होम पश्चिम बंगाल में 'भगवा बाइक रैली' पर हमला? नहीं, ये पुराना वीडियो ओडिशा का है

पश्चिम बंगाल में 'भगवा बाइक रैली' पर हमला? नहीं, ये पुराना वीडियो ओडिशा का है

लेखक: मोहम्मद सलमान

मई 2 2024

शेयर आर्टिकल: facebook logo twitter logo linkedin logo
पश्चिम बंगाल में 'भगवा बाइक रैली' पर हमला? नहीं, ये पुराना वीडियो ओडिशा का है इस वीडियो के साथ दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में भगवा बाइक रैली पर लोगों ने हमला कर दिया. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

फैक्ट चैक

निर्णय असत्य

यह वीडियो ओडिशा के संबलपुर का है, जहां अप्रैल, 2023 में हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई बाइक रैली के दौरान हिंसा भड़क उठी थी.

दावा क्या है?

लोकसभा चुनाव 2024 के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सड़क पर दर्जनों बाइक बिखरी पड़ी हैं. वीडियो में कुछ लोग इन बाइकों में तोड़फोड़ कर रहे हैं और सामने भगवा झंडे लिए दिख रही भीड़ पर पथराव कर रहे हैं. इस वीडियो में युवक को अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए और हमले की अपील करते हुए भी सुना जा सकता है.

इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह घटना पश्चिम बंगाल की है, जहां 'भगवा बाइक' रैली पर हमला किया गया है. इस वीडियो के ज़रिये पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की जा रही है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, "'खूब खेला होबे’ देखिए ममता बानो के राज में “भगवा बाइक रैली” के साथ ऐसा “सलूक” किया जाता है?" इस पोस्ट को अब तक 25,000 से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

वायरल पोस्ट्स का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

हालांकि, यह वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि ओडिशा के संबलपुर का है, जहां पिछले अप्रैल, 2023 में हनुमान जयंती के मौके पर बाइक रैली के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. 

हमने सच का पता कैसे लगाया? 

हमने वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजा, हमें मोजो स्टोरी के यूट्यूब चैनल पर अप्रैल 15, 2023 को अपलोड किया गया एक वीडियो (आर्काइव) मिला, जिसमें वायरल वीडियो के समान दृश्य मौजूद हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़, यह घटना ओडिशा के संबलपुर की है.

वायरल वीडियो और मोजो स्टोरी के वीडियो का स्क्रीनशॉट. (एक्स, मोजो स्टोरी/स्क्रीनशॉट)

ओटीवी न्यूज रिपोर्ट (आर्काइव) में उस जगह के दृश्य भी शामिल हैं जहां वायरल वीडियो शूट किया गया था.

वायरल वीडियो और ओटीवी न्यूज के वीडियो का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स, ओटीवी न्यूज/स्क्रीनशॉट)

न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में घटना के बारे में जानकारी दी गई है कि ओडिशा के संबलपुर में अप्रैल हनुमान जयंती से पहले आयोजित एक बाइक रैली के दौरान हिंसा भड़क गई.  संबलपुर में अप्रैल 12, 2023 को शाम क़रीब 6 बजे हनुमान जयंती समन्वय समिति के सदस्यों, बजरंग दल कार्यकर्ताओं आदि द्वारा बाइक जुलूस निकाला गया था.  इस बीच, शहर में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई. इसमें कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये. घटना के बाद, शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस घटना के बारे में बताया गया है कि अप्रैल 12 को, रैली ने 3 किलोमीटर की दूरी तय की, जो शाम 5 बजे गोविंदटोला से शुरू हुई और भूतापाड़ा, मोतीझरन, सुनापाली और धनकौड़ा — अल्पसंख्यक आबादी वाले सभी इलाकों से होते हुए गोलबाजार की ओर बढ़ी. रिपोर्ट में हिंसा में घायल हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा है कि जब रैली शाम 6 बजे मोतीझरन चौक पहुंची, तो रैली में शामिल कुछ लोग वहीं रुक गए और "जय श्री राम" और "भारत माता की जय" के नारे लगाने लगे, जबकि ज़्यादातर लोग सुनापाली की ओर बढ़ गए. यहीं से उपद्रव शुरू हुआ. यह हिंसा शहर की नूरी मस्जिद के पास हुई थी. इस मामले में पुलिस ने क़रीब 32 लोगों को गिरफ़्तार किया था. 

इसके अलावा, हमने गूगल मैप्स पर स्ट्रीट व्यू के ज़रिये मस्जिद ‘नूरी’ के सामने सड़क पर ठीक उसी जगह की पहचान की, जहां वायरल वीडियो शूट किया गया था. बता दें कि स्ट्रीट व्यू में सड़क पर जो सजावट दिख रही है वो असल में ईद-मिलादुन्नबी की है. हमें आसपास कई पोस्टर और बैनर मिले जिनमें ईद मिलादुन्नबी का ज़िक्र था.

वायरल वीडियो और गूगल मैप्स का स्क्रीनशॉट. (एक्स, गूगल मैप्स/स्क्रीनशॉट)

निर्णय

हमारी अब तक की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि वायरल हो रहा वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि ओडिशा के संबलपुर का है. इसलिए, हम वायरल दावे को ग़लत मानते हैं. 

क्या आप फ़ैक्ट-चेक के लिए कोई दावा प्रस्तुत करना चाहेंगे या हमारी संपादकीय टीम से संपर्क करना चाहेंगे?

0 ग्लोबल फैक्ट चेक पूरा हुआ

हमारे जीवन पर असर डालने वाले फैसलों के लिए हम सूचना पर भरोसा करते हैं, लेकिन इंटरनेट के जरिए ग़लत सूचनाएं इतनी तेजी से लोगों तक पहुंचाई जा रही है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था.