन के पास से शरीर के बाहर निकल गए. मौत का आधिकारिक कारण इन घावों के कारण शॉक और हैमरेज को बताया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आठ चोटों का ज़िक्र किया गया है:
- सीने पर 29 घाव (छर्रे घुसने के)
- दाहिने हाथ पर दो घाव (छर्रे घुसने के)
- बाएं हाथ पर तीन घाव (छर्रे घुसने के)
- चेहरे पर छह घाव (छर्रे घुसने के)
- गर्दन के पिछले हिस्से पर दो घाव (छर्रे निकलने के)
- बाएं भौं के ऊपर माथे पर एक छोटा सा घाव
- बाएं और दाएं पैर की उंगलियों के सिरे पर दो गहरे जलने के घाव
बहराइच के सीएमओ संजय कुमार से संपर्क करने पर, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मौत का कारण अत्यधिक रक्तस्राव और छर्रे लगने के कारण शॉक लगना था. उन्होंने बिजली के झटके और चाकू के घाव के दावों को ख़ारिज कर दिया, हालांकि उन्होंने माथे और पैर की उंगलियों पर निशानों को स्वीकार किया, जिनका कारण अभी भी अनिश्चित है.
उन्होंने कहा, "मृतक के शरीर पर जो कुछ भी देखा गया था, उसका पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है."
जब रामगोपाल मिश्रा की आंखें निकाले जाने के दावों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दोहराया कि सब कुछ पहले से ही रिपोर्ट में मौजूद है.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने केरल के फोरेंसिक सर्जन डॉ. अनमेश ए.के. से सलाह ली, जिन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की समीक्षा की. उन्होंने पुष्टि की कि इसमें बिजली के झटके या कई बार चाकू से वार करने का कोई ज़िक्र नहीं है, जैसा कि मीडिया में दावा किया गया था.
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में पहले पांच घावों में 40 छर्रे के घाव बताए गए हैं, जिनमें एक बाहर निकलने वाला घाव भी शामिल है. इसके अलावा, "पोस्टमार्टम में बाईं भौं के ऊपर माथे पर एक छोटे से कटे हुए घाव का ज़िक्र है. यह चोट आंखों को निकालने के प्रयासों का संकेत नहीं है," डॉ. अनमेश ने बताया. रिपोर्ट में मौत का कारण 'मृत्यु से पहले गोली लगने के कारण शॉक और हैमरेज' बताया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि "शॉक" का मतलब अत्यधिक रक्तस्राव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया है, न कि बिजली का झटका. पैर के अंगूठे पर जलने की चोटों का कारण अज्ञात है, और यह गोली लगने का परिणाम होने की संभावना नहीं है.
राम गोपाल मिश्रा की मौत के बारे में ग़लत सूचनाओं के प्रसार के बाद बहराइच पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान जारी कर अफ़वाहों का खंडन किया है. पुलिस ने कहा कि बिजली के झटके, नाखून खींचने और तलवार से हमला करने के दावे ग़लत हैं और इनका मकसद सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना है.
पुलिस ने कहा, "पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण गोली लगना पाया गया. इस घटना में एक व्यक्ति को छोड़कर किसी और की मौत नहीं हुई."
अक्टूबर 13 को बहराइच ज़िले के महसी में दुर्गा मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी. बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक़, विसर्जन यात्रा में शामिल भीड़ मस्जिद के बाहर डीजे बजा रही थी, जिस पर स्थानीय मुस्लिमों ने आपत्ति जताई थी. यहीं से विवाद शुरू हो गया और हिंसा और आगजनी हुई, जिसमें मिश्रा की मौत हो गई, जिन्हें गोली मार दी गई और घसीटा गया. गुस्साई भीड़ ने दुकानों, घरों और वाहनों में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा.
बीबीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम घरों, व्यवसायों और दुकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें दो दर्जन से अधिक संपत्तियों को आग लगा दी गई.
अक्टूबर को 17, पुलिस ने दो संदिग्धों, सरफ़राज़ और तालिम को हांडा बसहरी नहर के पास एनकाउंटर कर दिया, जो कथित तौर पर नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे. दोनों आरोपियों को इलाज के लिए ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
(एडिट: संयुक्ता धर्माधिकारी और नीतीश रामपाल)