लेखक: मोहम्मद सलमान
फ़रवरी 2 2024
बांग्लादेश के सिराजगंज में हुए इस हत्याकांड के आरोपी और मृतक एक ही परिवार के हैं. हत्या की वजह क़र्ज़ न चुका पाना था. इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है
ट्रिगर वार्निंग: इस रिपोर्ट में हिंसक दृश्य वाली तस्वीरें हैं. पाठकों को विवेक की सलाह दी जाती है.
दावा क्या है?
बांग्लादेश में मुसलमानों द्वारा एक हिंदू परिवार की निर्मम हत्या का दावा सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है. इस दावे की प्रमाणिकता के लिए वायरल पोस्ट में खून से लथपथ शवों की कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने तस्वीरों के साथ कैप्शन दिया, “बांग्लादेश में एक ही हिंदू परिवार के तीन सदस्यों की इस्लामवादियों ने घर में ही सिर काटकर हत्या कर दी.” इस पोस्ट को अब तक 16,000 से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. एक अन्य यूज़र ने कैप्शन दिया, “सिराजगंज में इस्लामवादियों ने बिकाश सरकार, उनकी पत्नी स्वर्णा सरकार और बेटी परमिता सरकार तुशी की सिराजगंज जिले के तराश उपजिला के बट्टाला स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई है.” (नोट: तस्वीरों की हिंसक प्रकृति के कारण, हम इन वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को स्टोरी में शामिल नहीं कर रहे हैं.)
वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि बांग्लादेश के सिराजगंज में हुए इस हत्याकांड के आरोपी और मृतक एक ही परिवार के हैं. मृतकों में विकास सरकार, उनकी पत्नी स्वर्णा रानी सरकार और एक बेटी है, और आरोपी उनका भांजा राजीव भौमिक है. इसमें कोई मुस्लिम एंगल नहीं है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
हमारी जांच के दौरान, हमें उसी हत्या से जुड़ी एक पोस्ट के कमेंट सेक्शन में बांग्लादेश के एक फ़ैक्ट-चेकर शोहानुर रहमान का एक कमेंट मिला, जिसमें उन्होंने लिखा कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है और मृतक विकास कुमार सरकार का भांजा राजीव कुमार भौमिक आरोपी है.
इससे हिंट लेकर, हमने कुछ बांग्ला और अंगेज़ी कीवर्ड्स के ज़रिये खोजबीन की, तो हमें इस घटना से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.
31 जनवरी, 2024, को प्रकाशित द डेली स्टार की रिपोर्ट में बताया गया है कि सिराजगंज के तराश उपज़िला में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या के आरोप में पुलिस ने मृतक विकास के भांजे राजीव कुमार भौमिक को गिरफ़्तार किया है. रिपोर्ट में सिराजगंज पुलिस अधीक्षक आरिफुर रहमान के हवाले से कहा गया है कि राजीव ने पुलिस के सामने कबूल किया कि मामा का 35 लाख टका क़र्ज़ नहीं चुका पाने के कारण उसने हत्या करने की योजना बनाई थी.
पुलिस ने 30 जनवरी की सुबह तराश नगर क्षेत्र के बारवारी मंदिर के पास स्थित घर के बंद कमरे से तीनों का शव बरामद किया. मृतकों में विकास सरकार (46), उनकी पत्नी स्वर्णा रानी सरकार (42) और 15 साल की बेटी है. विकास सरकार की पत्नी स्वर्णा रानी के भाई सुकोमोल चंद्र साहा ने तराश थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया था.
इस हत्याकांड को बांग्लादेश के प्रमुख मीडिया आउटलेट्स डेली स्टार इंग्लिश, फाइनेंसियल एक्सप्रेस, डेली ऑब्ज़र्वर, बांग्ला इनसाइडर समेत तमाम बांग्ला भाषी न्यूज़ आउटलेट्स ने कवर किया है. इन सभी रिपोर्ट्स में आरोपी का नाम राजीव भौमिक ही बताया गया है. इनमें से कुछ रिपोर्ट हमें बांग्लादेश से एक फ़ैक्ट चेकर द्वारा भी भेजी गई थीं.
हमें सिराजगंज पुलिस के फ़ेसबुक पेज पर इस घटना को लेकर जारी प्रेस स्टेटमेंट भी मिला. पुलिस स्टेटमेंट के मुताबिक़, राजीव ने शनिवार दोपहर (27 जनवरी) को अपने मामा को फोन पर पैसे देने के लिए बुलाया था. चूंकि विकास तराश उपज़िला से बाहर थे, इसलिए उन्होंने राजीव से अपनी मामी स्वर्णा को पैसे देने के लिए कहा. घर पहुचंकर उसने पहले मामी स्वर्णा और परोमिता को मारा. जब विकास घर लौटा, तो उसने उसे भी मार दिया. तीनों को मौत के घाट उतारने के बाद, वह दरवाजा बंद करके चला गया. उसने फिर अपने रिश्तेदारों और अन्य लोगों से संपर्क किया, और पीड़ितों के फ़ोन पर यह दिखाने के लिए कॉल भी की कि वह उनकी तलाश कर रहा है.
31 जनवरी को पुलिस अधीक्षक आरिफ़ुर रहमान की प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक वीडियो चैनल आई न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर भी उपलब्ध है. इसमें भी पुलिस अधीक्षक को मृतक के भांजे राजीव को हत्या के आरोपी के रूप में ज़िक्र करते हुए सुना जा सकता है.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह साफ़ हो गया है कि बांग्लादेश में मुस्लिमों द्वारा हिंदू परिवार की नृशंस हत्या का दावा फ़र्ज़ी है. मृतक विकास के भांजे राजीव ने ही मामा का क़र्ज़ न चुका पाने की वजह से परिवार समेत उनकी की हत्या की थी. इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. इसलिए हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं.